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नसीब और आने वाला समय अच्छा हो तो जीवन जीने के आनंद जो होता है वह एक अलग ही होता है।

नसीब और आने वाला समय अच्छा हो तो जीवन जीने के आनंद जो होता है वह एक अलग ही होता है।नसीब जिसके कई नाम है जैसे भाग्य, किस्मत आदि , नसीब(भाग्य/किस्मत)अच्छी होने से और आने वाला समय अच्छा अच्छा हो तो इससे बड़ा राजयोग और भाग्यशाली व्यक्ति कोई नही हो सकता।भाग्य अच्छा होने भाग्य का उदय, अच्छा रोजगार/कार्यक्षेत्र का स्तर, अच्छी आर्थिक स्थिति, सुख;सौभाग्य , भूमि-मकान सुख आदि जैसे फल मिलना ही अच्छे नसीब वाला व्यक्ति/भाग्यशाली होता है साथ ही यही शुभ फल भविष्य में वर्तमान-भविष्य में मिले या मिलता रहे यही अच्छा आने वाला समय है।

कुंडली में नवे भाव-नवे भाव स्वामी सहित अच्छे राजयोग और आने वाली ग्रहदशाओ का अच्छा होना ही अच्छे नसीब/भाग्य और वर्तमान और भविष्य में आने वाले समय में राजयोगों के उपरोक्त सुख बने रहते हैं और मिलते है क्योंकि नवा भाव भाग्य हैं तो राजयोग भौतिक रूप से अच्छी ज़िन्दगी देते है तो ग्रहदशाये वर्तमान और भविष्य में आने वाला समय है।

 

अब कुछ उदाहरणो से समझते है कैसे।।

 

उदाहरण अनुसार मेष लग्न:-

 

मेष लग्न में जैसे मंगल लग्नेश चन्द्रमा चौथे भाव(केंद्र स्वामी) और गुरु नवे भाव/भाग्य स्वामी(त्रिकोण स्वामी) होता है अब मंगल+चंद्र+गुरु यहां मेष लग्न में एक साथ संबंध में हो और भविष्य में आने वाली ग्रहदशाये इन्ही ग्रहों की या बलवान अनुकूल ग्रहों की रहे तब ऐसा जातक या जातिका परम् भाग्यशाली/नसीब वाला रहेगा और जीवन मे राजाओं वाले सुख जैसे धन,रोजगार, प्रॉपर्टी सुख आदि रहेंगे और वर्तमान भविष्य अच्छा रहेगा।।                                                                  

 

उदाहरण_अनुसार_मकर_लग्न1:

 

मकर लग्न में नवे भाव का स्वामी  बुध होता है अब यहाँ 9वे भाव का स्वामी बुध बलवान हो और राजयोग बनाकर बैठें जैसे नवमेश बुध ,दसवे+पाचवे भाव स्वामी शुक्र और लग्नेश शनि के साथ संबंध बनाकर शुभ स्थिति में मकर लग्न रहे और वर्तमान समय सहित भविष्य में आने वाली ग्रहदशाये अच्छी मिलती रहे तब ऐसा जातक/जातिका परम भाग्यशाली/नसीब वाले और जीवन मे सभी सुख भविष्य में भोगेंगे और वर्तमान में भी भाग्यशाली बने रहेंगे।। 

नोट:- भाग्यशाली योग होने पर ही यदि वर्तमान समय की ग्रहदशाये शुभ न मिले तो वर्तमान में थोड़ी दिक्कते रहेगी ही लेकिन तड़ी भविष्य में ग्रहदशाये अनुकूल आ रही है तब जातक/जातिक का अच्छा समय रहेगा ही और राजयोग सुख प्राप्त होते रहेंगे।।                                                                                                  

 

एक अन्य उदाहरण से ओर समझते है:-                                                                                                    

 

उदाहरण_अनुसार_वृश्चिक_लग्न2:-

 

वृश्चिक लग्न में भाग्येश चन्द्रमा होता है अब चन्द्रमा यहाँ लग्नेश मंगल के साथ दसवे भाव मे सिंह राशि मे बैठ  जाये और यहां दसवे भाव सिंह राशि का स्वामी सूर्य बनता है इस कारण मंगल+चन्द्रमा का राशि स्वामी दशमेश सूर्य भी कही न कही शुभ और बलवान स्थिति में हो, तब ऐसा जातक/जातिक परम् भाग्यशाली रहेंगे और ग्रहदशाये वर्तमान में चलने वाली और  भविष्य में जल्दी आने वाली अनुकुल रहेगी तब कई तरह से जातक/जातिक यहाँ भाग्यशाली रहेंगे, अच्छा समय चलने से जीवन मे वह सब सुख प्राप्त भाग्य(नसीब)से मिलेंगे जो एक राजयोग के अधिकार में आते है मतलब जातक/जातिक भाग्यशाली होंगा।।                                                                                                                   

 

इस तरह उपरोक्त तरह से नसीब/भाग्य अच्छा होने से और आने वाला समय अच्छा ग्रहदशाओ का होने से व्यक्ति को तरह से भाग्यशाली रहता है, असंभव चीजे भी संभव होकर ऐसे जातक/जातिक को मिल जाती है।।

 

 

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