
वैदिक ज्योतिष में प्रत्येक ग्रह न केवल विभिन्न रोगों का कारक है, बल्कि शरीर पर विशिष्ट चिन्ह (चिह्न), तिल, मस्सा, कट या दाग आदि भी देता है।
वैदिक ज्योतिष में प्रत्येक ग्रह न केवल विभिन्न रोगों का कारक है, बल्कि शरीर पर विशिष्ट चिन्ह (चिह्न),
वैदिक ज्योतिष में प्रत्येक ग्रह न केवल विभिन्न रोगों का कारक है, बल्कि शरीर पर विशिष्ट चिन्ह (चिह्न),
भाव अनुसार शरीर के चिन्ह (तिल, दाग, घाव, कट, मस्सा आदि)” का अर्थ है – जन्मकुंडली के 12
संतान योग में कारक या बाधक ग्रह जन्म कुंडली में संतान कारक ग्रह ज्योतिष शास्त्र में संतान सुख
जन्म कुंडली में मारकेश दशा: ज्योतिषीय, वैज्ञानिक, और तांत्रिक विश्लेषण परिचय वैदिक ज्योतिष में जन्म कुंडली व्यक्ति
शुक्रवार को जन्म लेने वाले जातक का फलादेश शुक्रवार को शुक्रवार क्यों कहते हैं? शुक्रवार का नाम संस्कृत
कालिदास की दृष्टि से मानसून – ‘मेघदूत’ के माध्यम से भारतीय मानसून की जीवंत यात्रा आषाढ़ का पहला
मृत्यु का सम्मान या चिकित्सा का व्यापार? एक आश्चर्यजनक रीति चल पड़ी है, बुजुर्ग बीमार हुए, एम्बुलेंस बुलाओ,
छत्रपति शाहू महाराज जयंती पर विशेष लेख भूमिका भारतवर्ष की भूमि महापुरुषों की भूमि रही है, जिन्होंने समाज
जब व्यापार से बड़ा बन गया भरोसा वह रोज़ की तरह अपनी किराने की दुकान बंद करके गली
सच का जवाब: बेचैन मधुपुरी की कलम से “राहत इंदौरी” ने लिखा था कि-“सभी का खून है शामिल
ॐ दिशाशूल क्या होता है ? क्यों बड़े बुजुर्ग तिथि देख कर आने जाने की रोक टोक करते
क्या आप जानते हैं कि आपके गोत्र में कितनी शक्ति है? न कोई रीति। न कोई अंधविश्वास।यह आपका
हरिनाम में विलीन भक्त: श्रीहरिदास ठाकुर जय जय ठाकुर श्रीहरिदास नाममय देहमाया जाल से रक्षा करने वाले को
कुंभ लग्न की कुंडली में गुरु (बृहस्पति) का ज्योतिषीय, दार्शनिक, और आध्यात्मिक विश्लेषण कुंभ लग्न, जो शनि
वृश्चिक लग्न की कुंडली में मंगल और शनि का ज्योतिषीय, दार्शनिक, और आध्यात्मिक विश्लेषण वृश्चिक लग्न, मंगल
वृषभ लग्न की कुंडली में गुरु और शुक्र का वैदिक ज्योतिषीय और दार्शनिक विश्लेषण वृषभ लग्न, जो पृथ्वी
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस ध्यान दे हम एक दिन योग करके योगी नही हो सकते। प्रत्येक दिन यमनियमों के
बारिश के पूर्वानुमान का मास : आषाढ़ आनंद का आषाढ़ ज्येष्ठ के बाद आषाढ़ मास को बारिश के
कमल योग क्या है वैदिक ज्योतिष में कमल योग एक शुभ योग माना जाता है, जो कुंडली में
जन्म कुण्डली में केदार योग: एक विस्तृत ज्योतिषीय विश्लेषण केदार योग क्या है? केदार योग वैदिक ज्योतिष
दामिनी योग: परिभाषा, निर्माण, और कार्यप्रणाली दामिनी योग क्या है दामिनी योग वैदिक ज्योतिष में एक शक्तिशाली
“समय नहीं है” बारह घंटे का सफर अब चार घंटे में हो जाता है,फिर भी इंसान कहता है
आठ लक्ष्मियों का प्रतीक: समृद्ध जीवन का रहस्य हिंदू धर्म में आठ कोणों वाला तारा, जो दो एक-दूसरे
गुरु और शिष्य ज्ञान हमेशा झुककर ही हासिल किया जा सकता है खुद को ज्ञानी समझने से नहीं।।
एक वनवासी ऋषि हमारे बीच नहीं रहे, SSAV परिवार की ओर से अश्रुपूरित भावभीनी श्रद्धांजलि आज एक बहुत
शिवचरित्रमाला ( भाग 31 ) हौस से स्वराज्य को सजाना चाहिए गरीबी अगर किसी के हिस्से में आती
शिवचरित्रमाला (भाग 30) प्रचीतगढ़ पर प्राप्त धन संगमेश्वर से लगभग 12 किलोमीटर दूर शृंगारपुर नामक गांव है। यह
शिवचरित्रमाला (भाग 29) वे श्रद्धालु थे, परंतु प्रदर्शनविहीन छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपने कोंकण दौरे के दौरान चिपलून
