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घोंघा धीरे-धीरे चल रहा है

अमर अकबर एंथोनी देखकर अब एहसास हुआ कि केवल अमिताभ बच्चन, नीतू सिंह और शबाना आज़मी ही बचे हैं… विनोद खन्ना, ऋषि कपूर, परवीन बाबी, प्राण, जीवन, जेबिस्को, नासिर हुसैन, निरूपा रॉय, मनमोहन देसाई, मुकरी और इसके कई चरित्र अभिनेता समय के पर्दे के पीछे चले गये हैं।त्रिशूल सिर्फ अमिताभ के पास बचा है.शशि कपूर और संजीव कुमार हमारे बीच दो शूल नहीं हैं. चांदनी में कोई नहीं है! विनोद खन्ना, ऋषि कपूर, श्रीदेवी चले गए

ऐसी कई फिल्में हैं जो बच्चों ने देखीं और दिमाग पर ऐसी छाप छोड़ी कि हमें पता ही नहीं चला कि वे पुरानी हो गईं, जिन्हें हमारे बच्चे “जंकट” कहते हैं।इसके अभिनेता, निर्माता, निर्देशक पुराने या भ्रष्ट हैं।

शोले में बसंती पर लाइन मारने वाले वीरू अब 84 साल के हो गए हैं!शाहरुख, आमिर, सल्लू कभी पचास पार कर चुके हैं.अभी भी ऐसा लगता है जैसे QSQT, दीवाना, मैंने प्यार किया कल रिलीज़ हुई हो!*जब हम छोटे थे तो सुनील गावस्कर, जिन्होंने विंडीज़ तोपखाने का सामना किया, उनके साथ विश्वनाथ, वेंगसरकर आदि हमेशा सेवानिवृत्त हुए।कपिल देव, संदीप पाटिल, मदनलाल, बिन्नी भी अब काफी बूढ़े दिखने लगे।कुछ साल हो गए हैं जब साला एक स्कूली छात्र के रूप में आया था और एक उज्ज्वल लेकिन परिपक्व उपस्थिति के साथ हमारे दिल और दिमाग पर नाच रहा था।स्टेफी ग्राफ, आंद्रे अगासी, बोरिस बेकर, सैम्प्रास, एडबर्ग, सेलेस, गैबी हमेशा कोर्ट से गायब रहे हैं।सामंथा फॉक्स, पामेला एंडरसन, ब्रुक शील्ड, शेरोन स्टोन दादी बन गई होतीं! इसे छोड़ो। ऑस्ट्रेलिया, शारजाह में साला तेंदलाया के मैचों की फुटेज मौजूदा आईपीएल के चमकदार डिजिटल प्रसारण के सामने कब “पुरानी” लगने लगी, पता ही नहीं चला!

जो लोग हमारे साथ थे, जिन मशहूर हस्तियों, पागलों, खिलाड़ियों, नेताओं को हम रिटायर होते हुए देखकर बड़े हुए थे, हमें एक टीस महसूस होती है कि हम अब युवा नहीं हैं।समय नामक घोंघा हमें अपनी पीठ पर बिठाकर धीरे-धीरे आगे बढ़ता है।जबकि हम आगे देखने में खोए रहते हैं, यह भविष्य को वर्तमान और वर्तमान को अतीत बनाकर जीवन, लोगों, घटनाओं को पुराना बनाकर आगे बढ़ता है। मजेदार बात यह है कि हम वास्तव में बूढ़े भी हो रहे हैं। लेकिन नए को अपनाते हुए हम इस तथ्य को नकार रहे हैं कि कई साल पहले का अतीत भी बीते हुए कल को जीने की चेतना के माध्यम से जीवन का आईना दिखाता है।

 

बीस साल की उम्र में भी हम बीस साल पहले की चीजों, घटनाओं, लोगों के संबंध में “पुराने” हैं।तभी तो साल, घटनाएँ, अनुभव और लोग हमारी उम्र बढ़ने में योगदान देते हैं! पिछले दिनों टीम में आए लंबे बालों वाले धोनी, जिन्होंने हमें वनडे और टी20 वर्ल्ड कप जिताया, आज रिटायर हो गए. और हार्दिक पंड्या के बच्चे और चहल के शुगर पूड के वीडियो देखकर, हम जो आज की दुनिया में खो गए हैं, एक बार फिर हमें थोड़ा बूढ़ा होने का एहसास हुआ।समय का घोंघा धीरे-धीरे सबको लेकर आगे बढ़ रहा है। यह दुनिया, यहां का हर व्यक्ति, हर चीज़ पल-पल, घंटे, दिन, दिन, महीने और महीने साल के हिसाब से पुरानी होती जा रही है!*समय का घोंघा सभी को अपनी पीठ पर बैठाकर युगों-युगों से चुपचाप आगे बढ़ रहा है!आज की नवीनता को कल का कबाड़ा बनाकर पुनः नये की ओर बढ़ रहा है।समय के साथ-साथ यादें भी कुछ सालों बाद पुरानी और धुँधली हो जाती हैं और नई यादों के पीछे लुप्त हो जाती हैं!* घोंघा लगातार घूम रहा है!-राजेश डहाके

 

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