
शीतला सप्तमी: एक पावन पर्व का महत्व एवं विधि
शीतला सप्तमी हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला एक प्रमुख व्रत और पर्व है। यह व्रत माता शीतला देवी को समर्पित होता है, जिन्हें रोगों से बचाने वाली और शुद्धता प्रदान करने वाली देवी माना जाता है। विशेष
शीतला सप्तमी हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला एक प्रमुख व्रत और पर्व है। यह व्रत माता शीतला देवी को समर्पित होता है, जिन्हें रोगों से बचाने वाली और शुद्धता प्रदान करने वाली देवी माना जाता है। विशेष
अभी तक आपको यही पढ़ाया गया है कि न्यूटन जैसे महान वैज्ञानिक ही कैलकुलस, खगोल विज्ञान अथवा गुरुत्वाकर्षण के नियमों के जनक हैं, लेकिन वास्तविकता यह है कि इन सभी वैज्ञानिकों से कई वर्षों पूर्व पंद्रहवीं सदी में दक्षिण भारत के स्वामी ज्येष्ठदेव ने ताड़पत्रों पर गणित के ये तमाम सूत्र लिख रखे हैं. इनमें से कुछ सूत्र ऐसे भी हैं, जो उन्होंने अपने गुरुओं से सीखे थे, यानी गणित का यह ज्ञान उनसे भी पहले का है, परन्तु लिखित स्वरूप में नहीं था.
प्रेम विवाह पर पहले भी कई टॉपिक लिखे गए है।आज फिर प्रेम विवाह पर बात करते है।प्रेम विवाह होने के लिए कुंडली का 7वा भाव भावेश और कुंडली का 5वा भाव भावेश का संबंध जिम्मेदार होता है।
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रामेश्वर कुण्ड🕉 एक समय श्री कृष्ण इसी कुण्ड के उत्तरी तट पर गोपियों के साथ वृक्षों की छाया
खूबसूरत रिश्ता है, मेरा और भगवान के बीच में ज्यादा मैं मांगता नहीं और कम वो देता नहीं…
“रमज़ान मे राम है होली मे अली, आओ अली होली खेले” मुँह छिपाते खुदा खाने 1955 में कभी
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हुताशनी पूर्णिमा – शबय शबय! शबय शबय! कोकण में होली के त्योहार को “आयनाचे बायना” कहा जाता है,
होली पर धन प्राप्ति के सरल उपाय आज हम आपको जो उपाय बताने जा रहे है वह सभी
किये कराया हटाने के उपाय – होली होली हिंदु धर्म का सबसे मुख्य त्योंहार माना जाता है जिसका
होली के पावन अवसर पर भक्त प्रह्लाद की कथा पुराणों में वर्णित कथाओं के अनुसार इसी पावन दिवस
इसका इंश्योरेंस नहीं मिलता… मेरा एक दुकानदार दोस्त है। वह अपने पैतृक व्यवसाय में लगा हुआ है। जब
हर्षल, नेपच्यून और प्लूटो ग्रहों का उल्लेख प्राचीन ग्रंथों में भी मिलता है हालाँकि हर्षल, नेपच्यून और प्लूटो
२० वर्षों की मेहनत से कमाया हुआ, एक ही वर्ष में 90% से अधिक खोना पड़ता है। इसके
कामदेव के तेरह तथ्य जानकर चौंक जाएंगे आप! हिन्दू धर्म में कामदेव, कामसूत्र, कामशास्त्र और चार पुरुषर्थों में
स्त्रियों के 16 श्रृंगार एवं उसका धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व हिन्दू महिलाओं के लिए 16 श्रृंगार का विशेष
बिल्व वृक्ष विशेष पंचपत्रबिल्व दर्शनम् बिल्व वृक्ष के आसपास सांप नहीं आते । अगर किसी की शव
दस दिशाओं के 10 दिग्पाल अतिमहत्वपूर्ण जानकारी पुराणानुसार दसों दिशाओं का पालन करनेवाला देवताओं को दिक्पाल की संज्ञा
