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लग्न का अध्यात्मिक गुणधार

स्वभाव भाग

मेष लग्न का अध्यात्मिक गुणधार स्वभाव

सत्वगुणी स्वभाव

इस प्रकार के जातक सरल चाल-चलन] शीलवान] वैराग्ययुक्त] भजन पूजन की और आसक्ति] सत्कर्मो में साहसी] नेता होने के लिये बहुत कोशिश करते हैं] किन्तु अनुयायी होते हैं और अपने नेता पर विश्वास करते हैं।  प्रपंच में अनासक्ति रखकर प्रापंचिक जीवन बिताते है। स्त्री और बाल बच्चों से प्रेम करते है] संकटावस्था में दूसरों की सहायता करते हैं] मित्र-परिवार बड़ा होता है] अपने उद्योग धन्धों में दक्षता रखते है] असत्य बोलना टालते हैं इन्हें क्रोध आता ही नहीं और जब आता है तब शान्त होना भी कठिन होता हैं अप्रिय किन्तु हितकर बात करते है] किये हुये उपकार का बदला नहीं चाहते। वाणी में मिठास होती है।

रजोगुणी स्वभाव

दूसरों से सम्मान की अपेक्षा करते है। ये शूर] विद्वान] गुरुपर प्रेम करने वाले] किसी भी कार्य में चतुर और दूसरों पर अपनी छाप जमाने वाले होते है धर्म की राह पर चलते हैं उपभोग में कुशल और सुशील स्वभाव वाले होत हैं ये दूसरों पर उपकार करते है। किन्तु] साथ ही साथ उस उपकार का बदला भी चाहते है। बड़े-बड़े लोगों के साथ मित्रता रखना चाहते है। इनका मित्र परिवार काफी बड़ा होता है। ये आस्तिक होते हैं और उपासना मार्ग का अबलम्ब करते है।

तमोगुणी स्वभाव

ये अपने बांधवों से द्वेष करते है] बहुत ही क्रोधी होते हैं और क्रोध में अनर्थ मचाते हैं दूसरों से कलह करते है और स्वजनों से तिरस्कार हो पाते हैं। दुष्ट लोगों की संगति में रहते है। ये परस्त्रीगामी] चंचल] दाम्भिक] दूसरों को कष्ट देने वाले और स्वयं सदैव असंतुष्ट रहने वाले होते है। इन्हें खाने के लिये बहुत चाहिये। ये दूसरों के मार्ग में रोड़े अटकाते है।

वृषभलग्न का अध्यात्मिक गुणधार स्वभाव

सत्वगुणी स्वभाव

ये देव देवता गुरु और गुरुजनों की भक्ति करते हैं और कोई भी कार्य स्थिर बुद्धि से करते है। विषयोपभोग की ओर इनकी प्रवृत्ति कम होती है। ये साहसी] निर्लोभी] मृदुभाषी] त्यागी] क्षमाशील] विश्वसनीय और आस्तिक होते है। संसार में केश सहन करते हैं आतेष्ठ जनों पर प्रेम करते हैं और लोग भी इन्हें खूब चाहते है।

रजोगुणी स्वभाव

ये गुणवानों के प्रेमपात्र] धनवान] शूर व संग्रामप्रिय होते है। राजकीय कार्यो में भाग लेते है किन्तु उसमें आगे आने की हिम्मत नहीं करते। अपना स्वार्थ पहले देखकर फिर दूसरों को लाभ पहुंचाते है। ये मित्रता के लिये सुपात्र] अति स्वाभिमानी] बलवान] आस्तिक धीमे स्वभाव वाले और स्त्रियों के प्रति आसक्ति रखने वाले तथा अपने व्यवसाय में पूर्ण निमग्न रहने वाले होते है।

तमोगुणी स्वभाव

ये अति लोभी] क्रोधी] कृतध्न] मन्दबुद्धि अधर्मी] अतिस्वार्थी] अतिकर्मठ किन्तु दाम्भिक नास्तिक और स्त्री के वश में रहने वाले होते है। ये लोगों में नाम कमाने की इच्छा से दान धर्म करते हैं] दूसरों को कष्ट पहुँचाते हैं और अनेक कार्यो में बाधा पहुँचाते है। अच्छी अच्छी चीजें दूसरे के यहां से उठा ले जाने की आदत रहती है।

मिथुनलग्न का अध्यात्मिक गुणधार स्वभाव

सत्वगुणी स्वभाव

ये लोग त्यागी] दयालु] तत्वज्ञ] ज्ञानी] नम्र चतुर] दानी] न्यायी] उदार] सुशील और आतेष्ट जनों पर प्रेम करने वाले होते है।गुणीजनों का आदर सम्मान करते है। गौरवपूर्ण और आदरयुक्त वचन बोलते है] शास्त्रार्थ करते हैं और न्यायदान योग्य रीति से करते है।

