ज्योतिष में सिर्फ दो ही उपाय होते हैं । जो ग्रह आपको फलादेश के हिसाब से लाभ दे रहे हैं यदि वह कमजोर है तो उन्हें प्रबल करें ।
जो ग्रह आपको फलादेश के हिसाब से परेशान कर रहे हैं उनका दान एवं उपाय उन ग्रहों से संबंधित जीव-जंतुओं के लिए करें ।
प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में विधि विधान से साधना अवश्य करना चाहिए । कुछ महत्वपूर्ण मंत्र है जिनका जाप प्रत्येक व्यक्ति को बचपन से करना चाहिए । जिसके माध्यम से आप कई सारे कष्टों से छुटकारा पा सकते हैं ।
किसी भी ग्रह का मंत्र जाप तभी लाभ देगा जब आप विधि विधान से साधना करेंगे और उसके बाद ज्यादा से ज्यादा संख्या में मंत्र जाप करें । एक दो माला मंत्र जाप करने से कुछ होने वाला नहीं है । परंतु आप एक दो माला से प्रारंभ करें और और धीरे-धीरे बढ़ाएं एवं अनुष्ठान करें ।
सूर्य –
प्रबल – यदि किसी की कुंडली में सूर्य कारक है एवं फलादेश के हिसाब से लाभ पहुंचा रहे हैं और कमजोर हैं तो ऐसी स्थिति में माणिक्य सोने या तांबे में रविवार को धारण करना चाहिए । जब तक आपके पास माणिक्य धारण करने की स्थिति नहीं है तब तक आप बेल का जड़ या लाल चंदन की माला धारण कर सकते हैं । लाल चंदन का तिलक लगा सकते हैं । लाल चंदन की माला से सूर्य मंत्र का जाप कर सकते हैं । ( पूर्ण लाभ माणिक्य से ही होगा )
मंत्र – ।। ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः ।।
यदि सूर्य जन्म कुंडली में आकारक है या फलादेश के हिसाब से किसी प्रकार की परेशानी उत्पन्न कर रहे हैं तब सूर्य से संबंधित दान एवं उपाय रविवार को करना चाहिए ।
सूर्य से संबंधित दान – गेहूं , तांबा , गुड़ , लाल चंदन , लाल वस्त्र किसी 50 वर्ष से ऊपर के व्यक्ति को रविवार को दान करना चाहिए ।
उपाय – प्रातः तांबे के लोटे में जल , कुंकुम, अक्षत एवं लाल पुष्प डालकर सूर्य को अर्पित करें । भूरे गाय को गेहूं एवं गुड़ अपने हाथों से खिलाए । बंदरों को गुड़ एवं चने खिलाए । पिता के पैर छूकर आशीर्वाद लें एवं पिता की सेवा करें ।
चन्द्र –
प्रबल – यदि कुंडली में चंद्रमा पीड़ित या कमजोर है तो सोमवार को मोती चांदी में धारण करना चाहिए । जब तक आपके पास मोती धारण करने की व्यवस्था नहीं है तब तक आप चंद्रमा का मंत्र जाप कर सकते हैं । सफेद चंदन का तिलक लगा सकते हैं । खिरनी का जड़ धारण कर सकते हैं ।
मंत्र – ।। ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः ।।
पूर्णिमा की रात्रि को खीर बनाकर छत पर चंद्रमा की रोशनी में रखें ( चलनी से ढक देना चाहिए ताकि कोई कीड़ा उसमें ना पड़े ) दूसरे दिन प्रातः उसको प्रसाद के रूप में ग्रहण करें ।
चंद्रमा किसी भी ग्रह को शत्रु दृष्टि से नहीं देखता है । बहुत कम ही देखा गया है कि चंद्रमा प्रबल होकर किसी प्रकार की परेशानी करे । परंतु फिर भी यदि ऐसा होता है तो चंद्रमा से संबंधित दान एवं उपाय करना चाहिए । दान – सफेद वस्त्र , दूध , चावल , शंख , मोती , सफेद चंदन , मिस्त्री ( सोमवार को माता के समान स्त्री को )
मंगल –
प्रबल – यदि मंगल कुंडली में कारक हो और फलादेश के हिसाब से लाभ दे रहा हो परंतु कमजोर हो तो इसको प्रबल करने के लिए मूंगा सोने या तांबे में मंगलवार को धारण करना चाहिए ।
जब तक मूंगा धारण करने की व्यवस्था ना हो तब तक मंगल का मंत्र जाप करें । तांबे की अंगूठी या कड़ा धारण करें । अनंतमूल का जड़ धारण करें । मंत्र – ॥ ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः ॥
यदि जन्म कुंडली में मंगल किसी प्रकार की परेशानी दे रहा हो तो मंगल से संबंधित दान एवं उपाय ( मंगलवार को ) करना चाहिए । ( किसी युवा सन्यासी या व्यक्ति को या हनुमान मंदिर में )
दान – गुड़ , मसूर की दाल , शहद , लाल वस्त्र , लाल चंदन , तांबा , सिंदूर ।
