चंद्र रूपी मन के दो हिस्से राहु केतु है राहु यानी सांसारिक तत्व और केतू यानी ईश्वरीय या आध्यात्मिक तत्व ।
राहु सांसारिक तत्व यानी अपकी संसार में जीने की होशियारी राहु यानी अपकी सांसारिक चतुराई अब ये सांसारिक चतुराई बुध यानी अकल पर निर्भर अपकी कुंडली में राहु बली होगा तो अपने इच्छाएं बहुत ज्यादा होंगी जैसे नाम दाम और अपरिग्रह की भावना बहुत ज्यादा होगी क्योंकि राहु माया है तो राहु का दिमाग चीजों को इकट्ठा करने में ज्यादा से ज्यादा सांसारिक चतुराई और भोगों में लगेगा अब क्युकी राहु के पास मुख तो है किंतु शरीर नही तो राहु चीजों को इकट्ठा कर सकता है पचा नहीं सकता और राहु की मायावी भूख कभी खत्म नहीं होती अपितु बढ़ती जाती है
राहु एक सांसारिक चतुराई है सांसारिक छल है जिसे एक व्यक्ति पड़ लिख कर किसी अधिकारी का चपरासी बन गया अब राहु के कारण चपरासी के मन में चतुराई आई की अधिकारी साहब तो बहुत कमा रहे है में भी उपर से रिश्वत बनाऊं तो चपरासी की यही चतुराई राहु है अब चपरासी का राहु खराब हुआ तो विजलेंस के छापे में चपरासी पकड़ा जाएगा ।
अब देखने योग्य ये बात है की चपरासी के पास जो रिश्वत का पैसा इकट्ठा होगा उसमे 10 20 30 साल लगेंगे एक रात में करोड़ों की रिश्वत नही मिलने वाली ।
क्या राहु सच में छप्पर फाड़ के धन दौलत देता है
राहु न तो धन का कारक है और न राहु के पास कोई धन का विभाग है राहु एक कलयुगी चतुराई है छप्पर फाड़ के धन देने का अर्थ होता है रातों रात अमीर बन जाना जेसे किसी व्यक्ति की लॉटरी लग जाए अब अपको और हमें ये जानना आवश्यक है की करोड़ों लोगो मे एक की लॉटरी लगती है लाखो की नही
अता स्पष्ट है की राहु की तरह ये भी छलावा ही है की राहु छप्पर फाड़ के देता है राहु एक मानसिक चालाकी या मानसिक असंतुष्टि है जो आपकी कुंडली में धर्म त्रिकोण कमजोर होने पर अधर्म से पैसा कमाने की तरफ आकर्षित करती है अगर कुंडली में धर्म त्रिकोण और बुध चंद्र गुरु जेसे ग्रह ठीक ठाक हो तो यही राहु आपके अंदर क्रिएटिविटी भरकर एक ही समय में दो तीन कार्य करवाकर सफल बनने में सहायक भी हो सकता है दूसरी तरफ राहु खराब होकर जुआ सट्टा लॉटरी क्रिकेट ऑनलाइन बेटिंग में पैसा लगवाकर आपकी हालत खराब कर सकता है
राहु का संबध अगर धन लाभ भावो से बने और धन लाभ भाव पीड़ित न हो तो राहु धन देगा इसके विपरीत राहु का संबध 5 8 12 भावो से बने तो राहु धन नाश कर देगा , याद रहे राहु खुद कोई रिजल्ट देने में सक्षम नहीं राहु हमेशा कंधा खोजता है राहु के रिजल्ट कंधा देने वाले ग्रह की स्थति पर निर्भर राहु दूसरे ग्रह के कंधे पर बंदूक रखकर अपने लक्ष्य को साधता है