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विवाह विच्छेद केस चल रहा है कब तक हो जाएगा।

शादी हो जाने के बाद शादी खत्म करने के लिए तलाक का केस(मुकादमा)चल रहा है तो कब तक मुकादमा खत्म हो जाएगा और तलाक के बाद शादी को लेकर कैसा जीवन व्यतीत होगा और कब तक तलाक के बाद जीवन मे आगे के जीवन कैसा व्ययतीत होगा आदि इस बारे में समझते है और बात करते है।                                                       

 

कुंडली का 7वे भाव/7वे भाव स्वामी(विवाह भाव/विवाह भाव स्वामी)पर शनि राहु केतु पाप ग्रहों का अधिक मात्रा में प्रभाव है और 7वा भाव/7वे भाव स्वामी और शुक्र/गुरु कमजोर है तब तलाक होगा आदि अब तलाक केस स्थिति में चल रहा है तब जब 7वे भावl स्वामी या 7वे भाव या 7वे भाव स्वामी से सम्बन्ध रखने वाले ग्रहो की अन्तर्दशा/प्रत्यंतर दशा जब भी आ रही होगी तब तलाक उस समय हो जाएगा बाकी अगर 7वे भाव से या 7वे भाव स्वामी से गुरु या शुक्र बुध का सम्बन्ध है तब तलाक देर से होगा सातवे भाव सम्बन्ध तलाक सम्बन्धी ग्रह की महादशा/अन्तर्दशा-प्रत्यंतर दशा आने तक तलाक हो पायेगा, बाकी 7वा भाव और 7वे भाव स्वामी पर बलवान गुरु या शुक्र का प्रभाव या सम्बन्ध है तब दूसरी शादी हो जाएगी और 7वे भाव स्वामी अच्छे भाव मे कुंडली के बैठा है केंद्र या त्रिकोण भाव मे या अन्य अच्छे भाव मे है 6, 8, 12भाव मे नही है तब दूसरी शादी होकर आगे घर गृहस्थी सही चलकर वैवाहिक जीवन सुख मिलेगा उपरोक्त स्थिति दूसरे विवाह व गृहस्थी सुख की नही है तब शादी दूसरी होकर भी नही चलेंगी आदि।

अब कुछ उदाहरणों से समझते है तलाक कब तक हो जाएगा और तलाक के बाद क्या रहेगा।                                 

 

उदाहरण_अनुसार_मकर_लग्न1:-

मकर लग्न में 7वे भाव स्वामी चन्द्रमा पर शनि राहु की दृष्टि है तब तलाक होगा और यह तलाक चन्द्रमा की दशा में या चन्द्रमा स कोई ग्रह से संबध में है तब उस ग्रह की दशा या 7वे भाव स्वामी चन्द्र की अन्तर्दशा या प्रत्यंतर दशा आते ही तलाक हो जाएगा 7वे भाव स्वामी चन्द्रमा कमजोर होना जरूरी है तब तलाक हो जाएगा उपरोक्त ग्रहदशा समय आते ही।बाकी चन्द्रमा और 7वे भाव का सम्बन्ध शुक्र या गुरु से है तब आगे दूसरी शादी भी होगी।।                                                                                                  

 

उदाहरण_अनुसार_सिंह_लग्न2:-

सिंह लग्न में 7वे भाव स्वामी शनि माना अस्त है और मंगल केतु की दृष्टि से पीड़ित है या सम्बन्ध बनाकर बैठे है तब तलाक शनि की अन्तरदशा आने पर या शनि के साथ जो भी राहु केतु या मंगल सम्बन्ध बना रहा है इनकी अन्तरदशाये या महादशा आते ही तलाक हो जाएगा, अगर 7वे भाव स्वामी पर विवाह ग्रह बलवान शुक्र या गुरु का सम्बन्ध है और शनि 6,8,12 भाव मे नही है और 7वे भाव या शनि की महादशा

या अन्तर्दशा तलाक के बाद आ रही है तब तलाक होने के बाद दूसरी शादी होगी/हो जाएगी और शनि यहाँ 6,8,12 भाव मे नही है केंद्र या त्रिकोण भाव मे है या तीसरे भाव ,11वे  भाव मे है तब दूसरी शादी चलेंगी भी।।                                                                                          

 

उदाहरण_अनुसार_कन्या_लग्न3:-

कन्या लग्न में विवाह स्वामी, विवाह भाव(7वे भाव स्वामी गुरु, 7वे भाव पर)पाप ग्रह शनि राहु या शनि मंगल या मंगल राहु का प्रभाव तब यहाँ तलाक होगा और तलाक गुरु या गुरु से सम्बन्ध किये ग्रह की दशा में तलाक हो जाएगा।।                                                                                       

 

इसके साथ ही मुक़ादमे का भाव छठा भाव होता है

छठा भाव भी जितना बलवान और अच्छा होगा तलाक उतनी ज्यादा जल्दी खत्म होगा, जबकि छठा भाव किसी तरह अशुभ या पाप ग्रहों से पीड़ित है तब तलाक होने में देर ज्यादा होगी जो कि उपाय करने से तलाक होने के रास्ते खुलेंगे।।

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