शिवचरित्रमाला (भाग 28) वही गलतियाँ बार-बार उंबरखिंडी के अभियान में कारतलबखान उज़बेग की बुरी तरह से हार हुई।
सभी रूपों में दिव्यता का सार जिस प्रकार लोहा अपने रूप और कार्य के अनुसार चाकू, हल, बर्तन,
विवाह से पहले कुंडली मिलान: ज्योतिषीय, वैज्ञानिक, और सामाजिक विश्लेषण परिचय हिंदू संस्कृति में विवाह एक पवित्र
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शुक्र और शनि की युति: जन्म कुंडली के 12 भावों में प्रभाव – ज्योतिषीय, वैज्ञानिक और सूर्य सिद्धांत
ज्योतिष- ग्रह- नक्षत्र { कुंज केतु योग } सिंह राशि में बना कुंज केतु योग 07 जून से
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शिवचरित्रमाला भाग २7 बिना शब्दों के ही गूंजता है हमारा (दरारा) ! उंबरखिंड मानो 15 किमी लंबी बंदूक
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लेफ्टिनेंट जनरल सगत सिंह राठौड़, पुर्तगाल के मोस्ट वांटेड सगत सिंह राठौड़ शायद भारतीय सेना के एकमात्र ऐसे
शिवचरित्रमाला (भाग 26 )– एक भीषण गनिमी कावा शाइस्तेखान ने मराठा भूगोल और उनकी गनिमी कावा (गुरिल्ला युद्धनीति)
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शिवचरित्रमाला (भाग 23) शक्ति, युक्ति एकवटकर कार्य सिद्ध करना 9 मई 1660 को शाहिस्तेखान पुणे आया। उसी समय
भगवान कल्कि का अवतार कब, कहाँ, क्यों और कौन होंगे माता-पिता? धार्मिक एवं पौराणिक मान्यता के अनुसार जब
शिवचरित्रमाला भाग 22– अजगर की पकड़ शिवाजी महाराज द्वारा अफज़लखान ही नहीं, बल्कि कई आदिलशाही सरदारों को पराजित
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जब विश्व जानता था 10,000 तक, तब भारत ने गिन लिए अनंत तक के शून्य संस्कृत का एकं
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शिवचरित्रमाला भाग 17 महाराज की राजनीति एक शतरंज का खेल थी। छत्रपति शिवाजी महाराज ने आज से तीन
शिवचरित्रमाला भाग 16 यह चरित्र दधीचि का है, यह चरित्र मावलों का है जब महाराष्ट्र के हिंदवी स्वराज्य
शिवचरित्रमाला भाग 15 कठिन नहीं तो व्रत कैसा ? प्रारंभ से ही जिजाऊ माँ, शिवाजी महाराज और उनके
शिवचरित्रमाला भाग 14 हम मराठों के बेटे हैं, हमें मौत से डर नहीं लगता इसी कोंकण स्वारी (ई.
शिवचरित्रमाला भाग 13 “समुद्र भी मंथित हो उठा” शिवाजी महाराज द्वारा मोगल ठिकानों पर अचानक किए गए हमलों
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शिवचरित्रमाला भाग 11 राजनीति का खूब विस्तार करो, पर उसका आभास न होने दो! शिवाजी महाराज बहुत गहराई
विश्व तंबाकू निषेध दिवस: एक स्वस्थ जीवन की ओर पहला कदम हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू
रानी अहिल्या बाई होलकर देवी जयंती: एक प्रेरणादायी स्त्री नेतृत्व का पर्व भारत की गौरवशाली इतिहासगाथा में अनेक
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बलिदान की मिसाल: गुरु अर्जुन देव जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि गुरु अर्जुन देव जी, सिख धर्म के
शिवचरित्रमाला भाग 10 क्रांति पहले दिल में जन्म लेती है। सन 1649 के इस कालखंड में मोहम्मद आदिलशाह
शिवचरित्रमाला भाग 9 – चंद्रग्रहण शहाजीराजे भले ही सीधे जेल से रिहा हो गए, लेकिन ग्रहण समाप्त नहीं
शिवचरित्रमाला (भाग – 8 ) “हमारे सबसे भयंकर दुश्मन हैं – अज्ञान और आलस्य!” शहाजीराजे विजापुर में नजरबंद
शिवचरित्रमाला (भाग – 7 ) तीर्थरूपों के अपमान का हम प्रतिशोध लेंगे! विजापुर की बादशाही के खिलाफ छेड़े
