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ज्योतिष के कुछ सूत्र

1, पंचम भाव का मंगल देखो हर ग्रह के उस किसी भाव मे बैठने के फायदे नुकसान दोनों होते है , पंचम के मंगल कहा जात्ताक को तीक्ष्ण बुद्धि देता है उनको तर्कशील बनाता है , वही जात्ताक को सन्तान को संतान सम्बित सन्ताप सताता है या तो सन्तान होगी नही होगी तो लेट होगी या संतान के स्वास्थ्य सम्बित उसको चिन्ता लगी रहेगी । इसका साथ साथ जात्ताक को पेट रोगी बना देगा पंचम भाव मे मंगल पंचम भाव के स्वामी के साथ मंगल  जात्ताक को पेट मे बहुत ज्यादा गैस ,एसिड बनाता है ऐसे लोग बिल्कुल ताजा और सादा खाना खाएं।

2, चोथे भाव पर शनि की दृष्टि या चोथे भाव का स्वामी मंगल सूर्ये राहु के साथ हो ,या चोथे भाव मे बैठे हो या दृष्टि हो ऐसे जात्ताक के मन मे बहुत जलन होती है और अपने से ऊपर किसी को बर्दाश्त नही कर सकते है ।

 

3, सप्तम में मंगल हो और उस पर शनि की दृष्टि हो पुरुष की कुंडली मे तो ऐसे में शारीरिक संबन्दों मे जात्ताक कमजोर होगा जिसकी वजह से शादीशुदा लाइफ डिस्टर्ब रहेगी ।

 

4, छटे भाव का स्वामी अगर दूसरे भाव के स्वामी के साथ युति करे दृष्टि संबन्द बनाये या एक दूजे के घर मे हो तो जातक के अपने खानदान से मनमुटाव और दुश्मनी रहती है

 

5, केतु जिस भाव मे हो या जिस भकव ले स्वामी के साथ हो और उसपर राहु या शनि की दृष्टि हो तो उस भकव से संबंधित ऑपरेशन या कटने तक को नोबत आ सकती है,

 

6,शनि मंगल की दूसरे भाव पर दृष्टि और दूसरे भाव का पीड़ित होने से बोलने मे परेशानी साथ ही साथ जातक को कोई न कोई नशे को लत लग जाती है ।

7, सप्तम और अष्टम का चंद्रमा जात्ताक मे कामुक प्रविर्ती देता है जात्ताक का चित्त हमेशा इसी इंद्रियों मे लगा रहता है

 

8, बारवे भाव का स्वामी जिस भाव मे बैठेगा उस भाव के रिश्तों में पृथकता लाएगा , जैसे मेष लगनः मे बारवे भाव का स्वामी चौथे भाव मे बैठ जाये और चौथे भाव ला स्वामी भी पीड़ित हो तो जात्ताक को अपनी माता सुख से पृथक होना पड़ता है ।

 

9, नवम का स्वामी अगर 4th हाउस में बैठा हो तो जात्ताक का पिता ऐसा काम करने वाले होते है जिस काम मे उनको लोगो को सेवा प्रदान करनी पड़े अब इस बात पर निर्भर करता है कि नवम का स्वामी कौन होगा सेवा जैसे डॉक्टर ,ऑटोचालक , कार ड्राइवर ,surgen इस तरह के काम जिसमे पब्लिक सेवा हो ।

 

10, वृषभ राशि मे किसी स्री का मंगल हो वो काफी आक्रमक ओर थोड़ी जिद्दी और अपने विचारों के अनुसार चलने वाली होगी ,

 

11,लग्नेष के साथ सूर्ये या लगनः मे सूर्ये हो तो यह जात्ताक के बालों को कम कर देता है

 

12, मीन कर्क वृचिक का मंगल जात्ताक को बहुत अलसी बनाता है जात्ताक आलस के कारण बहुत काम टालता रहता है ।

 

13,बारवे का बुध जात्ताक को बहुत बोलने वाला बना देता है और इसके साथ उसकी बुद्धि एक अलग तरह के विचित्र ओर अजीबोगरीब मानसिकता देता है जातक सस्पेन्स , रहस्य,साहसिक काम को पसन्द करता है । यदि बुध शुभ प्रभाव में हो तो जातक जैसे खोज और विवरण करता है

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