Sshree Astro Vastu

Generic selectors
Exact matches only
Search in title
Search in content
Post Type Selectors

ऊपरी बाधा

जादूटोना_शिकार है तो इससे मुक्ति कब मिलेगी। कभी-कभी जीवन मे ऐसी स्थिति आ जाती है जब जादू टोना, ऊपरी बाधा, किये कराये, चौराहा लग जाना आदि से ऊपरी बाधा के कारण दिक्कते होती है जिससे जीवन कष्टकारक बन जाता है, करोबार बंद हो जाना आदि की स्थिति बन जाती है।कुंडली में ग्रहो की स्थिति के कारण ही हम ऊपरी बाधा, जादू टोना, किया किराये से पीड़ित हो जाते है जिससे जीवन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।आज इसी पर बात करते है यदि इस तरह से ऊपरी बाधा, जादू टोना, किये कराये से पीड़ित होते है तो क्यों और क्या ठीक हो पाएंगे और कब तक ठीक हो पायेंगे।

जब लग्न-लग्नेश और चन्द्रमा आदि पर अशुभ शनि राहु केतु और छठे या आठवे भाव का  प्रभाव पड़ता है और ग्रहदश जब अशुभ जीवन में चलती है या आती है तब जादू टोना, किया कराया, ऊपरी बाधा आदि जैसी परेशानी से पीड़ित होने पड़ जाता है जिससे जीवन में असीमित दिक्कते जैसे शारीरिक कष्ट, रोजगार में गिरावट, मानसिक संतुलन ठीक न रहना, मानसिक पागलपन, आदि समस्या से दिक्कते होने लगती है।लेकिन ऐसी स्थिति ऊपरी बाधा से जातक या जातिका पीड़ित है और शुभ बलवान बृहस्पति की दृष्टि लग्न पर है या लग्नेश से सम्बन्ध है या अन्य शुभ ग्रहों शुक्र बुध ,शुभ बली चन्द्र का प्रभाव तब इस तरह की ऊपरी बाधा से उपाय करके मुक्ति मिल जाती है और व्यक्ति ठीक हो जाता है जबकि शुभ स्थिति में लग्न-लग्नेश नही है इनपर शुभ ग्रहों का असर नही है तब ठीक होने असम्भव होता है जातक/जातिका ऊपरी बाधा, जादू टोना, किये कराये की बाधा सेदुखी रहता है।

 

अब कुछ उदाहरणों से समझते है कब इस तरह से किये कराये, जादू टोना से पीड़ित होते है और कब इससे कैसे मुक्ति मिलेगी या नही मिलेगी।।                               

 

उदाहरण_अनुसार_मेष_लग्न1:-

मेष लग्न में लग्नेश मंगल होता है अब मंगल और लग्न यहाँ छठे भाव में छठे भाव स्वामी बुध से सम्बन्ध बनाकर बैठा हो और राहु भी मंगल के साथ अशुभ होकर बैठे साथ ही चन्द्रमा  भी कमजोर होगा तब इस तरह की बाधाओं से जातक यहाँ पीड़ित होगा और जीवन कष्टकारी हो जायेगा, जबकि यही लग्न पर शुभ और बलवान बृहस्पति की दृष्टि पड़ जाएगी  तब शुभ ग्रहदश समय शुरू होते ही कुछ उपाय करके ऊपरी बाधा, जादू टोना, किये कराये आदि से पूरी तरह मुक्ति मिल जायेगी।।                                                            

 

उदाहरण_अनुसार_कन्या_लग्न2:-

कन्या लग्न कुंडली में लग्नेश बुध होता है अब बुध के साथ यहां छठे भाव स्वामी शनि साथ हो और राहु भी और मंगल भी यहां लग्न या लग्नेश को पीड़ित करे तब भयंकर ऊपरी बाधा, जादू टोना, किया कराये से दिक्कते होगी जब बुध, शनि राहु मंगल की दशाएं आयेगी लेकिन यही बुध बलवान हो और बुध पर शुक्र और गुरु का पूर्ण प्रभाव दृष्टि या सम्बन्ध से बने तब शुभ दशा शुरू होते ही इस तरह की ऊपरी बाधा, किये कराये, जादू टोने आदि से मुक्ति मिल जायेगी उपचार करने से।।                                                           

 

अब एक उदाहरण से समझते है कब मुक्ति ऊपरी बाधा, जादू टोना, किये कराये, आदि से नही मिलती है।

उदाहरण_अनुसार_कर्क_लग्न3:-

कर्क लग्न में लग्नेश स्वयम चन्द्रमा बनता है अब चन्द्रमा यहाँ अस्त होकर शनि के साथ छठे, आठवे, या बारहवे भाव में जाकर बैठ जाए और अशुभ राहु या केतु से लग्न भी दूषित हो और चन्द्रमा भी साथ ही लग्न पर ,लग्नेश चन्द्रमा पर किसी भी शुभ ग्रह जैसे शुक्र गुरु बुध का खासकर यहाँ शुक्र गुरु का प्रभाव नही होगा तब कभी भी ऊपरी बाधा, किये कराये, जादू टोने आदि से मुक्ति नही मिलेगी।सिर्फ यदि ऐसी स्थिति में शुभ ग्रहदश शीघ्र जातक/जातिका पर आने वाली हो या चल रही हो तब जरूर दिक्कतो के बाद मुक्ति ऊपरी बाधा, जादू टोना, किया कराया आदि से मिल सकती है वरना नही।।                                                                 

 

इस तरह से यदि कोई भी जातक/जातिका उपरोक्त इस तरह से ऊपरी बाधाओं से पीड़ित है जिस कारण जीवन में दिक्कते हो रही है आदि तब

 

कुंडली में शुभ प्रभाव होने से ,समय अनुकूल होने या आने से इस समस्या स्व समाधान मिल जायेगा वरना यदि बचाब के योग नही है टाब मिलना मुश्किल होगा।।

आप सभी लोगों से निवेदन है कि हमारी पोस्ट अधिक से अधिक शेयर करें जिससे अधिक से अधिक लोगों को पोस्ट पढ़कर फायदा मिले |
Share This Article
error: Content is protected !!
×