नवदुर्गा नौ रूपों में स्त्री जीवन का पूर्ण बिम्ब...एक स्त्री के पूरे जीवनचक्र का बिम्ब है नवदुर्गा के नौ स्वरूप... जन्म ग्रहण करती हुई कन्या "शैलपुत्री" स्वरूप है। कौमार्य अवस्था तक "ब्रह्मचारिणी" का रूप है।विवाह से पूर्व तक चंद्रमा के समान निर्मल होने से वह "चंद्रघंटा" समान है। नए जीव को जन्म देने के लिए गर्भ धारण करने पर वह "कूष्मांडा" स्वरूप में है। संतान को जन्म देने के बाद वही स्त्री "स्कन्दमाता" हो जाती है। Playlist 3 Videos Sshree Astro Vastu | Gujarati | Family Challenges , Pregnancy | Review - Astro - Bipin Ji 9:31 Sshree Astro Vastu | Panchang Rahasyam | Review By - Abhishek Tiwari | In Hindi 2:14 Sshree Astro Vastu | Secrets Of Panchang Remedies & Muhurtas | Review By- Astro-Suvarna Ji | Marathi 4:49 संयम व साधना को धारण करने वाली स्त्री "कात्यायनी" रूप है। अपने संकल्प से पति की अकाल मृत्यु को भी जीत लेने से वह "कालरात्रि" जैसी है। संसार (कुटुंब ही उसके लिए संसार है) का उपकार करने से "महागौरी" हो जाती है। धरती को छोड़कर स्वर्ग प्रयाण करने से पहले संसार में अपनी संतान को सिद्धि (समस्त सुख संपदा) का आशीर्वाद देने वाली "सिद्धिदात्री" हो जाती है। माँ के नवरात्रि पर्व पर आप व आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनाये एवम् बधाई। आप सभी लोगों से निवेदन है कि हमारी पोस्ट अधिक से अधिक शेयर करें जिससे अधिक से अधिक लोगों को पोस्ट पढ़कर फायदा मिले | Join Our Whatsapp Group