नारी सम्मान और सशक्तिकरण: संस्कृति और वास्तविकता यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः।यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफलाः क्रियाः ॥
साबर मंत्र का उपयोग करके अपने जीवन के हर रहस्य को खोलें जीवन में कई ऐसे रहस्य और
वास्तु शास्त्र के विभिन्न नियमों द्वारा कैसे घर, ऑफिस और परिवार को खुशहाल बनाया जा सकता है हमारे
नक्षत्र ज्ञान 1) अश्विनी- नक्षत्र – अश्विनी , नक्षत्र देवता – अश्विनीकुमार , नक्षत्र स्वामी – केतु ,
100% शुद्ध प्राण वायु बनाने का सबसे सरल तरीका। आयुर्वेद ग्रंथों में हमारे ऋषि मुनियों ने पहले ही
गोंडी भाषा के संरक्षक: थोडसम कैलास की अनूठी मिशन यात्रा” सिर्फ अपने मोबाइल फोन के सहारे, तेलंगाना के
चंद्र ग्रह के संबंध में। चन्द्रमा माँ का सूचक है और मनं का करक है |शास्त्र कहता है
महादशा मे क्या उपाय करना उचित है। महादशा के उपाय ज्योतिष शास्त्र ग्रहों की गति एवं उसकी दशाओं
आकाश में महाशिवरात्रि: मृग और व्याध माघ कृष्ण चतुर्दशी, यानी महाशिवरात्रि, भगवान शिव की उपासना का पावन पर्व
“शिवशंकर” चांदोबा चांदोबा भाग गया क्या?यह गाना बचपन में भी मुझे ज्यादा पसंद नहीं था।“भाग गया क्या?”अरे, ये
सड़े गले केले का भी सदुपयोग एक अधिक पका हुआ केला खाने में आकर्षक नहीं लग सकता, लेकिन
कृपाचार्य तथा द्रोणाचार्य जन्म कथा बिना माँ के जन्मे थे कृपाचार्य और द्रोणाचार्य गौतम ऋषि के पुत्र का
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मराठी भाषा दिवस: एक महत्वपूर्ण पर्व परिचय भारत विविध भाषाओं, संस्कृतियों और परंपराओं का देश है। यहां हर
महाशिवरात्रि के शुभावसर पर पढ़े माता पार्वती एवं भूतभावन भोलेनाथ के विवाह की कथा तुलसीदास जी कहते हैं
गोंद-कतीरा का सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक है गोंद कतीरा तासीर में ठंडा है, इसलिए गर्मी
भक्तराज ध्रुव स्वयाम्भुव मनु और शतरूपा जी के दो (2) पुत्र और तीन (3) पुत्रियां थी। पुत्रों के
गणित ज्योतिष के तीन भेद गणित ज्योतिष के तीन भेद तंत्र गणित करण गणित सिद्धान्त गणित
समर्थ रामदास – छत्रपति शिवाजी के महान गुरु (श्री रामदास स्वामी नवमी विशेष) श्री रामदास स्वामी नवमी: एक
अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस: भाषा, संस्कृति और पहचान का प्रतीक भाषा किसी भी समाज की आत्मा होती है। यह
गजानन महाराज प्रकट दिन: एक दिव्य उत्सव गजानन महाराज, जिन्हें संत परंपरा में एक अद्भुत संत के रूप
छावा क्या लिखूं और कैसे लिखूं? छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र के रूप में जन्मा “छावा”… शंभू राजे…
छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती: एक महान योद्धा और प्रेरणा का प्रतीक भारत के इतिहास में वीरता, निडरता और
मैं इसे हर दिन पढ़ता हूँ, जब से मैंने इसे पहली बार पढ़ा था। इसने मुझे विनम्र बना
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हवन-यज्ञ क्यों ? प्रतिदिन यज्ञ का लाभ पाने की युक्ति 🔸आज भी आपको देशी गाय के गोबर
व्यवहार की इस्त्री ! कभी-कभी बहुत छोटी गलतियाँ हमें बड़े सबक सिखा जाती हैं। पिछले हफ्ते का एक
