जब भी कुंभ अर्ध कुंभ या महाकुंभ आता है बहुत सारे आई आईटियन, फॉरनर्स ..और औरते प्रकट हो जाती है,कुंभ की महिमा गाने..!!
और उससे भी ज्यादा हिंदुत्व का राग अलापने वाले उनको उदाहरण मान उसका गुणगान कर कर के गदगद होते रहते है..??
क्यों भई..??
और जब ये सौ दो साल पहले IIT वाले ये विदेशी लोग नहीं आते थे यहां..तब..??
तब किसका उदाहरण देकर अपने को संतुष्ट करते थे..?
तब किन लोगों का दंभ भरते थे कि देखो हमारा हिंदू धर्म किन ऊंचाइयों को प्राप्त है..??
IIT का तो तब अस्तित्व ही नहीं था ना ..
ये इनके सर्टिफिकेट की जरूरत क्यों आन पड़ी अब..??
सैकड़ों सालों से तुम कुंभ स्नान कर रहे हो..!!
क्या हुआ कुछ परिवर्तन तुम्हारे जीवन में..??
बताओ..!!
हजार साल तक तो तुम गुलाम रहे..!!
क्या अचीव किया इस महापर्व से..??
मोक्ष..??
मुक्ति..?
पापों से छुटकारा..??
क्या मोक्ष का पता है तुमको हमको..??
या हमारे तुम्हारे साधु संतों को..??
ये जो हिंदुत्व का झंडा लिए घूम रहे है इनको कितना पता है..कभी तुमने जानने की कोशिश की..??
भेड़ों की तरह हर साल दर साल भीड़ इकट्ठी करने का क्या प्रयोजन..??
इतना आयोजन किस काम का..??
गरीबी में मोक्ष..परम आनंद..
संभव है क्या..??
क्या इतना आसान है मोक्ष प्राप्त करना किसी विशेष समय में स्नान करके हासिल कर लिया जाए..??
किसको मूर्ख बना रहे हो..??
विदेशियों को देखकर गदगद हो जाते हो..!!
जैसे दो चार नशेड़ी भांगेड़ी इस्लाम कबूल कर लेते है तो भारत के मुल्ले सुभान अल्लाह कह कह कर फेसबुक भर देते है..!!
तुम भी विदेशी देख आकर पगला जाते हो..!!
वो तो भौतिक सुखों को भोग कर यहां आते है, वो सुख जो
तुम सारी ज़िन्दगी उसे भोगने का ख्वाब लिए ही मर जाते हो..!!कभी हासिल ही नहीं कर पाते…!!
वो लोग रूहानी सुख हासिल करने इसीलिए आते है कि वो भौतिक सुखों के चरम सुख को भोग कर उकता चुके होते है।
और तुम तो वो पहली सीढ़ी भी नहीं चढ़े..
तुम्हारी तो आरतियां ही भौतिक मांगे है जो तुम रात दिन गा गा कर ईश्वर से सुख संपत्ति कष्ट मिटे इत्यादि मांगते हो..!!
तुमको क्या मालूम कि मोक्ष अध्यात्म किस चिड़िया का नाम है..!!
वो शरीर की जरूरतों को भोग कर मन की शांति ढूंढने आते है
तुम क्या करने जाते हो..??
तुम्हारा तो रोजी रोटी का झंझाल ही नहीं मिटा अभी..!!
कोई किसी बाबा के पास अपनी शादी की समस्या लेकर आता है
कोई बीमारी का,
तो कोई धन की कमी का रोना लेकर आ जाता है..!!
क्या कोई किसी बाबा के पास मोक्ष प्राप्त करने गया है..??
लेकिन सबको कुंभ जाना है..!!
नहाया धोया और मिला मोक्ष
मिली मुक्ति..!!
कितना आसान है
क्यों..??
नदियां तुमने केमिकल से भर दी है
क्योंकि फैक्ट्रियां चलानी है
लोगो की रोटी उससे चलती है
उसमें तुमको नहाना है..!!
वो भी आस्था के नाम पर..!!
एक अफीमची की तरह सुध बुध खोए हुए इंसान की तरह..!!
जिसका दिमाग उसके बस में नहीं..!!
प्रचार इतना कि अगर कोई ना जाए कुंभ तो वो मानने लग जाए कि उसके जीवन व्यर्थ गया..!!