
महाशिवरात्रि के शुभावसर पर पढ़े माता पार्वती एवं भूतभावन भोलेनाथ के विवाह की कथा
महाशिवरात्रि के शुभावसर पर पढ़े माता पार्वती एवं भूतभावन भोलेनाथ के विवाह की कथा तुलसीदास जी कहते हैं

महाशिवरात्रि के शुभावसर पर पढ़े माता पार्वती एवं भूतभावन भोलेनाथ के विवाह की कथा तुलसीदास जी कहते हैं

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गुरू रविदास जी(रैदास) गुरू रविदास जी(रैदास) का जन्म काशी में माघ पूर्णिमा दिन रविवार को संवत 1433 को

धर्म रक्षक तथा धर्मान्तरण के विरोधी संत शिरोमणि श्री गुरु रविदास जी महाराज के जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं

कीर्ति कुंभ की एक बार ट्रेन से प्रयाग से वापस लौट रहे थे। संयोग से उस समय कुंभ

विभक्त योग विवाह बंधन समाज के सभी मंगलीक कार्यो में विशेष महत्व रखता है, पति – पत्नी का

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झकझोर देने वाला यथार्थ मुझे एक बात कभी समझ नहीं आई कि ये अभिनेता या अभिनेत्रियाँ ऐसा क्या

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राग पत्नी का… फायदा दुनिया का! (एक सच्ची कहानी) हंसिए मत… यह सच है! बात 2004 की है।आज

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जन्मकुंडली के अलग अलग भावों में केतुदेव के फल प्रथम भाव में केतु- स्वयं की पहचान से अलगाव

शनि और सूर्य युति जन्म कुंडली में जिस भी भाव में स्थित हो, वह उस भाव से जुड़े

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तिल कुंद चतुर्थी: महत्व, पूजन विधि और लाभ हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार, चतुर्थी तिथि हर माह आती है,

माघ गुप्त नवरात्रि में माँ की उपासना के लिये दुर्गा सप्तशती अनुष्ठान विधि दुर्गा सप्तशती के अध्याय पाठन

भद्रा दोष: विचार एवं उपाययोजना भद्रा पूर्णिमा को सदैव उपस्थित होती है, केवल इसका कालखंड भिन्न हो सकता

माघ मास का माहात्म्य अठ्ठाईसवाँ अध्याय वशिष्ठजी कहने लगे कि हे राजा दिलीप! बहुत से जन-समूह सहित अच्छोद

माघ मास का माहात्म्य सत्ताईसवाँ अध्याय प्रेत कहने लगा कि हे पथिक! मैं इस समय तुम्हारे पास जो

माघ मास का माहात्म्य छब्बीसवाँ अध्याय पथिक कहने लगा कि हे प्रेत! तुमने सारस के वचन किस प्रकार

माघ मास का माहात्म्य पच्चीसवाँ अध्याय पिशाच कहने लगा कि हे मुनि! केरल देश का ब्राह्मण किस प्रकार

माघ मास का माहात्म्य चौबीसवाँ अध्याय लोमश जी कहने लगे कि वह राजा पहले तो तामिश्र नामी नरक

माघ मास का माहात्म्य तेईसवाँ अध्याय लोमश ऋषि कहने लगे कि जिस पिशाच को देवद्युति ने मुक्त किया

माघ मास का माहात्म्य बाईसवाँ अध्याय इतना कहकर भगवान अन्तर्ध्यान हो गए तब देवनिधि कहने लगे हे महर्षि!

माघ मास का माहात्म्य इक्कीसवाँ अध्याय लोमश जी कहने लगे कि पूर्व काल में अवंती देश में वीरसैन

माघ मास का माहात्म्य बीसवाँ अध्याय वेदनिधि कहने लगे कि हे महर्षि! धर्म को जल्दी ही कहिए क्योंकि

माघ मास का माहात्म्य उन्नीसवाँ अध्याय वह पाँचों कन्याएँ इस प्रकार विलाप करती हुई बहुत देर प्रतीक्षा करके

माघ मास का माहात्म्य अठारहवाँ अध्याय श्री वशिष्ठ ऋषि कहने लगे कि हे राजन! मैंने दत्तात्रेयजी द्वारा कहा

माघ मास का माहात्म्य सत्रहवाँ अध्याय अप्सरा कहने लगी कि हे रा़क्षस! वह ब्राह्मण कहने लगा कि इंद्र

