Author: guruji

वैवस्वत पूजन: एक विशिष्ट वैदिक परंपरा की आध्यात्मिक व्याख्या

वैवस्वत पूजन: एक विशिष्ट वैदिक परंपरा की आध्यात्मिक व्याख्या भारतवर्ष की सनातन परंपरा में प्रत्येक पूजन, अनुष्ठान एवं

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बहुरंगी आषाढ़

बहुरंगी आषाढ़ “आया आषाढ़, आया आषाढ़…” “आषाढस्य प्रथमदिवसे मेघमाश्लिष्टसानुं।वप्रक्रीडा परिणत गज प्रेक्षणीयं ददर्श।” यह कालिदास की अमर और

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वैदिक ज्योतिष में प्रत्येक ग्रह  न केवल विभिन्न रोगों का कारक  है, बल्कि शरीर पर विशिष्ट चिन्ह (चिह्न), तिल, मस्सा, कट या दाग आदि भी देता है। 

वैदिक ज्योतिष में प्रत्येक ग्रह न केवल विभिन्न रोगों का कारक है, बल्कि शरीर पर विशिष्ट चिन्ह (चिह्न),

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