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जन्मपत्री मृतक की है, या जीवित की

√•इस प्रश्न में जन्मलग्न, अष्टम स्थान की राशि और प्रश्नलग्न इन तीनों की संख्या को जोड़कर जन्मकुण्डली के अष्टमेश की राशिसंख्या से गुणा कर लग्नेश की राशि संख्या से भाग देने पर विषम अंक – १/३/५/७/९/११ शेष रहें तो जीवित की और सम अंक-२/४/६/८/१०/१२ शेष रहें तो मृतक की पत्रिका होती है।

 

√♂♂उदाहरण- प्रश्नलग्न तुला जन्मलग्न मीन, अष्टमेश की राशि ९, लग्नेश की राशि ५ है।

 ७ + १२ + ७ = २६ × ९ = २३४ ÷ ५ = ४६ लब्ध, ४ शेष। अतएव मृतक की जन्मपत्रिका कहनी चाहिए।

 

  • जन्मलग्न, प्रश्नलग्न और जन्मकुण्डली के अष्टमेश की राशि; इन तीनों को जोड़ने से जो योगफल आये उसमें अष्टमेश की राशि से गुणा करना चाहिए और गुणनफल में प्रश्न-समय में सूर्य जिस नक्षत्र पर हो उसकी संख्या से भाग देना चाहिए। सम शेष में मृतक की जन्मपत्री और विषम शेष में जीवित की जन्मपत्री होती है।
  • उदाहरण- जन्मलग्न १२ + प्रश्नलग्न ७ + अष्टमेश राशि ९ = १२+७+९ =२८ को अष्टमेश की राशि ९ से गुणा किया = २५२, प्रश्नसमय में सूर्य ५ राशि का है अतः ५ से भाग दिया तो २५२ ÷५= ५० लब्ध, २ शेष सम शेष रहने से जन्मपत्री समझनी चाहिए।
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