यह सब कर्ज लेने वाले व्यक्ति की कुण्डली के ग्रहो की स्थिति पर। निर्भर करता है।कर्ज(loan) आज के समय ज्यादातर जातक/जातिका लेकर अपने जीवन की मूलभूत इच्छाएं पूरी करते है, जैसे मकान बनाने के लिए, शिक्षा के लिए, किसी आर्थिक समस्या से निकलने के लिए, व्यापार करने के लिए आदि।अब कई लोग या ज्यादातर लोग तो बैंक से ही कर्ज लेते हैं तो कुछ लोग बैंक से न लेकर ब्याज आदि पर भी बाहरी(प्राइवेट या अपने किसी संबंधित आदि) से कर्ज ले लेते है।।
कर्ज तो ले लिया चाहे बैंक से लिया या कही ओर से, लेकिन कर्ज उतरेगा कब तक, और कोई परेशानी तो नही आएगी और कर्ज जिस कार्य के लिए लिया गया है उसमे सफलता मिलेगी या नही और क्या कर्ज आसानी से चुकता होगा त परेशानी आ गई तो बाद में कर्ज से कोई बड़ी परेशानी तो नही होगी और चुका दिया जाएगा या नही, अब आज इन्ही सब विषयों पर बात करते है।। कुंडली मे कर्ज का भाव(घर) छठा भाव होता है इसी भाव की शुभ और अशुभ स्थिति से कर्ज की स्थिति का पता चलता है उतरेगा तो कब तक और कैसे और बिना किसी परेशानी के या परेशानी के बाद उतरेगा आदि साथ ही कर्ज का कारक मंगल होता है और कर्ज मबतब धन तो धन के लिए दूसरे भाव भी अच्छा होने से कर्ज जल्दी चूक जाता है क्योंकि यह धनभाव है।।
अब जब छठे भाव और इस भाव के स्वामी साथ ही मंगल की स्थिति अच्छी होगी तब कर्ज बहुत आसानी से और निर्बिघ्न उतरेगा , चाहे आर्थिक स्थिति कमजोर हो तब भी उतर जाएगा किसी न किसी माध्यम से, लेकिन जब छठा भाव/इसका स्वामी पीड़ित या अशुभ स्थिति में हुआ तब कर्ज उतरने में दिक्कत आएगी छठे भाव के साथ यदि दूसरा भाव(धन भाव) भी कमजोर हुआ और वर्तमान भविष्य में चलने वाली ग्रह दशाएँ अनुकूल नही है तब कर्ज लेने के बाद बड़ी परेशानी होने तय है जबकि छठे भाव और इसके स्वामी की स्थिति अच्छी होना और ग्रह दशाओ का अनुकूल होना कर्ज से मुक्ति उसी समय हो जाएगी अनुकूल ग्रह दशा में।
अब इस कर्ज को थोड़ा आसानी से समझने के लिए कुछ उदाहरण लग्नो से समझते है:-
उदाहरण_मिथुन_लग्न_अनुसार:-
मिथुन लग्न की कुंडली मे छठे भाव(कर्ज/loan)का स्वामी मंगल होता है साथ ही मंगल कर्ज का मुख्य कारक भी है अब यहाँ मंगल की स्थिति अच्छी होगी तब कर्ज जरूर उतर जाएगा जैसे मंगल बारहवे भाव मे जाकर वृष राशि मे बैठ जायेगा तब अपने छठे भाव(कर्ज)को मंगल देखेगा और मंगल पीड़ित या किसी तरह से अशुभ प्रभाव में नही होगा यहां तो कर्ज बहुत जल्द उतरेगा और बिना किसी परेशानी के उतर जाएगा।मंगल या किसी धनकारक अनुकूल ग्रह की दशा में कर्ज पूरा उतर जाएगा।।
उदाहरण_तुला_लग्न_अनुसार:-
तुला लग्न में कर्ज भाव(छठे भाव) का स्वामी गुरु बनता है अब गुरु यहाँ अशुभ या पीड़ित होगा तो दिक्कत करेगा और शुभ स्थिति में होगा जैसे गुरु यहाँ छठे भाव मे ही बैठा हो, या अच्छी स्थिति में प्लेसड हो कुंडली मे और पीड़ित, अस्त, अशुभ योग आदि में किसी तरह न होगा तो कर्ज उतर जाएगा यहाँ बिना किसी परेशानी के।।
अब_कुछ_उदाहरणो से समझते है कब कर्ज उतरने में परेशानी और दिक्कत होती है और किस तरह की?
उदाहरण_कन्या_लग्न:-
कन्या लग्न में छठे भाव(कर्ज भाव) का स्वामी शनि बनता है अब शनि यहाँ अस्त हो जाये और पीड़ित भी किसी ग्रह से हो जाये जैसे राहु या केतु के साथ शनि दूसरे भाव मे बैठ जाये, तब क्या होगा कर्ज का स्वामी शनि अस्त होकर रह या केतु के साथ दूसरे भाव(धन भाव) मे ही बैठ गया और छठे भाव को भी राहु या केतु जो भी शनि के साथ दूसरे भाव मे होगा तब छठे भाव को राहु या केतु दृष्टि से पीड़ित करेगा अब यहाँ कर्ज उतरने में बहुत दिक्कत आएगी क्योंकि छठा भाव, छठे भाव का स्वामी शनि दोनों राहु या केतु से पीड़ित और शनि अस्त भी होकर धन के ही घर मे जाकर बैठने से यहाँ दिक्कत काफी होगी कर्ज लेने के बाद और कर्ज को उतारने में भी दिक्कत जीवन मे आएगी।ऐसी स्थिति में उपाय कर्ज मुक्ति के करना लाभ देगा।।
उदाहरण_अनुसार_कुंभ_लग्न:-
कुंभ लग्न में छठे भाव का स्वामी चन्द्र बनता है अब चन्द्र यहां छठे ही भाव मे अपनी राशि मे बैठा हो लेकिन पीड़ित हो जैसे शनि राहु या केतु की दृष्टि चन्द्र पर हो या छठा भाव पाप कर्तरी में होगा आदि किसी तरह से ऐसी स्थिति में पीड़ित होगा तब कर्ज लेने के बाद कर्ज उतारने में दिक्कत तो आएगी क्योंकि छठा भाव और भावेश पीड़ित है लेकिन कर्ज देर सबेर दिक्कतों का बाद उतर जरूर जाएगा क्योंकि कर्ज का स्वामी चन्द्रमा यहाँ कर्ज के भाव अपने ही भाव मे बैठने से वह कर्ज से मुक्ति जरूर दिला देगा अनुकूल ग्रहों का समय आने पर, ऐसी स्थिति में उपाय करके कर्ज से जल्दी ही मुक्ति मिल जाती है।।
इस तरह छठा भाव और इसका स्वामी की अच्छी स्थिति और समय आने पर कर्ज आसानी से उतर जाएगा और जब छठा भाव और इसका स्वामी पीड़ित होगा तब दिक्कते आएगी, ऐसी स्थिति में दिक्कत होने पर ग्रह दशाएँ वर्तमान और भविष्य की अच्छी हैं तब जल्दी कर्ज परेशानी से मुक्ति मिलेगी और ग्रह दशाएँ खराब है वर्तमान और भविष्य की तब दिक्कत कर्ज के कारण जीवन मे रहेगी ऐसी स्थिति में उपाय कर्ज से मुक्ति दिला सकते है।