एक गरीब महिला एक साधु के पास गई,
और बोली ~ “स्वामी जी !
कोई ऐसा पवित्र मन्त्र लिख दीजिये
जिससे मेरे बच्चों का रात को
भूख से रोना बन्द हो जाये 🪷🙏
साधु ने कुछ पल एकटक
आकाश की ओर देखा,
फिर अपनी कुटिया में अन्दर गए और
एक पीले कपड़े पर एक मन्त्र लिखकर
उसे ताबीज की तरह लपेट-बाँधकर
उस महिला को दे दिया।
साधु ने कहा ~ इस मन्त्र को घर में
उस जगह रखना, जहाँ
नेक कमाई का धन रखती हो।
महिला खुश होकर चली गई।
ईश्वर कृपा से उस दिन
उसके पति की आमदनी ठीक हुई,
और बच्चों को भोजन मिल गया।
रात शान्ति से कट गई।
अगले रोज़ भोर में ही उन्हें
पैसों से भरी एक थैली
घर के आँगन में मिली।
थैली में धन के अलावा
एक पर्चा भी निकला,
जिस पर लिखा था,
कोई कारोबार कर लें
इस बात पर अमल करते हुवे
उस महिला के पति ने
एक छोटी सी दुकान किराए पर ले ली
और काम शुरू किया.
धीरे-धीरे कारोबार बढ़ा, तो
दुकानें भी बढ़ती गईं और जैसे
पैसों की बारिश सी होने लगी।
पति की कमाई तिजोरी में रखते समय
एक दिन उस महिला की नज़र
उस मन्त्र लिखे कपड़े पर पड़ी
न जाने, साधु महाराज ने
ऐसा कौन सा मन्त्र लिखा था,
जिससे कि हमारी
सारी गरीबी दूर हो गई.
सोचते-सोचते उसने
वह मन्त्र वाला कपड़ा खोल डाला।
लिखा था कि
जब पैसों की तंगी ख़त्म हो जाये, तो
सारा पैसा तिजोरी में छिपाने की बजाय
कुछ पैसे ऐसे घर में डाल देना
जहाँ से रात को बच्चों के रोने की
आवाज़ें आती हों।
सम्पत्तियों का संचय
ठहरे हुए जल के समान है,
जो स्वयं किसी काम का नहीं है
इसके बजाय …
यह बहते हुए पानी की तरह
होना चाहिए।
जब ऐसी शक्तियाँ हमें ईश्वर द्वारा
प्रदान की जाती हैं तो इसे
दूसरों के साथ साझा करना चाहिए,
तब यह सच्चे आशीर्वाद में
बदल जाती हैं।