रजोगुणी स्वभाव

ये स्वाभिमानी] भोगी] कामी] दीर्घसूत्री  विविध प्रकार की बुद्धियों से युक्त] प्रसन्न] सन्तान व सम्पत्ति की दृष्टि से दुखी] स्त्री-विलास कुशल] मार्मिक] साहित्यशास्त्रज्ञ तथा दुश्मनों को जीतने वाले होते है। इनका मित्र-परिवार काफी बड़ा होता है। कोई] भी कार्य बड़ी सावधानी से करते है और वाद विवाद में किसी से हार नहीं खाते।

तमोगुणी स्वभाव

ये असत्यवादी] वीभत्सप्रिय] कठोर और कटु वचनी व व्यभिचारी होते है। खाते पीते और मौज उड़ाते हैं] किसी की परवाह नहीं करते] यहां तक की पत्नि की भी चिन्ता नहीं करते। न किसी के झंझटों में या झमेलों में ही फंसना चाहते हैं] न लोगों पर उपकार करना चाहते हैं। आपका वेदान्त पर विश्वास नहीं होता] फिर भी ऐसा दर्शाते हैं कि मानों आप बड़े परोपकारी है।

कर्कलग्न का अध्यात्मिक गुणधार स्वभाव

सत्वगुणी स्वभाव

ये शान्त स्वभाव वाले] मीठा बोलने वाले और कानून के अनुसार कार्य करने वाले होते है। आप अतिगूढ विचार करने के आदी होते है तथा भविष्य का विचार करने वाले होते है। आपका मित्र परिवार काफी बड़ा होता है। जिन्दगी के आखिर तक शास्त्राभ्यास करते रहते है] बुद्धि कुशाग्र होती है] और आप दूसरों से प्रेम का बर्ताव रखते हैं ये संकटों से विचलित नहीं होते] सत्य के लिये कष्ट सहन करते है] लोगों का कल्याण करते है एवं धर्म के पथ पर चलते है। इनके विचार व आचार विशुद्ध होते है। शत्रु को भी क्षमा कर देते हैं ये प्रापंचिक बातों से अनासक्ति रखते हैं व तत्वज्ञानी] एकान्तप्रिय और निस्वार्थी तथा योगी होते है।

रजोगुणी स्वभाव

ये डरपोक] थोड़े स्वार्थी] अपने धन्धे में पूरी पूरी दक्षता रखने वाले] पैसे के बारे में झूठ बोलने वाले तथा मित्रता के लिये सत्पात्र होते हैं। अपनी पत्नी और बालबच्चों में ही मस्त रहते हैं] मां] बाप] भाई बहिन] आदि की तनिक भी परवाह नहीं करते। किसी भी कार्य में दूसरों को आगे कर आप पीछे रहना पसन्द करते है। प्रेम के विषय में ये धोखा खाते है।

तमोगुणी स्वभाव

आप अपनी कर्तव्य शक्ति के विषय में वृद्याभिमान रखते है और अपने मन में ऐसी इच्छा रखते है कि लोग आपकी खूब तारीफ करें और संसार में आपका नाम गूंज उठे लेकिन इतने लायक आप में एक भी गुण नहीं होते। मीठी मीठी बातों से ये दूसरों को फंसाते है] झूठ बोलते हैं और दयामायाहीन व मन में दुराशा रखने वाले होते है। आप बहुत क्रोधी होने के कारण दूसरों को कभी कभी आपसे कष्ट पहुंचता है।

सिंह लग्न का अध्यात्मिक गुणधार स्वभाव

सत्वगुणी स्वभाव

ये स्वाभिमानी] शूर] निडर] दृढ़ निश्चयी] शांत] स्थिरबुद्धि वाले] गंभीर] मितभाषी] साहसी] धैर्यवन] उदार] आत्मसंतोषी] महत्वाकांशी] सनातनी और साधु सन्यासियों के प्रति भक्तिभाव रखने वाले होते है। दूसरों से बातचित करते वक्त  उन पर अपनी छाप छोड़ देते  है।

रजोगुणी स्वभाव

ये अहंकारी] अकर्मण्य] और चैन की बंसी बजानेवाले होते है। ये न किसिका अच्छा करते हैं और न ही बुरा करते है] अपितु सब से प्रेम का व्यवहार करते हैं; अतः इनका मित्र परिवार बहुत बड़ा होता है। ये व्यवसाय मे चतुर नहीं होते बल्कि आराम तलब जीवन पसंद करते हैं। परिजनों से प्रेम का व्यवहार रखते हैं। ये न्याय प्रदान करने मे पारंगत होते है] अन्याय  के विरुद्ध लढते हैं] लेकिन स्वयं झगड़े से दूर रहते है।