उपाय – हनुमान चालीसा या बजरंग बाण का पाठ करें । गाय को रोटी में गुड रखकर खिलाए । हनुमान मंदिर में चोला चढ़ाएं । भाई से अच्छा संबंध रखें । स्वास्थ्य ठीक हो तो रक्त दान करें । ( यदि कोई कन्या मांगलिक हो तो मंगला गौरी की आराधना करें तथा मंगल चंडिका स्तोत्र का पाठ करें । )
बुध –
प्रबल- यदि जन्म कुंडली में बुध फलादेश के हिसाब से लाभ पहुंचा रहा हो और कमजोर हो तो पन्ना सोने या पीतल में बुधवार को धारण करना चाहिए ।
जब तक आपके पास पन्ना धारण करने की व्यवस्था ना हो तब तक विधारा की जड़ धारण कर सकते हैं या बुध का मंत्र जाप कर सकते हैं ।
मंत्र – ।। ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः ।।
यदि जन्म कुंडली में बुध फलादेश के हिसाब से किसी प्रकार की परेशानी दे रहा हो तो उससे संबंधित दान एवं उपाय करना चाहिए
दान – हरा वस्त्र , मूंग की दाल , फल , हरि सब्जी , हरि कांच की चूड़ी , किन्नर या किसी कन्या को ।
उपाय – मूंग की दाल मंगलवार की रात को जल में भीगा दें एवं बुधवार को दिन में पंछियों को खिलाएं । बुधवार को गाय को हरा चारा घास या हरी शब्जी खिलाएं ।
बहन या बुआ को वस्त्र एवं मिठाई दान कर सकते हैं ।
गुरु –
प्रबल – यदि जन्म कुंडली में फलादेश के हिसाब से गुरु ग्रह लाभ दे रहा हो एवं कमजोर हो तो पुखराज सोने या पीतल में गुरुवार को धारण करना चाहिए । जब तक आपके पास पुखराज धारण करने की सामर्थ्य नहीं है तब तक आप केले की जड़ या हल्दी की गांठ धारण कर सकते हैं । हल्दि या केसर का तिलक लगाएं । हल्दी की माला से मंत्र जाप करें ।
मंत्र – ।। ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः ।।
यदि फलादेश के हिसाब से गुरु ग्रह किसी प्रकार की परेशानी दे रहा हो तो इससे संबंधित दान किसी ब्राह्मण , पुरोहित या गुरु को करना चाहिए एवं उपाय करना चाहिए ।
दान – पीला वस्त्र , हल्दी , चने की दाल , धार्मिक पुस्तक , पिला फल
उपाय – बुधवार को रात को चने की दाल भिगोकर रखें गुरुवार को प्रातः रोटी में चने दाल हल्दी एवं नमक भर के गाय को खिलाएं । पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करें । किसी सच्चे साधु , महात्मा या गुरु का अपमान नहीं करना चाहिए ।
शुक्र –
प्रबल – फलादेश के हिसाब से शुक्र लाभ दे रहा हो एवं कमजोर हो तो हीरा या ओपल चांदी में शुक्रवार को धारण करना चाहिए । जब तक रत्न धारण करने की सामर्थ्य नहीं है तब तक सरपुंखा या गूलर की जड़ धारण कर सकते हैं । मंत्र जाप कर सकते हैं ।
मंत्र- ।। ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः ।।
यदि फलादेश के हिसाब से शुक्र परेशानी दे रहा हो तो शुक्र से संबंधित दान किसी युवती या काने व्यक्ति को करना चाहिए एवं उपाय करना चाहिए ।
दान – चांदी , दूध , दही , घी , इत्र , चावल , मिश्री , सफेद मिठाई , सफेद चंदन , रेशमी रंगीन वस्त्र , ( शुक्रवार को )
उपाय – गाय को रोटी खिलाएं एवं गाय की सेवा करें । आटा एवं शक्कर चीटियों को डालें ।
शनि –
प्रबल – यदि कुंडली में फलादेश के हिसाब से शनि लाभ दे रहा हो और कमजोर हो तो इसको प्रबल करने के लिए नीलम चांदी या पंच धातु में शनिवार को धारण करना चाहिए। जब तक नीलम धारण करने की सामर्थय नहीं है तब तक शमी का जड़ धारण कर सकते हैं । लोहे का छल्ला धारण कर सकते हैं या मंत्र जाप कर सकते हैं।
मंत्र – ।। ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः ।।
यदि शनि फलादेश के हिसाब से किसी प्रकार की परेशानी दे रहा हो तो शनि का दान किसी वृद्ध मजदूर को शनिवार को करना चाहिए ।
दान – काले वस्त्र , उरद , कला तिल , लोहे की सामग्री , जूते , सरसो का तेल , बादाम , काला छाता ।
