आपका बच्चा रोगमुक्त रहे इसके लिए सबसे महत्त्वपूर्ण है उसकी इम्युनिटी ( बिमारियों से लड़ने की प्राकृतिक शक्ति ) अच्छी रहें, इसके लिए आप आयुर्वेद में स्थाई समाधान प्राप्त कर सकते है !
आयुर्वेद की “स्वर्णप्राशन” विधि से आपका बच्चा बिमारियों से मुक्त रह सकता है।
“पुष्य नक्षत्र” में “स्वर्णप्राशन”का प्रयोग बच्चों के लिए बेहद प्रभावशाली होता है। इसके प्रयोग से बिमारियों से लड़ने की प्राकृतिक शक्ति बढ़ने के साथ-साथ बच्चे का बौद्धिक व शारिरीक विकास भी बेहद अच्छा होता है।
“सुवर्णप्राशन हेतत मेघाग्निबलवर्धनम् । आयुष्यं मंगलमं पुण्यं वृष्यं ग्रहापहम् ।। “
” मासात् परममेधावी क्याधिभिर्न च धृष्यते। षडभिर्मासै: श्रुतधर: सुवर्णप्राशनाद् भवेत् ।।
६ महिना लगातार सुवर्णप्राशन पिलानेसे बालक श्रुतधर बनता है।
उस दिन अपने और आसपास के सभी बच्चों को आयुर्वेद की शास्त्रोक्त विधी और शुद्ध द्रव्यों से मंत्रोच्चारके साथ बनाया “स्वर्णप्राशन” आपके घरके आसपास में, अस्पतालों में , किसी वैद्यके यहां, जहाँ जहाँ भी पिलाते है वहां अवश्य पिलाना चाहिए और अगर शकय हो तो हर दिन “स्वर्णप्राशन” अवश्य पिलाएं। ९० दिन लगातार पिलाकर १५ दिन छोड़कर फिर से ९० दिन पिलाएं। इस तरह भी पिला सकते है।