माघ मास का माहात्म्य सोलहवाँ अध्याय कार्तवीर्य कहने लगा कि हे भगवान! वह राक्षस कौन था? और कांचन

माघ मास का माहात्म्य पंद्रहवाँ अध्याय दत्तात्रेयजी कहने लगे कि हे राजन! प्रजापति ने पापों के नाश के

माघ मास का माहात्म्य चौदहवाँ अध्याय कार्तवीर्य जी बोले कि हे विप्र श्रेष्ठ! किस प्रकार एक वैश्य माघ

माघ मास का माहात्म्य तेरहवाँ अध्याय विकुंडल कहने लगा कि तुम्हारे वचनों से मेरा चित्त अति प्रसन्न हुआ

माघ मास का माहात्म्य बारहवाँ अध्याय यमदूत कहने लगा कि जो कोई प्रसंगवश भी एकादशी के व्रत को

माघ मास का माहात्म्य ग्यारहवाँ अध्याय यमदूत कहने लगा कि हे वैश्य! मनुष्य को सदैव शालिग्राम की शिला

माघ मास का माहात्म्य दसवाँ अध्याय यमदूत कहने लगे कि हे वैश्य! एक बार भी गंगाजी में स्नान

माघ मास का माहात्म्य नवाँ अध्याय यमदूत कहने लगे मध्याहन के समय आया अतिथि, मूर्ख, पंडित, वेदपाठी या

माघ मास का माहात्म्य आठवाँ अध्याय यमदूत कहने लगा कि तुमने बड़ी सुंदर वार्ता पूछी है। यद्यपि मैं

माघ मास का माहात्म्य सातवाँ अध्याय चित्रगुप्त ने उन दोनों के कर्मों की आलोचना करके दूतों से कहा

माघ मास का माहात्म्य छठवाँ अध्याय पूर्व समय में सतयुग के उत्तम निषेध नामक नगर में हेमकुंडल नाम

माघ मास का माहात्म्य पाँचवाँ अध्याय दत्तात्रेय जी कहते हैं कि हे राजन! एक प्राचीन इतिहास कहता हूँ।

माघ मास का माहात्म्य चौथा अध्याय श्री वशिष्ठजी कहने लगे कि हे राजन! अब मैं माघ के उस

माघ मास का माहात्म्य तीसरा अध्याय तब राजा दिलीप कहने लगे कि महाराज यह पर्वत कितना ऊँचा और

माघ मास का माहात्म्य दूसरा अध्याय राजा के ऐसे वचन सुनकर तपस्वी कहने लगा कि हे राजन्! भगवान

माघ मास का माहात्म्य पहला अध्याय एक समय श्री सूतजी ने अपने गुरु श्री व्यासजी से कहा कि

बारह महिनों में अलग अलग वो ऐसी चीजें जिनका हम परहेज करके निरोगी रह सकते हैं। राजस्थानी कहावत

मौनी अमावस्या – महाकुम्भ का दूसरा अमृत स्नान महाकुम्भ का शुभारंभ पौष पुर्णिमा(13 जनवरी 2025) से हो चुका

अपामार्ग को चिरचिटा चिचड़ा भी बोलते हैं। इसके कई औषधीय गुण हैं। अपामार्ग को चिरचिटा, लटजीरा, चिरचिरा, चिचड़ा

अपनी राशि के अनुसार व्यवसाय या कार्य कार्य का क्षेत्र चुने मेष राशि वालो के लिए पेशा और

झोला लेकर महाकुंभ पहुंचीं 775 करोड़ की मालकिन, नाम जानकर चौंक जाएंगे आप सुधा मूर्ति, जो कि सियासत,

जन्मकुंडली में अस्त ग्रह और प्रभाव। कोई भी ग्रह जब सूर्य के बहुत निकट आ जाता है तब

कुंडली में राहू ग्रह से बनने वाले 21 विशेष शुभ-अशुभ योग और प्रभाव राहु एक विच्छेदात्मक ग्रह है,

जन्मपत्रिका में विभिन्न राजयोग विचार किसी भी कुंडली में लगन से केन्द्र भाव विष्णु स्थान कहलाते है एवं

महात्मा कपिल और राजन महात्मा कपिल ने यह कहा राजन! तुम्हारे यहाँ ब्राह्मण क्षत्रिय और वैश्य, इनका निर्वाचन