महाकुंभ 2025 प्रयागराज मेरा यह मानना है कि 2025 में प्रयागराज में संपन्न होने जा रहे महाकुंभ ने
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माघ पूर्णिमा मान्यता है कि माघी पूर्णिमा के तीन दिन पहले से पवित्र तीर्थ नदियों में स्नान करने
गुरू रविदास जी(रैदास) गुरू रविदास जी(रैदास) का जन्म काशी में माघ पूर्णिमा दिन रविवार को संवत 1433 को
धर्म रक्षक तथा धर्मान्तरण के विरोधी संत शिरोमणि श्री गुरु रविदास जी महाराज के जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं
कीर्ति कुंभ की एक बार ट्रेन से प्रयाग से वापस लौट रहे थे। संयोग से उस समय कुंभ
विभक्त योग विवाह बंधन समाज के सभी मंगलीक कार्यो में विशेष महत्व रखता है, पति – पत्नी का
विभिन्न भावों से शुक्र पहला भाव – आप सुंदर दिखने वाले और आकर्षक व्यक्तित्व वाले होंगे। आप अपनी
झकझोर देने वाला यथार्थ मुझे एक बात कभी समझ नहीं आई कि ये अभिनेता या अभिनेत्रियाँ ऐसा क्या
आई.सी.यू. अर्थात्… ‘I See You’ का कमरा अगर कभी अहंकार आ जाए, तो एक बार आई.सी.यू. का कमरा
अपराधी “मैंने ऐसा कौन-सा अपराध किया?” ये शब्द प्रमोद महाजन ने अपने अंतिम क्षणों में गोपीनाथ मुंडे से
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राग पत्नी का… फायदा दुनिया का! (एक सच्ची कहानी) हंसिए मत… यह सच है! बात 2004 की है।आज
सष्ठी व्रत (शीतला षष्ठी व्रत) और इसका महत्व परिचय हिंदू धर्म में व्रत एवं उपवास का विशेष महत्व
जन्मकुंडली के अलग अलग भावों में केतुदेव के फल प्रथम भाव में केतु- स्वयं की पहचान से अलगाव
शनि और सूर्य युति जन्म कुंडली में जिस भी भाव में स्थित हो, वह उस भाव से जुड़े
कैसे बनता है विष योग 1.चंद्र और शनि किसी भी भाव में इकट्ठा बैठे हो तो विष योग
यह लेख खालिद उमर, एक पाकिस्तानी पत्रकार द्वारा लिखा गया है। धरती पर मानवता का सबसे बड़ा समागम
तिल कुंद चतुर्थी: महत्व, पूजन विधि और लाभ हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार, चतुर्थी तिथि हर माह आती है,
माघ गुप्त नवरात्रि में माँ की उपासना के लिये दुर्गा सप्तशती अनुष्ठान विधि दुर्गा सप्तशती के अध्याय पाठन
भद्रा दोष: विचार एवं उपाययोजना भद्रा पूर्णिमा को सदैव उपस्थित होती है, केवल इसका कालखंड भिन्न हो सकता
माघ मास का माहात्म्य अठ्ठाईसवाँ अध्याय वशिष्ठजी कहने लगे कि हे राजा दिलीप! बहुत से जन-समूह सहित अच्छोद
माघ मास का माहात्म्य सत्ताईसवाँ अध्याय प्रेत कहने लगा कि हे पथिक! मैं इस समय तुम्हारे पास जो
माघ मास का माहात्म्य छब्बीसवाँ अध्याय पथिक कहने लगा कि हे प्रेत! तुमने सारस के वचन किस प्रकार
माघ मास का माहात्म्य पच्चीसवाँ अध्याय पिशाच कहने लगा कि हे मुनि! केरल देश का ब्राह्मण किस प्रकार
माघ मास का माहात्म्य चौबीसवाँ अध्याय लोमश जी कहने लगे कि वह राजा पहले तो तामिश्र नामी नरक
माघ मास का माहात्म्य तेईसवाँ अध्याय लोमश ऋषि कहने लगे कि जिस पिशाच को देवद्युति ने मुक्त किया
माघ मास का माहात्म्य बाईसवाँ अध्याय इतना कहकर भगवान अन्तर्ध्यान हो गए तब देवनिधि कहने लगे हे महर्षि!
