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भोजन के प्रकार

भोजन तीन प्रकार के होते हैं

सात्विक

राजसी

तामसीक

सात्विक से गले से उपर का भाग विकसित होता है बुद्धि का विकास होता है

ख़ून मे आक्सीजन बढाने से,4pm से 8am वर्त(निःआहर) रात्रि का भोजन नहीं करने से 9 – 10 बीच सोने से बुद्धि व शरीर का विकास होता है शरीर को गन्दगी निकलती हैं शरीर निरोगी होता है शरीर व बुद्धि को रात्रि में भोजन पचाने का कार्य नहीं होने से खून में आक्सीजन से बुद्धि का विकास याददाश्त बढती है याददास्त बढने से बुद्धि द्वारा किये जाने वाले कार्य पढाई,व्यापार, योजना बना कर कार्य करने की क्षमता बढ जाती हैं बुद्धि शरीर के लिए दवा बनाती है रोगों से शरीर को ठीक करती हैं

अतः संध्या भोजन संध्या से पहले व हल्का पतला जल्दी पच जावे करे सुबह ख़ून मे आक्सीजन बढाने वाले प्राणायाम नाभी झटका, कपालभाति, रस्सी कूदे, नृत्य आदि कर नाश्ते में ओमेगा 3 बादाम, अखरोट, अलसी, सुर्यमुखी के बीज भीगे हुए, फल आदि आदि सेवन करे।

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