एक मछली तालाब में अपने परिवार के साथ रहती थी, तालाब में पानी कभी सूख भी जाता था तो परमेश्वर को याद करती, पूजा तप आदि करती थी.!
एक दिन तूफ़ान और बारिश आयी जिससे मछली का परिवार बहकर नदी में बहने लगा, मछली ने व् उसके परिवार ने नदी के विपरीत दिशा में बहने की काफी कोशिश् की पर उनकी एक न चली, थक हारकर नदी के प्रवाह में ही बहकर ईश्वर को खूब कोसा और भला बुरा कहा, और कुछ दिन में ही समुन्दर में पहुच गये, वहाँ जाकर उनको अहसास हुआ क़ि ईश्वर ने उनको छोटे दरिया से निकाल कर विशालता में ला दिया उसने हमारे जीवन में तूफ़ान लाकर अपने विशाल स्वरुप से जोड़ दिया,,!!
इसलिये. हर पल उसकी रजा में राजी रहो, वो पूरा समुन्दर दे रहा है और हम एक चम्मच लेकर खड़े हैं, हम उसके हर कार्य के लिए कोसते रहते हैं, वो सबके पालनहार हैं कैसे बुरा कर सकते है..बस हमे अपने धैर्य संयम और कर्म का आश्रय नही त्यागना चाहीए