तमोगुणी

ये अपनी कर्तव्य शक्ति के विषय में मिथ्याभिमान रखते हुवे मन में ये आशा रखते हैं कि लोग उनकी खूब तारीफ करें। लेकिन इस लायक इनमें एक भी गुण नहीं होता है। मीठी मीठी बातों से लोगों कों फसाते है] झूठ बोलते हैं] दया माया हीन होकर मन में दुराशय रखनेवाले होते हैं। बहुत अधिक क्रोधी होने के कारण दूसरों को कष्ट पहुँचते है।

कन्यालग्न का अध्यात्मिक गुणधार स्वभाव

सत्वगुणी स्वभाव

ये शान्तिप्रिय] विनयशील] विषयपराडमुख] (इस स्वभाव के लोग कभी कभी अविवाहित भी रहते है) दयालु] प्रेमी] मिलनसार] विश्वसनीय] दूसरों का कार्य बिना वेतन और मित्रों का संग्रह करने वाले होते है।

रजोगुणी स्वभाव

ये काफी चिकित्सक] अल्प स्वार्थी किन्तु अपने स्वार्थ के लिये दूसरों को कष्ट न देने वाले] व्यवहार-कुशल व दूसरों का कार्य न करने वाले होते है। आपका मित्र-परिवार बड़ा होता है।

तमोगुणी स्वभाव

ये असत्यवादी] अतिचन्चल] व्यभिचारी] अविश्वसनीय] परस्त्रीगामी और दूसरों को हानि पहुंचाने वाले होते है।

तुला लग्न का अध्यात्मिक गुणधार स्वभाव

सत्वगुणी स्वभाव

ये परोपकारी] निश्चयी] हठी] सुशील] मृदुभाषी] दयालु] प्रगल्मबुद्धि से युक्त] निस्वार्थी] लोगों से प्रेम का बर्ताव करने वाले और दूसरों के लिये कष्ट उठाने वाले होते है।

रजोगुणी स्वभाव

ये अल्पमात्रा में स्वार्थी] अपने शारीरिक सुखों की ओर विशेष रूप से ध्यान देने वाले ओर घर में स्त्री व बाल बच्चों का ख्याल न करने वाले होते है। ये लोगों से मित्रता का व्यवहार का व्यवहार रखते है किन्तु उनको मदद नहीं करते। ये दुराग्रही] थोड़े अभिमानी और कुलाभिमानी होते हैं।

तमोगुणी स्वभाव

ये लोग अविश्वसनीय] घमण्डी] स्वार्थी] झगड़ालू तथा अपने सुख के लिये दूसरों को कष्ट देने वाले होते हैं ये अपने को सर्व समझते हैं।

वृश्चिक लग्न का अध्यात्मिक गुणधार स्वभाव

सत्वगुणी स्वभाव

ये परोपकारी] सुशील] दयालु] प्रेमी] हरएक बात में समतोल वृत्ति से काम लेने वलो और अपने विचार दूसरों के सामने निर्भयता से प्रगट करने वाले होते हैं। आपका जन्म स्वकल्याण के लिये न होकर दूसरों के कल्याण के लिये होता है। येमें साधु सत्पुरुषों के गुणाधर्म विद्यमान होते है।

रजोगुणी स्वभाव

ये पराक्रमी] निडर] दुराग्रही] झगड़ालू] दयालु] प्रेमी और गरीबों पर उपकार करने वाले होते है। ये अपने कार्य में निमग्र रहते हैं और आपका मित्र परिवार बडे बडे लोगों का होता है। ये डाॅक्टर या सर्जन हो सकते है।

तमोगुणी स्वभाव

ये दुराचारी] मितभाषी] घमण्डी] कृतज्ञ] क्रोधी] धूर्त व कपटी होते है। ये दूसरों पर उपकार नहीं करते बल्कि क्रोध मन में रखकर] समय आने पर बदला चुकाते है।

धनुलग्न का अध्यात्मिक गुणधार स्वभाव

सत्वगुणी स्वभाव

ये परोपकारी] निस्वार्थी] अव्यभिचारी] दयालु] प्रेमी] ज्ञानी] विश्वबंधुत्व के रखने वाले तथा लोगों पर अधिकार चलाने वाले होते है। आपमें सब सद्गुणों का समुच्चय पाया जाता है। ये या तो साधुसत्पुरुष होते हैं या राजनैतिक क्षेत्र में क्रान्तिकारी होते हैं। किसी से न दबने वाले होते हैं।

