जन्म कुंडली में जिस भी भाव में स्थित हो, वह उस भाव से जुड़े प्रभावों को प्रभावित करती है। यह युति आमतौर पर संघर्षपूर्ण मानी जाती है क्योंकि सूर्य आत्मा, प्रतिष्ठा और ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि शनि अनुशासन, बाधा और न्याय का कारक होता है। इस युति के विभिन्न भावों में फल इस प्रकार हो सकते हैं:
1st भाव (लग्न भाव)
व्यक्ति आत्मसंघर्ष से गुज़रता है, आत्मविश्वास में कमी हो सकती है।
कठोर परिश्रम से सफलता मिलती है लेकिन संघर्ष बना रहता है।
स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, खासकर हड्डियों और नेत्रों से जुड़ी।
2nd भाव (धन भाव)
वाणी में कठोरता हो सकती है, जिससे पारिवारिक समस्याएं आ सकती हैं।
धन संचय में बाधाएं, लेकिन मेहनत से समृद्धि संभव।
पिता या परिवार से मतभेद हो सकते हैं।
3rd भाव (पराक्रम भाव)
साहस और परिश्रम से सफलता, लेकिन संघर्षपूर्ण जीवन।
भाई-बहनों से संबंध प्रभावित हो सकते हैं।
लेखन, पत्रकारिता या प्रशासन में सफलता मिल सकती है।
4th भाव (सुख भाव)
माता से संबंध प्रभावित हो सकते हैं।
घर, वाहन या संपत्ति से जुड़े मामलों में देरी या बाधाएं।
मानसिक अशांति और गृहस्थ जीवन में चुनौतियाँ।
5th भाव (विद्या और संतान भाव)
शिक्षा में बाधाएँ, लेकिन परिश्रम से सफलता।
संतान से जुड़ी चिंताएँ हो सकती हैं।
प्रेम संबंधों में कठिनाइयाँ आ सकती हैं।
6th भाव (रोग, ऋण, शत्रु भाव)
शत्रुओं पर विजय, लेकिन स्वास्थ्य समस्याएं।
कानूनी विवादों में उलझ सकते हैं।
सरकारी क्षेत्र में सफलता मिल सकती है।
7th भाव (वैवाहिक भाव)
वैवाहिक जीवन में तनाव, जीवनसाथी से मतभेद।
व्यापार में उतार-चढ़ाव रह सकता है।
देरी से विवाह होने की संभावना।
8th भाव (आयु भाव)
अचानक धन लाभ या हानि हो सकती है।रहस्यमय विषयों में रुचि, गुप्त शत्रुओं से परेशानी।
दुर्घटनाओं से सावधान रहने की जरूरत।
9th भाव (भाग्य भाव)
भाग्य में बाधाएँ, लेकिन मेहनत से सफलता।
पिता से संबंध कमजोर हो सकते हैं।
आध्यात्मिकता की ओर झुकाव संभव।
10th भाव (कर्म भाव)
करियर में संघर्ष, लेकिन कड़ी मेहनत से सफलता।
सरकारी क्षेत्र में उच्च पद मिलने की संभावना।
समाज में प्रतिष्ठा, लेकिन कुछ विरोध का सामना करना पड़ सकता है।
11th भाव (लाभ भाव)
धीरे-धीरे आर्थिक उन्नति, लेकिन मेहनत से धन लाभ।
मित्रों से धोखा मिल सकता है।
निवेश में सतर्कता आवश्यक।
12th भाव (व्यय भाव)
विदेश यात्रा या विदेश में कार्य करने की संभावना।
खर्च अधिक हो सकता है, धन हानि से बचाव करें।
आध्यात्मिक झुकाव और एकांतप्रियता बढ़ सकती है।
सामान्य उपाय:
6 हनुमान जी को शनिवार के दिन काले तिल जरूर चढ़ाए
अगर आपकी कुंडली में यह युति है, तो संपूर्ण फल कुंडली के अन्य ग्रहों की स्थिति पर भी निर्भर करेगा।
तांत्रिक उपाय
काला तिल और पिला चंदन लेकर काले कपड़े में बांधकर शनिवार को पीपल के पेड़ में अपने ऊपर से 11बार उतरकर 7 शनि बार पीपल के पेड़ में रख आए।