युद्ध के लिए पागल ना बने, कोई युद्ध नहीं हो रहा है।
भारतीय सेना एक रणनीतिक ऑपरेशन करने जा रही है कोई युद्ध नहीं।
हमारे सेनाध्यक्ष राष्ट्र की सर्वोच्च सैन्य संस्थाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनकी उपस्थिति, मौन और हर कदम, रणनीतिक गोपनीयता और राष्ट्रीय सुरक्षा का हिस्सा होता है —
न कि सोशल मीडिया पर आपके द्वारा की जा रही ट्रोलबाजी या व्यंग्य का विषय।
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कर दिया है — भारतीय सेना को खुली छूट दे दी गई है।
अब सेना क्या करेगी, कैसे करेगी —
यह वे न तो किसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताएंगे और न ही आपको बताएंगे।
आपमें कितना जोश है, यह जानना है तो ज़रा इन बातों को करके देखिए:
20–30 किलो वजन लेकर 500 मीटर ऊँचाई तक सीढ़ियाँ चढ़ते हुए दौड़िए।
घने अंधेरे में, जहाँ सांप, बिच्छू और जंगली जानवर हों — पूरी रात चलकर देखिए।
जहाँ गोलियाँ और बम बरस रहे हों, वहाँ सीने पर जान लेकर अंदर घुसिए।
-25°C से -50°C की बर्फ में सिर्फ एक रात गुजार कर देखिए।
और हमारे सैनिकों को यह सब करना पड़ेगा ऑपरेशन के समय। इसलिए जोश होना अच्छी बात है — लेकिन उन्माद नहीं।
ऐसे उन्माद से हमारे सैनिकों का खून बह सकता है — और याद रखिए, ये सैनिक आपके और हमारे ही घरों से हैं,किसी ब्रिटेन या अफ्रीका से नहीं आए है।
कुछ लोग जोश में पूछ रहे हैं — “युद्ध कब होगा?” कुछ लोग तो इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी को ही उल्टी सीधी कमेंट लिख रहे हैं या व्यंग्य कर रहे हैं। हद हो गई है मोदी विरोध में।
स्पष्ट सुनिए —
प्रधानमंत्री ने कभी ‘युद्ध’ शब्द का प्रयोग नहीं किया है।
क्योंकि संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुसार, जो देश औपचारिक रूप से युद्ध की घोषणा करता है,
वह आक्रमणकारी (Aggressor) माना जाता है और उस पर वैश्विक प्रतिबंध लग सकते हैं।
भारत युद्ध नहीं कर रहा — भारत एक सीमित सैन्य कार्रवाई की रणनीतिक तैयारी कर रहा है।
इसका उद्देश्य है:
आतंकी ठिकानों का समूल नाश,
उनके स्रोतों और फंडिंग की रीढ़ तोड़ना,
और उन्हें पालने वालों को स्पष्ट संदेश देना।
यह एक एकीकृत, चरणबद्ध और योजनाबद्ध ऑपरेशन होगा —जिसमें महीनों या वर्षों तक भी लग सकते हैं। पाकिस्तान स्थित आतंकी, आतंकी के अड्डे और उनके पालने पहुंचने वाले को रातों-रात खत्म नहीं किया जा सकता।
जैसे:
रूस “स्पेशल मिलिटरी ऑपरेशन (SMO)” चला रहा है यूक्रेन में — जो 2022 से अब तक जारी है।
इज़राइल का “Operation Iron Swords”, हमास के विरुद्ध 2023 में शुरू हुआ — और वह भी अब तक चरणबद्ध ढंग से जारी है।
तो स्पष्ट है —
भारत का यह अभियान भी एक दिन या एक रात की प्रतिक्रिया नहीं,बल्कि एक दीर्घकालिक रणनीतिक ऑपरेशन होगा।
अतः राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में बोलते समय संयम, मर्यादा और समझ रखें।
हम भारतीय हैं —
लाइक और शेयर के लिए ‘कुछ भी’ नहीं लिखते।
उसके लिए आपके पास पूरी दुनिया की अफवाहें पड़ी हैं।
जय श्री राम,जय हिंद। वंदे मातरम्।, भारत माता की जय