रजोगुणी स्वभाव

ये अतिकामी] परोपकारी] न्यायान्याय-पारगत] विद्वान] सच्ची राह पर चलने वाले और दूसरों के लिये कष्ट उठाने वाले होते है। ये ज्ञानी तो होते हैं किन्तु अपने ज्ञान के बारे में अहंकार की भावना भी मन में रखते है।

तमोगुणी स्वभाव

ये दुराग्रही] असत्यवादी] अतिचंबल] अपनी कर्तव्यशक्ति के बारे में ये अपने हृदय में झूठी कल्पनाएं रखते हैं। इस राशि में स्त्रीसुख अल्पमात्रा में मिलता है।

मकरलग्न का अध्यात्मिक गुणधार स्वभाव

सत्वगुणी स्वभाव

ये दुनिया का कल्याण करने के लिये परिश्रम उठाते हैं। उसी प्रकार से] स्वयं मन में शान्ति रखते हुए] दुनिया में शान्ति कैसे प्रस्थापित होगी और कैसे टिक सकेगी] इसके बारे में प्रयत्न करते है। ये प्रेमी] दयालु] और विश्व का कल्याण करने वाले होते हैं] तथा स्वेया कारण अपना धर्म समझते है। एसे लोग या तो डॉक्टर होते है या फिर दुनिया के सामाजिक क्षेत्र मे सूत्र संचालन करते है

रजोगुणी स्वभाव

दुराग्रही] स्वाभिमानी] अल्प मात्रा में स्वार्थी] बड़े बड़े कार्य करनेवाला] और दूसरों के फायदे करते वक्त उसमें से अपना भी फायदा निकाल लेने वाले होते है।

तमोगुणी स्वभाव

ये लोग दुष्ट] व्यसनी] परस्त्री – अभिलाषी] अतिघमण्डी] अतिस्वार्थी] अपने स्वार्थ के लिए दूसरों की हानी करनेवाले होते हैं। ये स्वयं को सर्वज्ञ समझने वाले और दूसरों से भी बड़प्पन पाने की अपेक्षा करते है।

कुम्भ लग्न का अध्यात्मिक गुणधार स्वभाव

सत्वगुणी स्वभाव

ये बड़े विद्वान] ज्ञानी] मितभाषी होते है।न तो ये दूसरों पर उपकार करते हैं और न ही दूसरों से मिल जुल कर रहते है।ये अपने कामों में इतने ख्होए हौवे होते हैं की आपको दुनिया की कोई खबर भी नहीं होती।

रजोगुणी स्वभाव – तमोगुणी स्वभाव

इस राशि मे रजोगुण और तमो गुण का सम्पूर्ण विकास  होना]साथ ही इनमे अंतर करपाना  एक कठिन समस्या है। लेकिन एक बात स्पष्ट है की ये लोग बहुत स्वार्थी] अपने स्वार्थ केलिए दूसरों को कष्ट या हानी पाहुचानेवाले होते हैं। ये अति लोभी] और अपने बच्चों और पत्नी की परवाह न करनेवाले होते है।इनके मन में कोनसे विचार चलते है यह कोई नहीं जान सकता] इस राशि में निष्क्रियता और जड़ता दो ही गुण मुख्यतः नजर आते है।

मीन लग्न का अध्यात्मिक गुणधार स्वभाव

सत्वगुणी स्वभाव

ये लोग धार्मिक] परोपकारी] सात्विक] दयालु] उदार] बुद्धिमान] सत्यभिमानी] दोनों पक्षों का विचार करनेवाले और] लोक हित के लिए कष्ट  उठाने वाले होते हैं। इन लोगों मे साधू सत्पुरुषों के गुण पाये जाते हैं।

रजोगुणी स्वभाव

ये बुद्धिमान] परोपकारी] न्यायान्याय मे अंतर करने में पारंगत ] दूसरों का फायदा करनेवाले] काव्य] नाटक] गायन] सिनेमा आदि में रुचि रखनेवाले] परिवार से प्रेम करनेवाले होते है। दूसरों के साथ प्रेम का व्यवहार तथा व्यवसाय मे आसक्ति रखनेवाले होते है।

तमोगुणी स्वभाव

ये लोग अविश्वसनीय] अतिचंचल] अस्थिर] एकांतवास प्रिय होते है। ये न तो किसी से मित्रता का व्यवहार करते हैं और न हि किसी से प्रेम पूर्वक व्यवहार करते हैं।

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