विदेश सेटलमेंट के लिए कुंडली मे सबसे पहले तो विदेश सेटलमेंट के योग होनर जरूरी है अब कुंडली का 12वा भाव विदेश का है तो चौथा भाव निवास का है तो लग्न-लग्नेश आप खुद होते है अब 12वा भाव स्वामी कुंडली मे मजबूत है और 12वा भाव भी अच्छी स्थिति में है और अब 12वे भाव या 12वे भाव स्वामी का सम्बन्ध कुंडली का लग्न-लग्नेश या चौथे भाव-चौथे भाव स्वामी से कुंडली मे है और इस सम्बन्ध में विदेश के कारक शनि या फिर राहु शुभ और बलवान होकर 12वे भाव या 12वे भाव स्वामी से सम्बन्ध बनाकर बैठे है तब विदेश में सेटलमेंट आपका हो जाएगा, अगर यह स्थिति भी न हो तब अगर दसवे भाव स्वामी या 10वे भाव का सम्बन्ध 12वे भाव स्वामी या 12वे भाव से बन रहा है और 12वे भाव से य 12वे भाव स्वामी से शनि या राहु का सम्बन्ध है तब विदेश में सेटलमेंट कैरियर व नौकरी की वजह स होगा।
अब कुछ उदाहरणों से समझते है विदेश में जाकर या विदेश सेटलमेंट किनका हो पायेगा और कब तक विदेश सेटलमेंट हो पायेगा कब है विदेश सेटलमेंट का समय।
मकर लग्न कुंडली मे 12वे भाव स्वामी गुरु या 12वे भाव का सम्बन्ध बलवान होकर कुंडली के चौथे भाव या चौथे भाव स्वामी मंगल या चौथे भाव से हो या फिर लग्न/लग्नेश शनि से सम्बन्ध बन रहा हो तब विदेश सेटलमेंट आपके है विदेश सेटलमेंट हो जाएगा इसके अलावा 12वे भाव स्वामी का संबंध 10वर भाव स्वामी या 10वे भाव से बन रहा है शनि राहु सहित तब विदेश में जाकर स्टेलेमेंट हो जाएगा।अब जब 12वे भाव स्वामी गुरु या 12वे भाव से सबन्ध बना रहे ग्रहो की दशाएँ आएगी उस समय विदेश सेटलमेन्ट होगा।
कन्या लग्न में 12वे भाव स्वामी सूर्य कुंडली मे बलवान होकर बुध या लग्न या 10वे भाव स्वामी या गुरु से सबध बना रहे हो शनि या राहु का सम्बन्ध भी 12वेद भाव से हो तब विदेश सेटलमेंट हो जाएगा।अब 12वे भाव या 12वे भाव स्वामी की या इनसे सम्बन्ध बना रहे ग्रहो की दशाएँ आएगी उस समय विदेश सेटलमेंट हो पायेगा।
तुला लग्न में 12वे भाव स्वामी बुध कुंडली मे मजबूत होकर शनि या राहु से सम्बंध बनाकर चौथे भाव या चौथे भाव स्वामी या फिर लग्नेश शुक्र से सम्बन्ध बना रहे है तब विदेश सेटलमेंट हो जाएगा अब 12वे भाव स्वामी अगर दसवे भाव स्वामी चन्द्रमा या दसवे भाव स सम्बन्ध बना रहे है तब जॉब की बजह से विदेश में निवास होने के रास्ते बनेंगे, 12वे भाव या 12वे भाव स्वामी की दशा अन्तर्दशाये आने पर विदेश सेटलमेंट हो पायेगा।