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होली पर धन प्राप्ति के सरल उपाय

आज हम आपको जो उपाय बताने जा रहे है वह सभी के लिये अत्यंत लाभदायक है। इस उपाय के प्रभाव से आपके घर एवं व्यावसायिक क्षेत्र की सारी नकारात्मक उर्जा समाप्त होगी नकारत्मकता समाप्त होने के बाद ही माँ लक्ष्मी का स्थायी निवास सम्भव हो पाता है।

 

 आपके निवास के पास जब होली जल जाए तब आप होली की थोड़ी सी अग्नि लाकर अपने निवास व व्यवसाय स्थल के बाहर आग्नेय कोण की ओर उस अग्नि की सहायता से एक सरसो के तेल का दीपक जला दें। इस दीपक की मदद से एक दूसरा दीपक जलाएं और मुख्य द्वार के बाहर रख दें। जब दीपक जल कर ठंडा हो जाये तो इसे किसी चौराहे पर जाकर फोड़ दे और बिना पीछे देखे सीधे घर आ जाये। अंदर आने से पहले अपने हाथ पांव अवश्य धो लें। इस उपाय के प्रभाव से आपके निवास एवं व्यवसाय की सारी नकारत्मक उर्जा जलकर समाप्त हो जाएगी।

आप होली की रात्रि में होलिका दहन से पहले अपने घर अथवा व्यवसाय के मंदिर में माँ लक्ष्मी को रोली व गुलाल मिलाकर तिलक करें। शुद्ध घी का दीपक, धूप बत्ती दिखाने के बाद पीले रंग का भोग अर्पण करें इसके बाद माँ के चरणों मे पीला गुलाल व ३ गौमती चक्र अभिमंत्रित करने के बाद अर्पित करें। माँ के सामने लाल अथवा सफेद ऊनि आसान पर बैठकर कमलगट्टे की माला से ५ माला “(श्रीं ह्रीं श्रीं कमलवासिन्यै नमोस्तुते)” का जाप करें जाप के बाद पृथ्वी पर जल छोड़े उसे माथे पर लगाकर उठ जाए। अब अगले दिन माँ के चरणों से गौमती चक्र और पीला गुलाल उठाकर एक लाल वस्त्र मे बांधकर घर के शुद्ध स्थान पर रख दें। इस उपाय से माँ लक्ष्मी के चरण एक वर्ष आपके घर मे रहेंगे ऐसी आस्था रखें अगले वर्ष पुनः इस उपाय को करने से पहले पुरानी पोटली को होलिनसे एक दिन पहले धूप दीप दिखाकर बहते जल में प्रवाहित कर दें। इस प्रयोग को प्रत्येक वर्ष होली पर अवश्य करें।

 

 होली की रात्रि में आप एक चांदी का गिलास अथवा कटोरी लेकर उसमे जल भर कर थोड़ा गंगाजल मिला दें सम्भव हो तो गंगाजल ही लें अब इसमें ३-३ अभिमंत्रित गौमती चक्र और धनकारक कौड़िया डाल दें। माँ लक्ष्मी के विग्रह पर लाल गुलाल और रोली मिलाकर तिलक करें धूप दीप दिखाकर खीर का भोग अर्पण करें चरणों मे भी लाल गुलाल अर्पण करें इसके बाद अधिक से अधिक संख्या में श्री लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करें पाठ के बाद 5 माला श्री लक्ष्मीभ्यो नमोस्तुते का जप करें। जप के बाद उस जल को पूजा स्थल पर ही रखा रहने दें अगले दिन एक लकड़ी अथवा चांदी की डिब्बी में माँ के चरणों से लाल गुलाल उठाकर भर दें तथा जल में से गौमती चक्र और कौड़िया निकाल कर डिब्बी में रख दें डिब्बी में गुलाल कम हो तो अलग से गुलाल लेकर डिब्बी को पूरा भर दें और एक लाल रेशमी वस्त्र में बांधकर धन वाले स्थान पर रख दें आपके पास जो जल बचा है उसे निवास स्थान की दीवारों पर छिड़क दें।

