शिक्षा या अंग्रेजी में कहे तो एजुकेशन जीवन का एक बहुत अभिन्न अंग है इसे से समाज मे एक अच्छी पहचान मिलती है तो आज इसी बारे में बात करते है कि आपकी सन्तान या आपके बच्चे की उच्च शिक्षा हो पाएगी या नही और अगर उच्च शिक्षा मिलने में किसी तरह की बाधाएं है तो समय रहते उपाय से उच्च शिक्षा हो जाएगी ?
कुंडली का 5वा भाव शिक्षा तो 9वे भाव उच्च शिक्षा का है का है अब अगर आपकी कुंडली या आपके बच्चे की कुंडली मे 5व और 9व भाव और इनके स्वामी दोनो बलवान और शुभ स्थिति में कुंडली मे बैठे हैं और बुध गुरु चन्द्रमा जो ज्ञान और मन के स्वामी है अगर बलवान और शुभ स्थिति में कुण्डली में बैठे हैं तब उच्च शिक्षा रहने वाली है बाकी 5वे भाव,5वे भाव स्वामी के साथ 9वा भाव, 9वे भाव स्वामी जितना बलवान होगा उच्च शिक्षा मिलने के लिए उतना अच्छा है। अब इसके विपरीत 5व भाव 5वे भाव स्वामी पीड़ित हैं पाप ग्रहों से बुध गुरु भी चन्द्रमा सहित पाप ग्रहों के प्रभाव में हैं या नीच के है तब पढ़ाई पूरी नही हो पाएगी सामान्य शिक्षा भी बाकी अगर 9वा भाव और 9वे भाव स्वामी किसी तरह अशुभ है या कमजोर होकर बहुत पीड़ित हैं तब गुरु बुध चन्द्रमा भी कमजोर है तब उच्च शिक्षा नही हो पाएगी। बाकी 5वे और 9वे भाव स्वामी या इन भावों का आपस मे सबन्ध है तब बहुत अच्छी उच्च शिक्षा होगी बाकी अगर ऐसी स्थिति उच्च शिक्षा की होने पर भी ग्रह पीड़ित हैं तब उपाय करने या बच्चे को करवाने या बच्चे के लिए करने से उच्च शिक्षा जरूर पूरी होगी, शिक्षा उच्च रहेगी।
अब कुछ उदाहरणो से समझते है उच्च शिक्षा किनके बच्चों की हो पाएगी और किनके बच्चों की नही ?
उदाहरण अनुसार वृश्चिक लग्न:- वृश्चिक लग्न में 5वे भाव स्वामी गुरु तो 9वे भाव स्वामी चन्द्रमा है अब गुरु चन्द्रमा और 5व+9व दोनो भाव और इन दोनों भावों के स्वामी कुंडली मे बलवान है किसी भी तरह से अशुभ नही है, पाप ग्रहों से पीड़ित नही है बुध भी बलवान है तब शिक्षा उच्च रहेगी, बाकी 9वा भाव कमजोर पीड़ित या अशुभ हुआ तब शिक्षा उच्च नही हो पाएगी।
उदाहरण अनुसार मकर लग्न:- मकर लग्न में 5वे भाव स्वामी शुक्र और 9वे भाव स्वामी बुध दोनो ही बलवान स्थिति में हैं और दोनो भाव भी बलवान है गुरु भी मजबूत है तब पढ़ाई उच्च रहेगी बाकी 9वा भाव 5वे भाव से जितना ज्यादा बलवान कुंडली मे है शिक्षा उतनी ऊची रहेगी। अगर 9वा भाव कमजोर दूषित हुआ तब शिक्षा उच्च नही हो पाएगी। ऐसी स्थिति में 5बे भाव की स्थिति ठीक है तब 9वे भाव को उपाय करके उच्च शिक्षा प्राप्त की जा सकती हैं।
उदाहरण अनुसार मिथुन लग्न:- मिथुन लग्न में 5वे भाव स्वामी साथ ही 9वे भाव स्वामी शनि दोनो बलवान होकर कुण्डली में बैठे हैं तब शिक्षा उच्च रहेगी बाकी दोनो ही भाव कमजोर है या पाप ग्रहों से पीड़ित हैं तब शिक्षा उच्च नही हो पाएगी।
5 और 9 दोनो भाव और इन दोनों भावों के स्वामी साथ ही गुरु शुक्र चन्द्र यह सब ही बहुत कमजोर या अशुभ स्थिति में कुण्डली में है तब अनपढ़ रहने की स्थिति भी रह सकती हैं, रहेगी।