Sshree Astro Vastu

कुंडली के गुण मिलान में "तारा दोष" के 3 गुण

वर-वधु कुंडली मिलान, पार्टनरशिप , नौकर रखना और मित्रता में तारा मिलान जरूरी

==============================

तारा दोष मिलान को एक प्रकार से 2 अनजान लोगों का भाग्य का मिलान भी कह सकते हैं। या यह भी कह सकते हैं कि दो अनजान लोगों का औरा का मिलान कैसा है ? दोनों की औरा मैच करती है या नहीं।

 

कुंडली मिलान में ताराएं 9 प्रकार की होती है। जन्म, सम्पत, विपत्त, क्षेम, प्रयतरि, साधक, वध, मित्र, अतिमित्र । इसमें 3,5,7 विपत, प्रयतरि और वध तारा बहुत हानिकारक होती है।

 

अगर लड़के का नक्षत्र लड़की के नक्षत्र से तीसरा , पाँचवाँ या सातवाँ आता है तो उनकी शादी के बाद या तो विपत्ति आनी शुरू हो जाती है , या एक दूसरे से शस्त्रुता रखते हैं या किसी एक की म्रत्यु हो जाती है।

 

इसी प्रकार आप किसी के साथ साझेदारी करते हैं तो साझेदार धोखा दे जाता है या मर जाता है। इसी प्रकार आप घर में नौकर या ड्राईवर या बड़ा स्टाफ रखते हैं। और आपकी तारा उनके साथ नहीं मिलती है तो वो भी आपको धोखा दें जाते हैं। या नौकर ही घर के आदमी को मार जाता है।

इसके अलावा कोई भी शुभ काम आप करते हैँ तो जिस दिन वो काम करना चाहते हैं उस दिन के नक्षत्र को अपने नक्षत्र से मिला लेना चाहिए। कही ऐसा न आपने शुभ मुहूर्त देखकर यात्रा शुरू की और रास्ते में दुर्घटना हो गयी।

 

उदाहरण के लिए आप एक यात्रा पर जा रहे हैं । आपका जन्म का नक्षत्र अश्विनी है। और जिस दिन आप यात्रा पर जा रहे हैं  उस दिन का नक्षत्र सातवाँ यानि पुनर्वसु नक्षत्र है जोकि आपके नक्षत्र से वध बनता है । तो आपकी उस यात्रा के समय म्रत्यु भी संभव हो सकती  है। इसलिए कुंडली मिलान में तारा दोष के 3 गुण बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं।

 

 

 

 

नोट- अगर आप अपना भविष्य जानना चाहते हैं तो दिए गए मोबाइल नंबर पर कॉल करके या व्हाट्स एप पर मैसेज भेजकर पहले शर्तें जान लेवें, इसी के बाद अपनी बर्थ डिटेल और हैंडप्रिंट्स भेजे

आप सभी लोगों से निवेदन है कि हमारी पोस्ट अधिक से अधिक शेयर करें जिससे अधिक से अधिक लोगों को पोस्ट पढ़कर फायदा मिले |
Share This Article
error: Content is protected !!
×