यदि आपको लगता है कि आपको मेहनत के अनुसार आय नही मिल रही है तथा निवास – व्यवसाय में कोई नकारात्मक ऊर्जा है अथवा किसी नजर के प्रभाव से हानि उठानी पड़ रही है तो आप होली जलने से पहले होलिकादहन वाले स्थान पर रात्रि के समय उस जमीन की पश्चिम दिशा में छोटा गड्ढा कर ४ बड़ी कीलें दबा दें किलो के ऊपर ११ लौंग रख हरा गुलाल भरने के बाद ऊपर से मिट्टी से ढक दें। जब होलिकादहन का समय हो तब एक पान पत्ते पर ५ बताशे, एक छोटी कील, एक लौंग का जोड़ा, कुछ काले तिल व पीली सरसों रखकर एक अन्य दूसरे पान के पत्ते से ढक दें। उस पान के पत्ते पर  सात बताशे रखें इसके बाद परिक्रमा आरम्भ करें। प्रत्येक परिक्रमा की समाप्ति पर एक बताशा होलिका में अर्पित करते जाए सात परिक्रमा पूर्ण होने पर अंतिम परिक्रमा में पान के पत्ते पर रखी सामग्री भी होलिका में अर्पित कर प्रणाम कर आ जाएं। होली की मध्यरात्रि में शरीर शुद्धि के बाद मा लक्ष्मी को गुलाल से तिलक कर धूप, दीप, भोग अर्पण कर लाल आसन पर बैठ कर कमलगट्टे की माला से (श्रीं ह्रीं श्रीं लक्ष्मीनारायण नमोस्तुते) निम्न मंत्र का कम से कम ५ माला जप करें जप के बाद धरती पर जल छोड़ उसे सर से लगा कर उठ जाए। अगके दिन आप होलिकादहन स्थान पर जाकर गड्ढे से चारो कीले निकाल कर अपने निवास अथवा व्यवसाय के चारो कोनो में बाहर की ओर एक-एक कील ठोक दें इसके प्रभाव से आपका निवास एवं व्यवसाय नकारात्मक ऊर्जा के प्रबहव से बचा रहेगा।

 

होली की रात्रि में आप माँ लक्ष्मी को पूरे भाव से लाल गुलाल से तिलक करें शुद्ध घी का २ दीपक दोनो तरफ जलाए एवं धूप दिखाकर खीर का भोग लगाये इसके बाद एक लाल वस्त्र में लाल गुलाल व एक पीले वस्त्र में पीला गुलाल रख दोनो को पोटली का रूप देकर माँ लक्ष्मी के चरणों मे रख दें इसके बाद (ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं श्री महालक्षमये नमः) निम्न मंत्र का ११ माला जप करें जप के बाद धरती पर जल छोड़ उसे सर से लगाकर उठ जाए।अगके दिन दोनो पोटलियों को पहले माँ को धूप दीप भोग अर्पण करने के बाद पोटली को भी धूप दीप दिखाकर धन वाले स्थान पर रख दें इसके बाद इसका प्रभाव स्वयं अनुभव करें।

 

होली की रात्रि में आप अपने निवास के पूजा स्थल में एक लाल वस्त्र पर  नागकेशर बिछाकर उस के ऊपर एक प्रतिष्ठित श्री यंत्र को स्थापित करें यंत्र को लाल गुलाल से तिलक कर घी का दीपक जलाये और धूप दिखाए इसके बाद खीर का भोग लगाएं इसके बाद श्री यंत्र के सामने आसान लगाकर पहले श्री ललिता सहस्त्रनाम का पाठ करे इसके बाद (ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं श्री महालक्षमये नमः) मंत्र की ११ माला जप करे जप कर भूमि पर जल छिड़क उसे माथे से लगाकर उठ जाए अगले दिन प्रातः ही श्री यंत्र को पुनः मंदिर में प्रतिष्ठित कर लाल वस्त्र को नागकेशर समेत उठाकर बांधकर धन रखने के स्थान पर रख दें यह उपाय कितना लाभ देगा आप स्वयं ही अनुभव करेंगे।

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