24 अक्टूबर 2024 गुरुवार को अहोई अष्टमी का व्रत रखकर पर्व मनाया जाएगा। इसी दिन पुष्य नक्षत्र का महायोग भी है। इसी दिन अमृत सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा। इस दिन व्रत रखने का खास महत्व है। अहोई का अर्थ अनहोनी को होनी बनाना और किसी अप्रिय अनहोनी से बचाना भी होता है। अहोई अष्टमी व्रत के दिन माताएं अपने बच्चों की भलाई के लिए उपवास रखती हैं। यह व्रत करवा चौथ के समान ही दिनभर उपवास रखकर किया जाता है, तथा रात में तारों को देखने के पश्चात ही व्रत खोला जाता है।
24 अक्टूबर 2024 बृहस्पतिवार को अहोई अष्टमी का शुभ मुहूर्त:-
🚩अभिजीत मुहूर्त:- 11:43 से दोपहर 12:28 के बीच।
🚩लाभ का चौघड़िया:- दोपहर 12:05 से दोपहर 01:29 के बीच।
🚩शुभ का चौघड़िया:- अपराह्न 04:18 से शाम 05:42 के बीच।
🚩अहोई अष्टमी पूजा मुहूर्त- शाम 05:42 से 06:59 के बीच।
🚩तारों को देखने के लिये सांझ का समय- शाम 06:06 बजे।
🚩अहोई अष्टमी के दिन चन्द्रोदय समय- दिल्टी टाइम अनुसार रात्रि 11:55 बजे।
क्यों रखती है महिलाएं अहोई अष्टमी का व्रत?
अहोई अष्टमी व्रत के दिन माताएं अपने बच्चों की भलाई के लिए उपवास रखती हैं। अहोई का अर्थ अनहोनी को होनी बनाना और किसी अप्रिय अनहोनी से बचाना भी होता है। आपको बता दें कि अहोई अष्टमी के दिन रात में चंद्रोदय बहुत देर से होता है। मान्यतानुसार कुछ स्थानों पर सायंकाल के समय आकाश में तारों को देखने के बाद यह व्रत खोला जाता है, तथा कुछ महिलाएं चंद्रमा दर्शन के पश्चात ही व्रत को खोलती है। इस बार यह व्रत 24 अक्टूबर 2024 गुरुवार को पड़ रहा है। अहोई अष्टमी व्रत उत्तर भारत में ज्यादा प्रसिद्ध है।