माघ मास का माहात्म्य इक्कीसवाँ अध्याय लोमश जी कहने लगे कि पूर्व काल में अवंती देश में वीरसैन
माघ मास का माहात्म्य बीसवाँ अध्याय वेदनिधि कहने लगे कि हे महर्षि! धर्म को जल्दी ही कहिए क्योंकि
माघ मास का माहात्म्य उन्नीसवाँ अध्याय वह पाँचों कन्याएँ इस प्रकार विलाप करती हुई बहुत देर प्रतीक्षा करके
माघ मास का माहात्म्य अठारहवाँ अध्याय श्री वशिष्ठ ऋषि कहने लगे कि हे राजन! मैंने दत्तात्रेयजी द्वारा कहा
माघ मास का माहात्म्य सत्रहवाँ अध्याय अप्सरा कहने लगी कि हे रा़क्षस! वह ब्राह्मण कहने लगा कि इंद्र
माघ मास का माहात्म्य सोलहवाँ अध्याय कार्तवीर्य कहने लगा कि हे भगवान! वह राक्षस कौन था? और कांचन
माघ मास का माहात्म्य पंद्रहवाँ अध्याय दत्तात्रेयजी कहने लगे कि हे राजन! प्रजापति ने पापों के नाश के
माघ मास का माहात्म्य चौदहवाँ अध्याय कार्तवीर्य जी बोले कि हे विप्र श्रेष्ठ! किस प्रकार एक वैश्य माघ
माघ मास का माहात्म्य तेरहवाँ अध्याय विकुंडल कहने लगा कि तुम्हारे वचनों से मेरा चित्त अति प्रसन्न हुआ
माघ मास का माहात्म्य बारहवाँ अध्याय यमदूत कहने लगा कि जो कोई प्रसंगवश भी एकादशी के व्रत को
माघ मास का माहात्म्य ग्यारहवाँ अध्याय यमदूत कहने लगा कि हे वैश्य! मनुष्य को सदैव शालिग्राम की शिला
माघ मास का माहात्म्य दसवाँ अध्याय यमदूत कहने लगे कि हे वैश्य! एक बार भी गंगाजी में स्नान
माघ मास का माहात्म्य नवाँ अध्याय यमदूत कहने लगे मध्याहन के समय आया अतिथि, मूर्ख, पंडित, वेदपाठी या
माघ मास का माहात्म्य आठवाँ अध्याय यमदूत कहने लगा कि तुमने बड़ी सुंदर वार्ता पूछी है। यद्यपि मैं
माघ मास का माहात्म्य सातवाँ अध्याय चित्रगुप्त ने उन दोनों के कर्मों की आलोचना करके दूतों से कहा
माघ मास का माहात्म्य छठवाँ अध्याय पूर्व समय में सतयुग के उत्तम निषेध नामक नगर में हेमकुंडल नाम
माघ मास का माहात्म्य पाँचवाँ अध्याय दत्तात्रेय जी कहते हैं कि हे राजन! एक प्राचीन इतिहास कहता हूँ।
माघ मास का माहात्म्य चौथा अध्याय श्री वशिष्ठजी कहने लगे कि हे राजन! अब मैं माघ के उस
माघ मास का माहात्म्य तीसरा अध्याय तब राजा दिलीप कहने लगे कि महाराज यह पर्वत कितना ऊँचा और
माघ मास का माहात्म्य दूसरा अध्याय राजा के ऐसे वचन सुनकर तपस्वी कहने लगा कि हे राजन्! भगवान
माघ मास का माहात्म्य पहला अध्याय एक समय श्री सूतजी ने अपने गुरु श्री व्यासजी से कहा कि