
बिजनेस में संघर्ष –
अतः कुंडली में एकादश भाव, सप्तम भाव और बुध का कमजोर होना बिजनेस की सफलता में बाधक बनता है अतः कुंडली में लाभ स्थान, सप्तम भाव और बुध यदि अति पीड़ित या कमजोर स्थिति में हों तो व्यक्ति को बिजेस या व्यापार के क्षेत्र में नहीं जाना चाहिए।
विशेष – कुंडली के सप्तम भाव और सप्तमेश की स्थिति जहाँ व्यापार में सफलता या संघर्ष को निश्चित करती है वहीँ व्यापार का नैसर्गिक कारक बुध व्यक्ति में व्यापार करने के गुणों को देकर व्यापार की सफलता को निश्चित करता है तो वहीँ लाभ स्थान व्यापार में होने वाले लाभ के स्तर को तय करता है अतः यदि ये सभी घटक जन्मकुंडली में अच्छी स्थिति में हो तो व्यक्ति को बिजनेस में अच्छी सफलता मिलती है और किस वस्तु या क्षेत्र से सम्बंधित बिजनेस किया जाय यह व्यक्ति की कुंडली के मजबूत ग्रहों पर निर्भर करता है। किस व्यक्ति को व्यापार के किस क्षेत्र में जाना चाहिए या किस वस्तु से सम्बंधित व्यापार करना चाहिए यह व्यक्ति की कुंडली के बली ग्रहों पर निर्भर करता है अतः व्यक्ति की कुंडली के गहन विश्लेषण के बाद ही उसके लिए व्यापार की सही दिशा निश्चित की जाती है।