Sshree Astro Vastu

"समय नहीं है"

बारह घंटे का सफर अब चार घंटे में हो जाता है,
फिर भी इंसान कहता है – समय नहीं है।
बारह लोगों का परिवार अब दो लोगों तक सिमट गया है,
फिर भी इंसान कहता है – समय नहीं है।
जो संदेश चार हफ्तों में पहुंचता था,
अब चार सेकंड में मिल जाता है,
फिर भी इंसान कहता है – समय नहीं है।
“३० मिनट नहीं तो फ्री” जैसी ऑफ़र के जमाने में भी,
इंसान कहता है – समय नहीं है।

कभी दूर बैठे किसी के चेहरे को देखने में साल लग जाते थे,
अब वह चेहरा सेकंडों में मोबाइल पर दिख जाता है,
फिर भी इंसान कहता है – समय नहीं है।

घर में ऊपर-नीचे जाने के लिए जो मेहनत लगती थी,
अब लिफ्ट से कुछ सेकंड में हो जाता है,
फिर भी इंसान कहता है – समय नहीं है।

जो आदमी बैंक की लाइन में घंटों खड़ा रहता था,
अब मोबाइल से कुछ सेकंड में लेन-देन करता है,
फिर भी इंसान कहता है – समय नहीं है।

पहले जो मेडिकल चेकअप हफ्तों में होते थे,
अब कुछ घंटों में हो जाते हैं,
फिर भी इंसान कहता है – समय नहीं है।

एक हाथ में स्कूटी की हैंडल और दूसरे हाथ में मोबाइल,
क्योंकि रुककर बात करने का समय नहीं है।
कार चलाते वक्त एक हाथ में स्टीयरिंग,
दूसरे में व्हाट्सएप,
क्योंकि समय नहीं है।

जैसे ही ट्रैफिक जाम होता है,
दो लेन क्रॉस करके तीसरी खुद बना लेता है,
क्योंकि समय नहीं है।

चार लोगों के बीच बैठता है तो
बेचैनी से मोबाइल में उंगलियां चलाता है,
क्योंकि कहीं जाना है – समय नहीं है।
जब अकेला होता है तो शांत रहता है,
लेकिन कोई सामने आ जाए तो व्याकुल हो जाता है,
क्योंकि – समय नहीं है।

किताब पढ़ने का समय नहीं,
माता-पिता को फोन करने का समय नहीं,
मित्र से मिलने का समय नहीं,
प्रकृति में रमने का समय नहीं…

लेकिन –
IPL
के लिए समय है,
Netflix
के लिए समय है,
बेमतलब की Reels के लिए समय है,
राजनीति पर बहस के लिए समय है,
पर खुद के लिए समय नहीं है…

दुनिया आसान हो गई, गति बढ़ गई,
तकनीक नजदीक आ गई, दूरियाँ मिट गईं,
सुविधाएं बढ़ीं, अवसर बढ़े…
पर इंसान “समय नहीं है” कहते-कहते खुद से ही दूर हो गया।

शांत बैठकर खुद से बात करने का,
खुद को समझने का,
या बस कुछ क्षण खुलकर मुस्कुराने का भी
समय नहीं है।

और फिर एक दिन समय ही चला जाता है।
आखिरी क्षण में समझ आता है –
समय था… लेकिन हम ही “समय नहीं है” कहते हुए जीना भूल गए थे।

इसलिए आज ही तय करो –
खुद के लिए थोड़ा समय बचाओ,
रिश्तों को थोड़ा समय दो,
मन, शांति और जीवन के सार के लिए
थोड़ा समय जी कर देखो।

क्योंकि “समय नहीं है” यह सच्चाई नहीं,
बस एक आदत बन गई है…
और इस आदत को बदलना ज़रूरी है।

आप सभी लोगों से निवेदन है कि हमारी पोस्ट अधिक से अधिक शेयर करें जिससे अधिक से अधिक लोगों को पोस्ट पढ़कर फायदा मिले |
Share This Article
error: Content is protected !!
×