उपाय – शनिवार को लोहे की कटोरी में सरसों तेल डालकर उसमें अपनी परछाई देखकर दान करें । शनिवार को संध्याकाल में पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं , काला तिल एवं मीठा जल चढ़ाएं तथा 7 बार परिक्रमा करें । मोर पंख पूजा स्थान में रखें । शनिवार को रोटी में हल्का सरसों तेल और नमक लगाकर काले कुत्ते या काली गाय या भैसा या कौए को खिलाएं । शराब का सेवन ना करें । बूढ़े गरीब मजदूर को भोजन कराएं ।
राहु –
राहु से होने वाले परेशानी से बचने के लिए राहु का दान एवं उपाय शनिवार या बुधवार को करना चाहिए । ( कुष्ठ रोगी या सफाई कर्मी को ) । मंत्र – ॥ ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः ॥
दान – नीले काले वस्त्र , ( यव ) जौ , काली उड़द , जटा वाला नारियल , चाय पत्ती , तंबाकू , मूली , कोयला इत्यादि।
उपाय – कुष्ठ रोगी को भोजन कराएं जिसमें काले उड़द की एक सामग्री अवश्य होनी चाहिए । जौ कच्चे दूध से धोकर नदी में विसर्जित करें या पंछियों को खिलाएं । घर में या छत पर किसी भी प्रकार का बंद बिजली का सामान या कबाड़ ना रखें । ( उड़द की दाल , जौ , बाजरा , काला तिल , सफेद तिल एक साथ मिलाकर पंछियों को प्रतिदिन खिलाएं । ) पारद शिवलिंग स्थापित करके रुद्राक्ष की माला से महामृत्युंजय मंत्र का स्वयं जाप करें । रुद्राष्टाध्यायी ( पांचवें अध्याय के 16 मंत्र ) का पाठ करते हुए पारद शिवलिंग पर रुद्राभिषेक करें ।
केतु –
फलादेश के हिसाब से केतु यदि समस्या उत्पन्न कर रहा हो तो दान एवं उपाय करना चाहिए ।( मंगलवार या शनिवार को कुष्ठ रोगी या सफाईकर्मी को )
मंत्र – ।। ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं सः केतवे नमः ।।
दान – चितकबरा कंबल , भूरा वस्त्र , सतनाजा , नारियल , काला – सफेद तिल , तिल का तेल , बकरा इत्यादि ।
उपाय – असगंध की जड़ धारण करें । काले एवं सफेद तिल के लड्डू गणेश जी को चढ़ा कर बांटें । कुत्ते को दूध एवं ब्रेड खिलाएं , प्रतिदिन कुत्ते को बिस्किट या रोटी खिलाएं । सतनाजे की रोटी कुत्ते को खिलाएं । ( उड़द की दाल , जौ , बाजरा , काला तिल , सफेद तिल एक साथ मिलाकर पंछियों को प्रतिदिन खिलाएं । )
जो सदस्य विधिवत गुरु दीक्षा लेकर नियम से प्रतिदिन साधना करते हैं उनके जीवन की परेशानी धीरे-धीरे कम होने लगते है ।
महामृत्युंजय मंत्र – जीवन में होने वाले रोग बीमारी , कष्ट , अकाल मृत्यु से रक्षा के लिए सोमवार से प्रारंभ करके प्रतिदिन पारद या स्फटिक का शिवलिंग तथा महामृत्युंजय यंत्र स्थापित करके रुद्राक्ष की माला से मंत्र जाप करें ।
( ॥ ॐ हौं जुं सः त्रयम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टि वर्धनं उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् सः जुं हौं ॐ ॥ )
नवार्ण मंत्र – ( अमोध सुरक्षा प्रदान करने वाला मंत्र ) समस्त प्रकार की व्याधियों , बाहरी आक्रमणों और घाट प्रतिघात से बचाने वाला यह एक मात्र मंत्र है , जिसे सिद्ध करने पर मानव को न शत्रुओं से भय रहता है और न किसी प्रकार की आधि – व्याधि , कष्ट – पीड़ा का डर रहता है । यह मंत्र मानव को सभी दृष्टियों से सुरक्षा प्रदान करता है । ऐसे व्यक्ति पर किसी भी प्रकार का कोई तान्त्रिक प्रभाव व्याप्त नहीं रहता है । ( ॥ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ॥ )
लक्ष्मी मंत्र – जीवन में दरिद्रता को समाप्त करके धन – धान्य एवं समृद्धि प्राप्त करने के लिए शुक्रवार से प्रारंभ करके प्रतिदिन कमलगट्टे की माला से लक्ष्मी मंत्र का जाप करें एवं कनकधार स्तोत्र या श्री सूक्त का पाठ करें ।
( ॥ ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नमः ॥ )
कर्ज मुक्ति के लिए बुधवार से प्रारंभ करें – गणेश जी की छोटी सी प्रतिमा स्थापित करके हल्दी की माला से कर्ज मुक्ति गणेश मंत्र का जाप करें ।
।। ॐ गणेश ऋणं छिन्धि वरेण्यं हुं नमः फट् ॥