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पैतृक संपत्ति

अगर पैतृक संपत्ति है तो पैतृक संपत्ति अभी मिल नही पाई है या पैतृक संपत्ति में बंटबारा चाहते या बेचना चाहते है तो कब तक होगा बटबारा या बेचना, बाकी पैतृक संपत्ति बिकेगी या बटबरा होगा और कब तक आदि??                                                                        कुंडली का चौथा भाव संपत्ति का है तो 8वा भाव पैतृक संपत्ति का है तो 9वा भाव पूर्वजो का होने से इस भाव की भी भूमिका पैतृक संपत्ति में रहेगी शनि मंगल संपत्ति के तो गुरु पैतृक संपत्ति का कारक ग्रह है।

 

अब कुंडली के चौथे भाव/चौथे भाव स्वामी बलवान स्थिति में है और कही न कही बलवान 8वे भाव से या 9वे भाव या इनके स्वामियो से शुभ स्थितियों में सम्बन्ध बनाकर बैठे है और इस संबंध में मंगल या पूर्वजो का कारक गुरु शनि बलवान है होकर सबन्ध में है तो बहुत आसानी से पैतृक संपत्ति में बटबारा हो जाएगा।

बाकी यदि 8वा भाव और 9वा भाव जो कि पैतृक संपत्ति के है अगर बहुत ज्यादा बलवान है तब बंटबारा होकर संपत्ति अपनी होगी इसके अलावा 8वा और 9वा भाव चौथे भाव सहित पीड़ित है या कमजोर है तब पैतृक संपत्ति बिक कर उसमें हिस्सा मिलेगा क्योंकि बलवान 8+9वा भाव संपत्ति को बेचने नही देगा बंटबारा करालर हक दिलवाएगा।।                                                                                                            

 

अब कुछ उदाहरणो से समझते हैं पैतृक संपत्ति कब तक मिल जाएगी और बंटबारा होकर मिलेंगी या बेचकर पैतृक संपत्ति में हक़ मिलेगा आदि।।                                                                         

 

उदाहरण_अनुसार_मेष_लग्न1:-

मेष लग्न में संपत्ति चौथे भाव स्वामी चन्द्रमा बलवान होकर 8वे भाव स्वामी मंगल सहित गुरु से सम्बंध बनाकर बैठे हैं और तीनों ही बहुत बलवान हैं मंगल गुरु चन्द्र तब पैतृक संपत्ति में हिस्सा बंटबारा होकर मिलेगा क्योंकि पैतृक संपत्ति भाव मजबूत है तो पैतृक संपत्ति को बिकने नही देंगे केवल बंटबारा कराकर हिस्सा मिलेगा।।                                                             

 

उदाहरण_अनुसार_वृष_लग्न2:-

वृष लग्न में संपत्ति चौथे भाव स्वामी सूर्य हैं सूर्य अब बलवान होकर पैतृक भाव/बलवान 8वे भाव स्वामी शक्तिशाली गुरु से यहाँ सबंध बनाकर सूर्य बैठे हैं या सूर्य बलवान हैं और चौथे भाव मे गुरु बैठा है साथ ही पूर्वजो का स्वामी 9वे भाव स्वामी जो कि यहाँ शनि होंगे अगर शुभ स्थिति में है तब पैतृक संपत्ति में बंटबारा होकर हिस्सा मिलेगा, अगर 8वे भाव और 9वा भाव इनके स्वामी गुरु शनि कमजोर है तब पैतृक संपत्ति बिककर हक मिलेगा।

उदाहरण_अनुसार_सिंह_लग्न3:-

सिंह लग्न में संपत्ति स्वामी चौथे भाव स्वामी मंगल है तो पूर्वजो के स्वामी 9वे भाव स्वामी भी मंगल है साथ ही पैतृक संपत्ति भाव 8वे भाव स्वामी यहाँ गुरु है अब यहाँ मंगल और गुरु का सम्बन्ध बन रहा है शुभ स्थिति में और मंगल गुरु दोनो बहुत बलवान हैं 8+9वे भाव बहुत बलवान है तब पैतृक संपत्ति में बंटबारा होकर पैतृक संपत्ति मिलेगी जबकि मंगल गुरु और 8+9वे भाव सामान्य बलवान स्थिति में है जिस कारण पैतृक संपत्ति लम्बे समय न चलकर पैतृक संपत्ति बिककर ही उसमें हिस्सा मिल पायेगा।।                                                                                                              

 

नोट:- पैतृक संपत्ति में बिककर या बंटबारे होकर जिस भी तरह कुंडली मे पैतृक संपत्ति या पैतृक संपत्ति में हक़ मिलने के रास्ते बने है उसी तरह से प्रयास करने पर पैतृक संपत्ति बिककर या बंटबारे से प्राप्त होगी।बाकी 4,8,9भाव और इनके स्वामी पीड़ित या अशुभ स्थिति में कुंडली मे है तब पैतृक संपत्ति मिलने में बाधाएं, अधिकार पूर्ण रूप से न मिलना आदि समस्या बनी रहेगी ऐसी स्थिति में उपाय से लाभ मिलेगा बाकी जब चौथे भाव या पैतृक संपत्ति वाले ग्रहो या पैतृक संपत्ति वाले ग्रहो से सम्बंध किये ग्रहो की दशा महादशा आने पर ही पैतृक सम्पत्ति में बंटबारा या बिककर हक(हिस्सा)मिलेगा।

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