पिछले रविवार को जब मेरी पत्नी ने मुझसे दो किलो सुवा की सब्जी लाने को कहा तो मैं श्रद्धापूर्वक ले आया….
माना; बिचिरी शायद मंगलवार को मंगलागौरी के हल्दी कुमकुम मे कुछ विशेष पकवान बनाना चाहती है….लेकिन सोमवार से हमारे घर पर लगातार सुवा वीक शुरू हो गया..सोमवार को टिफिन में सुवा ढोकला, मंगलवार को सुवा बिरयानी और बुधवार को सुवा मंचूरियन। …
दोपहर के भोजन में टिफिन खाने के बाद तीन दिनों के भीतर मैंने देखा कि दोपहर में कार्यालय में लोगों का व्यवहार बदल गया।
ऑफिस में बहुत शोर होता था…
“क्या आप आजकल सुवा का डियो इस्तेमाल करते हैं?” स्टाफ चिढ़ाने लगा।
हालांकि, गुरुवार को पत्नी ने…
टिफिन में काफी सारे सुवा खरवस-वडीयां दी थी। मैं बहुत निराश हो गया….
“अजी!! किस अपराध की इतनी कड़ी सज़ा दे रहे हो?? बताओ तो सही।”
“हे भगवान! हमारा सावन महिनेका व्रत है।” मेरी चालीस वर्षीय दुल्हन ने शरमाते हुए कहा जैसे उसने कल ही सीमा लांघी हो..
“इतना ख़तरनाक व्रत??” मैंने सिर हिलाते हुए पूछा।
“अरे, यह व्रत यूट्यूब पर My_Maro_Mavshi_Jago चैनल पर बहुत लोकप्रिय है..”
चैनेल मावाशी कहते हैं;
“यदि पति का हृदय परिवर्तन करना हो तो पहले उसके पेट को खत्म कर दो ।”
“हे भगवान! इतना हिंसक विचार?? आप इस व्रत में और क्या परिवर्तन करना चाहते हैं??” मैंने डरते हुए पूछा..
“ऐसा नहीं है.. इस व्रत में पति को लगातार एक सप्ताह तक अलग-अलग प्रकार के सुवा का सेवन करना पड़ता है। ऐसा करने से पति बाहरी दुनिया के लिए पूरी तरह से अप्रिय हो जाता है। उसकी अस्तित्वहीनता की जंजीरें टूट जाती हैं। बाहर के कुत्ते भी उन्हे नहीं पुछते…”
“तो क्या?? उसे अपनी पत्नी के साथ एक निंदक की तरह स्नेहपूर्ण व्यवहार करना होगा।” तभी पत्नी ने मेरे ऊपर खरवस-वडी घुमाई और आँगन में फेंक दी… आँगन की चिड़िया भी मुंह खट्टा करके उड़ गई…।
“अच्छा तो बाकी दो दिन मुझे टिफ़िन में क्या दोगे????” मैंने जिज्ञासावश पूछा…
“कल सुवाकी थालीपीठ और परसों सुवा का मेवा, केसर और खीर..” पत्नी का उत्साह छलक रहा था..
मैंने पूरी तरह से आत्मसमर्पण कर दिया..
“मैं हमेशा तुम्हारा, तुम्हारा और केवल तुम्हारा ही रहूँगा।” सुवा-खरवास-वडी का टिफिन उठाया और मन्नत मांगते हुए आसमान की ओर देखा..
सिलसिलेवार बिजली गिरने जैसा कुछ नहीं हुआ…
लेकिन छह दिन का व्रत तीन दिन में ही फलीभूत हो गया तो पत्नी ने मौसी को बहुत धन्यवाद दिया…
और..अच्छा..दाल-चावल-गोबी की सब्जी और परांठे जैसा टिफिन..
छह दिन की यह कथा तीन दिन में सफलतापूर्वक पूर्ण होती है..