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CANCER कैंसर रोग - ज्योतिष शास्त्र अनुसार कारण

युक्ताहारविहारस्य युक्तचेष्टस्य कर्मसु। युक्तस्वप्नाव बोधस्य योगो भवति दु:ख।। ज्योतिषाचार्य डॉ प्रितम अनुसार कैंसर की उत्पत्ति में कोशिकाओं की भूमिका है। ज्योतिष में “श्वेत रक्त कण “का सूचक -कर्क राशि स्वामी चंद्र ग्रह तथा “लाल रक्त कण “का सूचक मंगल है। कर्क राशि का चिंह ” केकड़ा ” है +  कर्क राशि का अंग्रेजी नाम कैंसर   है। – पंजो का फैला रूप ! ठीक उसी प्रकार कैंसर रोग की – स्टेज-1 , स्टेज- 2 , स्टेज-3 आदि रूप में फलता हे जाता  है। जब तक की उसकी थेरेपी नहीं उपचार में लायी जाती  है।

       मानव शरीर में कोशिकाओं का अनियंत्रित मात्रा में बनकर शरीर के किसी विशेष भाग में जमा होना उस भाग में कैंसर का संक्रमण होगा.।  ” रक्त कैंसर ” मंगल ग्रह का पीड़ित होना , नीच नवांश में होना , ” राहुग्रह ” को विष का कारक माना गया  है। राहु ग्रह की त्रिक भाव पे दृस्टि कैंसर रोग को जन्म देती  है। वैसे vedic ज्योतिष पूर्व जन्मो के किया कर्मो का फल देता  है।

       ” स्तन कैंसर ” जन्मपत्री में लग्न भाव शरीर का प्रतिनिधि है।  भाव ” chest / breast का कारक होता है। और स्वंय चन्द्रमा ग्रह ही कारक है। कुंडली का 2,6,10 भाव मानव शरीर में मांस का कारक भाव होगा ! ” मंगल ग्रह ” स्तन ग्रंथियों स्वामी ग्रह होता हैं।

कर्क रोग (चिकित्सकीय पद: दुर्दम नववृद्धि) रोगों का एक वर्ग है जिसमें कोशिकाओं का एक समूह अनियंत्रित वृद्धि (सामान्य सीमा से अधिक विभाजन), रोग आक्रमण (आस-पास के उतकों का विनाश और उन पर आक्रमण) और कभी कभी अपररूपांतरण अथवा मेटास्टैसिस (लसिका या रक्त के माध्यम से शरीर के अन्य भागों में फ़ैल जाता है) प्रदर्शित करता है। कर्क के ये तीन दुर्दम लक्षण इसे सौम्य गाँठ (ट्यूमर या अबुर्द) से विभेदित करते हैं, जो स्वयं सीमित हैं, आक्रामक नहीं हैं या अपररूपांतरण प्रर्दशित नहीं करते हैं। अधिकांश कर्क एक गाँठ या अबुर्द (ट्यूमर) बनाते हैं, लेकिन कुछ, जैसे रक्त कर्कट (श्वेतरक्तता) गाँठ नहीं बनाता है। चिकित्सा की वह शाखा जो कर्क के अध्ययन, निदान, उपचार और रोकथाम से सम्बंधित है, ऑन्कोलॉजी या अर्बुदविज्ञान कहलाती है।

कर्कट सभी उम्र के लोगों को, यहाँ तक कि भ्रूण को भी प्रभावित कर सकता है, लेकिन अधिकांश किस्मों का जोखिम उम्र के साथ बढ़ता है।कर्क में से १३% का कारण है।अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार, २००७ के दौरान पूरे विश्व में ७६ लाख लोगों की मृत्यु कर्क के कारण हुई।  सभी जानवरों को प्रभावित कर सकता हैl

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