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ससुराल वालों से कोई वाद-विवाद

ससुराल वालों से कोई वाद-विवाद हो जाने से या ससुराल से कोई परेशानी होने से कई लड़किया कुछ समय क़े लाइट मायक़े आ जाती हैं लेकिन ससुराल वाले या पति अपनी बहु/पत्नि को वापस नहीं ले जाने को तैयार होते हैं और न ही वापस बुलाना चाह रहे होते हैं तो आज इसी बारे मे बात करते हैं की लड़की मायके मे रह रही हैं तो ससुराल वापस जाएगी या नहीं और जाएगी तो कब तक या नहीं जाएगी और ससुराल जाने का हैं तो कब तक हैं।                                            

पहले तो ऐसे पति और पत्नि दोनों की कुंडली मे विवाह चलने क़े योग हों, तलाक आदि क़े योग न हो, दूसरी बात अब आप पत्नि की कुंडली मे सातवे भाव जो की शादी का भाव हैं, इस भाव स्वामी और इस भाव की स्थिति ठीक हैं, सातवे भाव और सातवे भाव स्वामी गुरु से दृष्टि और संबंध मे हैं तब लड़की/ आप ससुराल वापस ससुराल चली जाएगी, इसके आलावा सातवे भाव स्वामी सातवे भाव मे बैठा हो या सातवे भाव को देख रहा हैं और पति+वैवाहिक सुख का कारक गुरु ग्रह आप लड़की की कुंडली मे अच्छी स्थिति मे हैं तब शादी चलेगी और आप वापस ससुराल पति क़े पास चली जाएगी। इसी तरह सातवे भाव स्वामी का शुभ ग्रहो शुक्र बुध चन्द्रमा से दृष्टि या युति मे होना भी वापस ससुराल ससप्को भिजवा देगा।

 

अब ज़ब सातवे भाव या सातवे भाव स्वामी की जब अनुकूल ग्रह दशा आएगी तब या जो ग्रह वापस ससुराल चली जाएगी इसके आलावा जो ग्रह वापस ससुराल भेजनें क़े योग कुंडली मे बनाकर बैठे है उनकी दशा शुरू होते ही वापस ससुराल आप चली जाएगी. अब यदि उपरोक्त स्थिति और ग्रहयोग नहीं हैं वापड़ भेजनें वाले तब वापस नहीं जा पायेगी ससुराल। अब कुछ उदाहरणों से समझते हैं आप ससुराल जाएगी या नहीं और जाएगी तो कब तक और क्या कोई उपाय भी करने पड़ेंगे आपको आदि।                                                 

उदाहरण_अनुसार_मेष_लग्न1:-

मेष लग्न मे सातवे भाव स्वामी का शुक्र और सातवा भाव दोनों अगर शनि राहु केतु या मंगल ग्रहो से पीड़ित हैं या संबंध मे हैं तब शादी मे परेशानी क़े कारण लड़की घर रहा सकती हैं ससुराल  या पति से अनबन क़े कारण, अब ऐसी स्थिति मे सातवे भाव को गुरु ग्रह देख रहा हैं और गुरु का संबंध या प्रभाव शुक्र पर भी है तब लड़की ससुराल वापस चली जाएगी, पति क़े घर वापस बुलाया जायेगा या चली जाएगी।                                 

 

उदाहरण_अनुसार_कन्या_लग्न2:-

कन्या लग्न मे सातवे भाव स्वामी गुरु ग्रह होते हैं अब गुरु यहाँ राहु केतु से पीड़ित हो मतलब राहु केतु से संबंध बनाकर बैठे हो और सातवे भाव पर भी राहु या केतु का प्रभाव हो जैसे गुरु राहु 11वे भाव मे बैठे हैं तब वैवाहिक जीवन मे जीवनसाथी से अलग रहने की स्थिति हो सकती हैं गुरु की दशा मे, लेकिन अब 11वे भाव मे गुरु बैठकर अपने सातवे भाव को भी देख रहा हैं इस कारण लड़की वापस ससुराल पति क़े पास जाएगी, राहु केतु ग्रहो की शान्ति करा लेने से।                                  

 

उदाहरण_अनुसार_तुला_लग्न3:-

तुला लग्न मे सातवे भाव स्वामी मंगल होते हैं अब सातवा भाव और सातवे भाव स्वामी मंगल यहाँ शनि या राहु केतु से पीड़ित हैं तब ससुराल मे परेशानी अधिक पति या ससुराल से होने क़े कारण मायके आकर रह सकती है पर अब वापस ससुराल यहाँ लड़की तब ही जा पहगी जब मंगल बली होकर शुभ ग्रहो शुक्र बुध चन्द्रमा ग्रहो से संबंध मे हो।

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