भारत की रणनीति
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, “ऑपरेशन सिंदूर” भारत की न्यूनतम लेकिन निर्णायक प्रतिरोध नीति का उदाहरण है। इसके तहत भारत ने पहले पाकिस्तान को कूटनीतिक रूप से घेरा, और जब उसके बाद भी आतंकी गतिविधियों में कमी नहीं आई, तो सैन्य स्तर पर यह जवाबी कार्रवाई की गई।
भारत सरकार ने ऑपरेशन के बाद एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा:
“यह कार्रवाई भारत की सीमाओं की सुरक्षा और नागरिकों की रक्षा के लिए की गई है। भारत युद्ध नहीं चाहता, लेकिन अगर देश पर हमला होता है तो हम चुप नहीं बैठेंगे।“
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने इस कार्रवाई पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और इसे “युद्ध थोपना” बताया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इसका जवाब अपने समय और रणनीति के अनुसार देगा। हालांकि, अब तक पाकिस्तान की ओर से किसी प्रत्यक्ष सैन्य जवाब की पुष्टि नहीं हुई है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
इस ऑपरेशन के बाद अमेरिका, फ्रांस और संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने बयान में कहा:
“हमें उम्मीद है कि यह तनाव बहुत जल्दी शांत होगा। दोनों देश शांति की ओर कदम बढ़ाएं।“
मीडिया कवरेज
भारत और विश्व भर के प्रमुख समाचार चैनलों ने “ऑपरेशन सिंदूर” को ब्रेकिंग न्यूज के रूप में दिखाया। टीवी पर जारी फुटेज और रिपोर्ट के अनुसार, कई आतंकी अड्डों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया है।
“ऑपरेशन सिंदूर” यह दर्शाता है कि भारत अब आतंकी हमलों का जवाब सिर्फ निंदा या चेतावनी से नहीं, बल्कि सटीक और सामरिक कार्रवाई से देने की नीति पर काम कर रहा है। यह ऑपरेशन न सिर्फ आतंकी नेटवर्क के लिए बड़ा झटका है, बल्कि एक संदेश भी है कि भारत अपनी संप्रभुता से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेगा।