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घरेलू कलह या झगड़े होने के ज्योतिष कारण और निवारण

कई बार घर परिवार में सदस्यों में तालमेल अच्छा होने के बावजूद कारोबार की बातों को लेकर या घर में खरीदारी को लेकर झगड़े होते हैं। कुछ घरों में दिन त्यौहार या शादी विवाह पर जाने की तैयारी या साथ खाने के लिए बैठे हो तभी झगड़े होते हैं। इस तरह की घरेलू कलह या झगड़े के लिए भी जन्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति जिम्मेदार होती है जिस में से कुछ महत्वपूर्ण योग आपको बताये जा रहे हैं

 

सूर्य शनि या मंगल शनि युति की वजह से घर में पुरुषों के बीच झगड़े होते हैं। यह झगड़े कारोबार या धन को लेकर होते हैं।

उपाय के तौर पर यहाँ शनि की शांति के उपाय करने चाहिए। जिसके लिए शनिवार के दिन अंधो को भोजन का दान करना चाहिए। या फिर शनिवार के दिन भैंस को दूध चावल मिला कर खिलाना चाहिए। शनिवार के दिन शिव मंदिर जाकर दर्शन पूजन करने से भी शनि ग्रह की शांति होती है अगर शिव मंदिर जाना संभव ना हो तो पीपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए। सूर्य और मंगल की शुभता के लिए घर में कुछ पेड़ पौदे लगाने चाहिए।

चन्द्र शुक्र युति की वजह से घर में महिलाओ के बीच झगड़े होते हैं। यह झगड़े घरेलू खर्च को लेकर होते हैं।

उपाय के तौर पर यहाँ चंद्रमा की शांति के लिए मंत्र जप करना चाहिए। शुक्रवार के दिन गाय को दूध चावल मिला कर खिलाना चाहिए और घर में कुछ पेड़ पौदे लगाने चाहिए। परिवार में झगड़े का कारक मंगल भी होता है। इस नाते मंगल को अच्छा रखने के लिए घर के मन्दिर में किसी बर्तन में शहद या सिंदूर रखना चाहिए।

 

चतुर्थ भाव में चंद्रमा के शत्रु बुध, शनि या केतु होने से वस्त्र या भोजन की वजह से झगड़े होते हैं।

उपाय के तौर पर यहाँ चंद्रमा के शत्रु ग्रह की शांति दान या मंत्र जप से करनी चाहिए जैसे कि बुध के लिए बुधवार के दिन गाय को चारा खिलाने से और बुध का मंत्र जप करने से बुध की शांति होती है।  शनि के लिए शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की सेवा करने और शनि का मंत्र जप करने से शनि की शांति होती है। और केतु के लिए शनिवार के दिन दो रंग के कंबल या पत्थर के दान और केतु का मंत्र जप करने से केतु की शांति होती है। और चंद्रमा की शुभता के लिए अपने साथ चांदी का चोकोर सिक्का रखना चाहिए।

सप्तम भाव में शुक्र के शत्रु ग्रह सूर्य, मंगल या केतु होने से जरूरत के समय एक दुसरे का साथ ना देने की वजह से झगड़े होते हैं। 

सप्तम भाव शुक्र का स्थान यानि दैनिक जरुरतो की पूर्ति का स्थान है। लेकिन जब यहाँ शुक्र के शत्रु ग्रह सूर्य, मंगल या केतु हो तो रोज़ छोटी छोटी बातो को लेकर झगड़े होते हैं। इस लिए परिवार में सुख शांति के लिए शुक्र के शत्रु ग्रह सूर्य की शांति के लिए शनिवार के दिन आटा शक्कर मिला कर चींटियो को देना और रविवार के दिन गायत्री मंत्र का जप करने से सूर्य की शांति होती है। यदि सप्तम भाव में मंगल हो तो मंगल की शांति के लिए मंगलवार के दिन रेवड़ियाँ जल प्रवाह करनी चाहिए। अगर जल प्रवाह का उपाय संभव ना हो तो तंदूर में बनी मीठी रोटी का दान किसी गरीब को और मंगलवार के दिन हनुमानजी का दर्शन पूजन करने से मंगल की शांति होती है। और यदि सप्तम भाव में केतु हो तो केतु की शांति के लिए शनिवार के दिन दो रंगा कंबल या दो रंगे पत्थर के दान और केतु का मंत्र करने से भी केतु की शांति होती है। शुक्र की शुभता और मजबूती के लिए घर में चांदी का बना हाथी पूजा स्थान में रखना चाहिए।

 

घर में कुछ वास्तु दोष होने से भी झगड़े होते हैं और अशांति बनी रहती है जैसे कि

 

घर के उतर पूर्व में टायलेट होना या कचरा जमा होने से पिता पुत्र में झगड़े होते हैं।

 

हमेशा पश्चिम या उत्तर दिशा में सिर करके सोने से परिवार में तनाव और अशांति बढती है।

 

घर के मंदिर में साफ सफाई न होने से धन बीमारी पर खर्च होता है और मुखिया में क्रोध आता है।

 

बेडरूम में सफाई की कमी, कपड़े इधर उधर बिखरे होने से भी सदस्यों में छोटी छोटी बातो को लेकर झगड़ा होता है।

 

घर के दक्षिण पूर्व दिशा में जल स्रोत या सीढ़ी होने से सदस्यों में आलस बढ़ता है।

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