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मकान कब तक खरीद पाएंगे

मकान हर एक व्यक्ति का सपना होता है तो आज इसी बारे में बात करते हैं कि अपना मकान कब तक खरीद पाएंगे और कितनी जमीन मतलब कितना बड़ा या छोटा कितने गज आदि का मकान आपके नसीब में खरीदना लिखा हुआ है आदि।।                                                         

कुंडली का चौथा भाव और चौथे भाव स्वामी और ग्रहो में मंगल साथ ही शनि मकान और जमीन के भाव और ग्रह है।अब आपकी कुंडली का चौथा भाव और चौथे भाव स्वामी साथ ही मंगल शनि कुंडली मे बलवान होकर, कोई राजयोग,शुभ योग बनाकर बैठे है तब मकान/जमीन खरीदने के लिए आपकी स्थिति कुंडली मे है अब जब चौथे भाव/चौथे भाव स्वामी की महदशा अन्तर्दशाये आएगी या मकान/जमीन के कारक मंगल की दशा आएगी तब केवल जमीन खरीद पाएंगे क्योंकि मंगल जमीन का कारक ग्रह है

और शनि की दशा आने पर बना बनाया मकान आदि खरीद पाएंगे क्योंकि शनि सीमेंट, सरिया, लोहा, बजरी, बजरफुट आदि का कारक है जो कि शनि इनका कारक है अगर चौथे भाव से किसी तरह मंगल का सम्बंध है तब जमीन खरीद कर मकान बनेगा ओऍ शनि का सम्बन्ध है तब आप मकान खरीदेंगे, अगर शनि मंगल किसी का सम्बन्ध नही है तब चौथे भाव और चौथे भाव स्वामी की स्थिति अनुसार जमीन या मकान खरीदेंगे या बनायेंगे।

अब कुछ उदाहरणो से समझते है मकान कब तक खरीद पाएंगे और खरीद पाएंगे या नही, या मकान बनायेगे साथ ही मकान सुख नसीब में है या नही आदि।।                                                                 

उदाहरण_अनुसार_मेष_लग्न:-

मेष लग्न में चौथे भाव स्वामी चन्द्रमा बलवान होकर बैठे है और चौथे भाव और चौथे भाव स्वामी राजयोग में है मंगल शनि बलवान है तब मकान आप बनायेगे जबकि अब चौथे भाव या चौथे भाव स्वामी से शनि या राहु का सम्बब्ध हुआ तब आप मकान खरीदेंगे, कुंडली अनुसार चौथा भाव/चौथे भाव स्वामी जितना मजबूत और शुभ होगा मकान उतना ज्यादा बड़ा, ज्यादा गज की जमीन में रहेगा।।           

उदाहरण_अनुसार_मिथुन_लग्न2:-

मिथुन लग्न में चौथे भाव स्वामी बुध बहुत बलवान है और बलवान होकर राजयोग बनाकर बैठे है तब शनि मंगल बलवान है और शनि से ज्यादा मंगल बलवान है तब जमीन लेकर मकान बनेगा और मंगल से ज्यादा शनि बलवान है तब मकान आप खरीदेंगे।।                                                                    

 

उदाहरण_अनुसार_धनु_लग्न3:-

धनु लग्न में चौथे भाव स्वामी गुरु बहुत बलवान होकर बैठे है और गुरु या चौथे भाव का सम्बन्ध शनि या राहु से है तब बना बनाया मतलब मकान खरीदेंगे और शनि राहु का कोई संबध नही है लेकिन गुरु बलवान है राजयोग आदि में है मंगल बहुत बलवान है तब आप मकान जमीन लेकर बनाएंगे तब आपका मकान हो पायेगा।।                                                                       

 

अब चौथे भाव और चौथे भाव स्वामी किसी तरह बहुत कमजोर, पीड़ित या अशुभ स्थिति में है तब मकान बनने या खरीदने में कमी रहेगी मतलब मकान खरीद या बना नही पाएंगे लेकिन मकान बनाने या खरीदने के योग है लेकिन कमजोर, पीड़ित या अशुभ स्थिति में है तब उपाय करके मकान आप बना या खरीद सकते है।।

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