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किस माह में क्या नहीं खाना चाहिए, खाया तो होगा गंभीर रोग

हिन्दू शास्त्रों और आयुर्वेद में भोजन के संबंध में बहुत कुछ लिखा है। जैसे किस वार को क्या क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, किस तिथि को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं और किस माह में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं। दरअसल, इसके पीछे वैज्ञानिक कारण है। प्रत्येक वार, तिथि या माह में मौसम में बदलावा होता है। इस बदलावा को समझकर ही खाना जरूरी है।

 

जैसे आप यह नहीं जानते हैं कि क्यों नहीं रात को दही खाना चाहिए और क्यों नहीं दूध के साथ नमक नहीं खाना चाहिए। आप इस संबंध में किसी डॉक्टर से पूछ लें। वैसे हम तो बता ही देंगे। खाने के मेल को भी जानना जरूरी है लेकिन फिलहाल यहां प्रस्तुत है कि किस माह में क्या नहीं खाना चाहिए और क्या खाना चाहिए। उल्लेखनीय है कि हिन्दू माह ही मौसम के बदलाव को प्रदर्शित करते हैं अंग्रेजी माह नहीं।

इसके लिए कुछ दोहे प्रचलित है

किस माह में क्या ना खाएं

।।चौते गुड़, वैशाखे तेल, जेठ के पंथ, अषाढ़े बेल।

सावन साग, भादो मही, कुवांर करेला, कार्तिक दही।

अगहन जीरा, पूसै धना, माघै मिश्री, फाल्गुन चना।

जो कोई इतने परिहरै, ता घर बैद पैर नहिं धरै।।।

किस माह में क्या खाएं

।।चैत चना, बैसाखे बेल, जैठे शयन, आषाढ़े खेल, सावन हर्रे, भादो तिल।

कुवार मास गुड़ सेवै नित, कार्तिक मूल, अगहन तेल, पूस करे दूध से मेल।

माघ मास घी-खिचड़ी खाय, फागुन उठ नित प्रात नहाय।।

चैत्र माह

यह माह अंग्रेजी माह के अनुसार मार्च-अप्रैल के बीच आता है। हिन्दू कैलेंडर के यह प्रथम माह है। इस माह से चैत्र नवरात्रि प्रारंभ होती है। चैत्र माह में गुड़ खाना मना है। चना खा सकते हैं।

वैशाख

यह माह अंग्रेजी माह के अनुसार अप्रैल-मई के बीच आता है। वैशाख माह में नया तेल लगाना मना है। इस माह में तेल व तली-भुनी चीजों से परहेज करना चाहिए। बेल खा सकते हैं।

ज्येष्ठ

 यह माह अंग्रेजी माह के अनुसार मई-जून के बीच आता है। जेठ माह में दोपहर में चलना खेलना मना है। इन महीनों में गर्मी का प्रकोप रहता है अत: ज्यादा घूमना-फिरना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। अधिक से अधिक शयन करना चाहिए।

इस माह बेल खाना चाहिए।

आषाढ़

 यह माह अंग्रेजी माह के अनुसार जून-जुलाई के बीच आता है। आषाढ़ माह में पका बेल न खाना मना है। इस माह में हरी सब्जियों के सेवन से भी बचें। लेकिन इस माह में खूब खेल खेलना चाहिए। कसरत करना चाहिए।

 

श्रावण (सावन)

यह माह अंग्रेजी माह के अनुसार जुलाई-अगस्त के बीच आता है। सावन माह में साग खाना मना है। साग अर्थात हरी पत्तेदार सब्जियां और दूध व दूध से बनी चीजों को भी खाने से मना किया गया है। इस माह में हर्रे खाना चाहिए जिसे हरिद्रा या हरडा कहते हैं।

 

भाद्रपद (भादो)

 

यह माह अंग्रेजी माह के अनुसार अगस्त-सितम्बर के बीच आता है। भादो माह में दही खाना मना है। इन दो महीनों में छाछ, दही और इससे बनी चीजें नहीं खाना चाहिए। भादो में तिल का उपयोग करना चाहिए।

 

आश्विन (क्वार)

 यह माह अंग्रेजी माह के अनुसार सितम्बर-अक्टूबर के बीच आता है। क्वार माह में करेला खाना मना है। इस माह में नित्य गुड़ खाना चाहिए।

 

कार्तिक

 

यह माह अंग्रेजी माह के अनुसार अक्टूबर-नवम्बर के बीच आता है। कार्तिक माह में बैंगन, दही और जीरा बिल्कुल भी नहीं खाना मना है। इस माह में मूली खाना चाहिए।

 

मार्गशीर्ष (अगहन)

यह माह अंग्रेजी माह के अनुसार नवम्बर-दिसंबर के बीच आता है। इस समय में भोजन में जीरे का उपयोग नहीं करना चाहिए। तेल का उपयोग कर सकते हैं।

 

पौष (पूस)

यह माह अंग्रेजी माह के अनुसार दिसंबर-जनवरी के बीच आता है। दूध पी सकते हैं लेकिन धनिया नहीं खाना चाहिए क्योंकि धनिए की प्रवृति ठंडी मानी गई है और सामान्यत: इस मौसम में बहुत ठंड होती है। इस मौसम में दूध पीना चाहिए।

 

माघ

यह माह अंग्रेजी माह के अनुसार जनवरी-फरवरी के बीच आता है। माघ माह में मूली और धनिया खाना मना है। मिश्री नहीं खाना चाहिए। इस माह में घी-खिचड़ी खाना चाहिए।

 

फाल्गुन (फागुन)

यह माह अंग्रेजी माह के अनुसार फरवरी-मार्च के बीच आता है। इस माह में सुबह जल्दी उठना चाहिए। इस माह में में चना खाना मना।

 

 

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