नीच भंग राजयोग वैदिक ज्योतिष के अनुसार एक प्रबल राजयोग है जो व्यक्ति को सक्षम और समर्थ बनाता
शनि का रहस्य: कर्म, काल और खगोलीय विज्ञान का संतुलन शनि ग्रह वैदिक ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण और
क्या हमेशा शुभ फल देते हैं शुक्र और बुध? शुक्र एवं बुध दोनों ही स्वाभाविक शुभ ग्रह हैं।
शुभकर्तरि – पापकर्तरि योग किसी भी जातक की कुंडली में अनेक शुभाशुभ योग होते हैं। इन्हीं योगों के
“वीर सावरकर: एक क्रांतिकारी, विचारक और राष्ट्रभक्त” हर वर्ष 28 मई को हम ‘सावरकर जयंती’ के रूप में
शिवचरित्रमाला (भाग – 6 ) “ताकत और रणनीति से गूंज उठा शाही तख्त! शहाजी राजे को पकड़ लिया
शिवचरित्रमाला (भाग – 5 ) यह तो पत्थरों की बौछार है बेलसर की फत्तेखान की छावनी पर अचानक
शिवचरित्रमाला (भाग – 4 ) तेज हमला बहरे बाज़ की तरह बीजापुर का आदिलशाही सरदार फत्तेखान बड़ी सेना
शिवचरित्रमाला (भाग – 3) स्वराज्य चाहिए या पिता? जिजाऊसाहेब और शिवाजी राजे, शाहजी राजे से मिलने बेंगलुरु गए।
शिवचरित्रमाला (भाग – 2) संजीवनी मिलने लगी आदिलशाह ने पुणे क्षेत्र की जागीर शहाजी राजे के नाम पर
त्रिग्रहयोगफल जिसके, सूर्य, चन्द्रमा, मंगल तीनों ग्रह एकराशिमें होंय वह यंत्रविद्याका जाननेवाला, कूटविषे प्रवीण, वातरोगसे पीडित, बडा शूर
क्या इस धरती पर आपसे भी अमीर कोई है ? “दुनिया के सबसे धनवान व्यक्ति बिल गेट्स से
आध्यात्मिक युद्ध कला लंका का सुरक्षा कवच रावण ने अपना एयर और वाटर डिफेंस सिस्टम समुद्र में फिट
सोमवती अमावस्या: विशेष महत्व, पूजा विधि और धार्मिक मान्यताएँ भारतीय संस्कृति में प्रत्येक तिथि, वार और पर्व का
एक अमर प्रेमकथा – अनिल और कुसुमावती देशपांडे “रुसवा…” “रुसवा…” — एक कविता नहीं, जीवन की अनकही पीड़ा
जलेबी उसके जीवन का एक और आम सा “वर्क फ्रॉम होम” वाला दिन शुरू हुआ।घंटा भर ही काम
खाना खाना बंद करके भोजन लेना प्रारंभ करें इस्लामिक शब्द “खान” से खाना बना है! दोहा: ‘खाना’ खाते
वरिष्ठ खगोलशास्त्री डॉ. जयंत नारलीकर उनके निधन पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि जब मैं IUCAA (Inter-University Centre for Astronomy and
शिवचरित्रमाला (भाग – 1) और पुणे सहित पूरा क्षेत्र बदलने लगा ! उदात्त और तीव्र महत्वाकांक्षा वाली गरुड़
शिवचरित्रमाला (भाग 142) महाराज की मानसिक स्थिति का अध्ययन स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद कम से कम दो पीढ़ियों
संत मुक्ताबाई पुण्यतिथि और “मुंगी उडाली आकाशी” का आध्यात्मिक संदेश भारत की भक्ति परंपरा में संत मुक्ताबाई का
नल दमयंती विदर्भ देश में भीष्मक नाम के एक राजा राज्य करते थे। उनकी पुत्री का नाम दमयन्ती
भारत 2025: वैश्विक मंच पर आत्मविश्वास से भरी हुंकार चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, चौथी सबसे शक्तिशाली सेना बल्कि
गुस्से पर नियंत्रण का एक सुंदर उदाहरण एक वकील द्वारा बताया गया हृदयस्पर्शी किस्सा: “हमेशा की तरह ऑफिस
जगना है कैसे ? घंटों खड़े रहने में कोई शर्म नहीं और अगर बैठने की सीट मिल भी
संत चोखामेला जयंती अभंग क्रमांक १६६३ न करूँगा प्रयास से कोई काम, नाम गाऊँगा प्रेम से। इसके
केवट प्रेम जब केवट प्रभु के चरण धो चुका तो भगवान कहते हैं- “भाई ! अब तो गंगा
जन्म कुंडली मे राहु का खराब होना जब कुन्डली में राहु खराब होता है,तो दिमागी तकलीफ़ें बढ जाती
छत्रपति संभाजी महाराज जयंती एक वीर योद्धा की गौरवगाथा छत्रपती संभाजी महाराज, मराठा साम्राज्य के द्वितीय छत्रपती और