|| ॐ गं गणपतये नमः ||
“मुद्गल पुराण”
श्री गणेश बुद्धि और विद्या के देवता है। जीवन को विघ्र और बाधा रहित बनाने के लिए श्री गणेश उपासना बहुत शुभ मानी जाती है। इसलिए हिन्दू धर्म के हर मंगल कार्य में सबसे पहले भगवान गणेश की उपासना की परंपरा है। माना जाता है कि श्री गणेश स्मरण से मिली बुद्धि और विवेक से ही व्यक्ति अपार सुख, धन और लंबी आयु प्राप्त करता है।
धर्मशास्त्रों में भगवान श्री गणेश के मंगलमय चरित्र, गुण, स्वरूपों और अवतारों का वर्णन है। भगवान को आदिदेव मानकर परब्रह्म का ही एक रूप माना जाता है। यही कारण है कि अलग-अलग युगों में श्री गणेश के अलग-अलग अवतारों ने जगत के शोक और संकट का नाश किया। इसी कड़ी में मुद्गल पुराण के मुताबिक भगवान श्री गणेश के ये 32 मंगलकारी स्वरूप नाम के मुताबिक भक्त को शुभ फल देते हैं।
10. श्री हेरम्ब गणपति 👉 आठ भुजाधारी गौर वर्ण शरीर….
|| ॐ गं गणपतये नमः ||