26 जनवरी गणतंत्र दिवस आप सभी को सुप्रभात, और आप सभी को गणतंत्र दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। यह

दोनों हथेलियों को रगड़ने के फायदे दोनों हाथों को नियमित रूप से एक-दूसरे पर रगड़ने के ज़बरदस्त फायदे,

पलक फड़कने के कारण !! आंख फड़कना (Eye Twitching) क्या है?अचानक से आंख या पलक का फड़कना एक

कर्ण-रोग (१) यदि मान्दि के साथ मंगल तृतीय स्थान में बैठा हो तो आतक कर्ण रोगी होता है।

23 जनवरी : पराक्रम दिवस, जन्म जयंती : नेताजी सुभाषचन्द्र बोस ♦स्वतन्त्रता आन्दोलन के दिनों में जिनकी एक

विटामिन B-12 की कमी से कमजोरी आई है? 5 शाकाहारी चीज़ें खाएं – हड्डियाँ मजबूत होंगी, (आरोग्य धनसंपदा

चेहरा धोने के लिए केमिकल युक्त फेसवॉश की जगह अपनाएं ये 6 प्राकृतिक चीज़ें (आरोग्य धनसंपदा शृंखला) चेहरे

सूर्य नमस्कार का अर्थ क्या है…? (आरोग्य धनसंपदा श्रृंखला) हमें स्कूल में आठवीं और नौंवी कक्षा में शरीर

नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती तुम मुझे खून दो और मैं तुम्हें आजादी दूंगा’- इस मशहूर नारे को

भगवान के तीन नाम- अच्युत, अनन्त और गोविन्द की महिमा का वर्णन- श्रीमहादेव जी ने पार्वतीजी के अनुनय

जुड़वा बच्चे है तो जीवन कैसा रहेगा दोनो का। व्यक्ति बहुत भाग्यशाली होते है जिन्हें दो बच्चों का

मंगल मेष राशि से सिंह राशि तक “सूर्य ” के साथ त्रिकोण आधिपत्य साझा करता है! मंगल मेष

जन्मकुंडली में बनने वाले कुछ महाधनी योग के बारे मे। मंगल चौथे, सूर्य पांचवें और गुरु ग्यारहवें या

क्रौंचवध कल देगलूरकर सर के घर पर एक अद्भुत पेंटिंग देखा, जो उन्हें प्रसिद्ध चित्रकार वासुदेव कामत से

गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति, नर्मदे सिंधु कावेरी जलेस्मिन् सन्निधिं कुरू’ – “महाकुम्भ” ♦ कब से कब

माघ मास विशेष माघ मास के स्नान से बढ़कर पवित्र पाप नाशक दूसरा कोई व्रत नही है.. एकादशी

अष्टम भाव कुंडली का सबसे अधिक अनिष्टप्रद भाव माना जाता है। यह भाव आयु, मृत्यु, आकस्मिक घटना, पूर्व

वकालत में कैरियर (सफल वकील) वकालत करके एक अच्छा और सफल वकील बन जाना यह अब कुण्डली में

भाग्योदय कब होगा और समयकाल। भाग्योदय मतलब अच्छा समय , अच्छी रोजगार/व्यापार(कैरियर)की स्थिति, सुख-सौभाग्य की वृद्धि, अच्छी आर्थिक

समस्याओं और कठिनाइयों का समाधान प्राचीन धर्मग्रंथों और मंत्रों द्वारा जीवन में आने वाली समस्याओं और कठिनाइयों का

सुवर्णप्राशन आपका बच्चा रोगमुक्त रहे इसके लिए सबसे महत्त्वपूर्ण है उसकी इम्युनिटी ( बिमारियों से लड़ने की प्राकृतिक

15-16 जनवरी को मंगल का विपरीत स्थिति में होना! क्या आपने सूर्यास्त के बाद पूर्वी आकाश में एक

बीमारी से मुक्ति कब तक मिल सकती है। जब कोई रोग या बीमारी आकर किसी जातक को घेर

जब भी कुंभ अर्ध कुंभ या महाकुंभ आता है बहुत सारे आई आईटियन, फॉरनर्स ..और औरते प्रकट हो

संदेह जब पति नहाने गया होता है, तभी उसके मोबाइल पर एक संदेश आता है:“हाय, गुड मॉर्निंग डियर”(संदेश