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ये जो घोड़े के नीचे बंधा हुआ है यही है वो ग़ाज़ी सालार मसूद...

जिसको भारत का कन्वर्ट मुसलमान अपने पीर फकीर की तरह मानता है। और हर साल इसकी कब्र पर उर्स मेले का भी आयोजन करता है। मेले में मूर्ख हिन्दू भी जाते हैं, इस चम्पतिये के कब्र से अच्छे स्वास्थ्य औरों सफल जीवन की दुआ मांगने।

 

है न विडम्बना..?

 

और….जो ….घोड़े के ऊपर पूरे जोश से लबरेज़ नौजवान दिखाई दे रहा है, वो हैं श्रावस्ती के महाराजा सुहेलदेव, जिन्होंने इस मसूद को पकड़कर, पहले बेइज्जती किया (नंगा कर के मुँह काला कर के घोड़े से बाँध कर घुमाया) ताकि इसकी गाज़ीगिरी निकल जाये और फिर रगड़ दिया…

 

तब से महाराजा सुहेलदेव को भारत के कनवर्ट मुस्लमान और कॉन्ग्रेसी शिक्षा नीति एक क्रूर राजा की तरह वर्णन करती आई हैं।

 

महमूद गजनवी के उत्तरी भारत को 17 बार लूटने व बर्बाद करने के कुछ समय बाद उसका भांजा “सलार गाजी” भारत को दारूल इस्लाम बनाने के उद्देश्य से भारत पर चढ़ आया!

 

वह पंजाब,सिंध,आज के उत्तर प्रदेश को रौंदता हुआ बहराइच तक जा पंहुचा और

रास्ते में उसने लाखों हिन्दुओं का कत्लेआम किया, लाखों हिंदू औरतों के बलात्कार हुए, हजारों मन्दिर तोड़ डाले। राह में उसे एक भी ऐसा हिन्दू शूरवीर नहीं मिला जो उसका मान मर्दन कर सके।

 

इस्लाम की जेहाद की आंधी को रोक सके।श्रावस्ती (बहराइच) अयोध्या के पास है!! वहाँ के राजा सुहेल देव पासी अपनी सेना के साथ सलार गाजी के हत्याकांड को रोकने के लिए जा पहुंचे।

 

महाराजा व हिन्दू वीरों ने सलार गाजी व उसकी दानवी सेना को मूली गाजर की तरह काट डाला, सलार गाजी मारा गया। उसकी भागती सेना के एक-एक हत्यारे को काट डाला गया। हिंदू ह्रदय राजा सुहेल देव पासी ने अपने धर्म का पालन करते हुए, सलार गाजी को इस्लाम के अनुसार कब्र में दफ़न करा दिया। कुछ समय पश्चात् तुगलक वंश के आने पर फिरोज तुगलक ने सलार गाजी को इस्लाम का सच्चा संत सिपाही घोषित करते हुए उसकी मजार बनवा दी।

 

आज उसी हिन्दुओं के हत्यारे, हिंदू औरतों के बलात्कारी, मूर्ति भंजक को हिंदू समाज एक देवता की तरह पूजता है।

आज वहां बहराइच में उसकी मजार पर हर साल उर्स लगता है, और उस हिन्दुओ के हत्यारे की मजार पर सबसे ज्यादा हिन्दू ही जाते हँ।

 

क्या कहा जाए ऐसे हिन्दुओ को…??

 

मूर्ख…?? या अज्ञानी…?

 

इनको सही इतिहास किसी ने बताया नहीं।

 

विडंबना देखिए –

 

जहाँ महाराज सुहेल देव जी की पूजा होनी चाहिए थी वहां पीर गाजी मियाँ की कब्र पर हिन्दू माथा पटक रहा है। सलार गाजी हिन्दुओं का गाजी बाबा हो गया है।

 

हिंदू वीर शिरोमणि सुहेल देव पासी सिर्फ़ पासी समाज और राजभर समाज का हीरो बनकर रह गए है।

 

और सलार गाजी हिन्दुओं का भगवन बनकर हिन्दू समाज का पूजनीय हो गया है।

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