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राहु राजयोग अपनी महादशा या अंतर्दशा क़े समय है देता हैं वह भी तब ज़ब राहु राजयोग मे कुंडली मे हो।

राहु महादशा अंतर्दशा कई जातक/जातिकाओ पर वर्तमान समय मे चल रही होगी तो भविष्य में अब कुछ जातको पर आने वाली होगी।पहले तो यह स्पष्ट कर दूं कि राहु जो राजयोग देता है वह बहुत ज्यादा लाभ वाला राजयोग होता है और बहुत कम समय मे बहुत कुछ हासिल करा देगा क्योंकि राहु जब राजयोग में होता है तब सभी ग्रहों की राजयोग कारक शक्ति को यह अपने अंदर समाहित कर लेता है और वर्तमान युग राहु जा ही है आज सब काम ऑनलाइन होते है जो कि ऑनलाइन, इंटरनेट राहु है, पलक छपकते ही बहुत अच्छी कामयाबी, पलक छपकते ही ज़िन्दगी चमक जाना, यह राहु से मिलने वाले राजयोगों का ही कमाल होता है अन्य किसी ग्रह में इतनी शक्ति नही की राजयोग पलक छपकते दे सके,मतलब बहुत जल्द सर्व सुख जैसे मकान, वाहन, संपत्ति ,धन, ऐश्वर्य, प्रतिष्ठत रोजगार आदि राजयोग देता है।

अब राजयोग मतलब जब भी केंद्र और त्रिकोण के स्वामी आपस मे बैठे होंगे और राहु केतु इनके साथ शुभ सम्बन्ध में होंगे या राहु कुंडली में जिस राशि मे बैठा हो, उस राशि का स्वामी राजयोग बनाकर बैठा हो और राहु केतु दोनों शुभ स्थिति में हो तब राहु और राहु की महादशा-अन्तरदशाये बहुत बड़े स्तर पर राजयोग के उपरोक्त फल दिलाता है अब राहु कैसे और अपनी दशा में कैसे राजयोग किन जातक/जातिकाओ को देता है इस बात को उदाहरण से समझते है:-                                                               

 

उदाहरण_अनुसार_वृष_लग्न1:-

वृष लग्न में जैसे शुक्र शनि सम्बन्ध बनने से यह राजयोग बनेगा, अब राहु इन्ही शुक्र शनि के साथ राजयोग में शुभ स्थिति में बैठ जाये जैसे शनि शुक्र राहु 11वे भाव मे जाकर बैठ जाये तब ऐसी स्थिति में व्यक्ति ने जो सपने देखे होते है उससे अच्छा राजयोग सुख मिलेंगे क्योंकि राहु यहां लग्नेश शुक्र+भाग्येश-कर्मेश शनि के साथ प्रबल राजयोग में है।।                        

 

उदाहरण_अनुसार_कन्या_लग्न2:-

कन्या लग्न में दसवे भाव मे बैठा हो मिथुन राशि का,मिथुन राशि मे राहु उच्च होकर बलवान भी होता है, अब राहु का राशि स्वामी(मिथुन राशि) बुध राजयोग बनाकर शुक्र या शनि के साथ हो या शुक्र शनि दोनों के साथ हो या गुरु के साथ को और बुध से बनने वाला राजयोग पीड़ित या अशुभ किसी भी तरह न हो और न राहु से बुध से बनने वाला राजयोग पीड़ित हो रहा हो तब राहु इतना शक्तिशाली उच्च राजयोग देगा की फर्श से अर्श तक जातक जाएगा,  राजनीति/व्यापार आदि से बड़ी सफलता , बड़ा राजयोग सुख मिल जाता है क्योंकि राहु राजनीति है और राजनीति के घर 10वे भाव मे है और राहु राशि स्वामी बुध राजयोग ने होने से राहु राजयोग बहुत बड़े स्तर पर देगा।।                                                                  

उदाहरण_अनुसार_कुंभ_लग्न3:-

कुंभ लग्न में केंद्र त्रिकोण स्वामी शुक्र और त्रिकोण स्वामी बुध एक साथ बैठे हो राजयोग बनाकर और अब राहु भी बुध शुक्र के साथ बैठ जाये या इनके दृष्टि सम्बन्ध बना ले , जैसे शुक्र बुध राहु दूसरे भाव(धन भाव) मे बैठ जाये तब यहाँ एक तो राहु आर्थिक रूप से बहुत ज्यादा उन्नति देगा और बड़े स्तर का राजयोग देकर जातक की किस्मत ही चकमायेगा क्योंकि धन के घर मे राजतोग बनाकर शुक्र बुध के साथ यहाँ राहु बैठा हैं।।                                                            

 

नोट:- राहु या केतु कुंडली मे राजयोग बनाकर बैठे होते है तब राहु केतु का थोड़ा उपाय करते रहने से राजयोग ज्यादा मात्रा में फलित होता है क्योंकि राहु केतु जिन ग्रहों के साथ राजयोग में बैठें हो यदि उन ग्रहों की राशियों को पीड़ित करेंगे तो बिघ्न थोड़ा फल में कर देते है इस कारण राहु राजयोग में हो तब बहुत बड़े स्तर पर राजयोग मिलते है दूसरी बात आज के इस युग मे सभी ज्यादातर चीजे उपभोग की राहु के अधिकार में ही है जैसे ऑनलाइन काम , मोबाइल वर्क , मकान आदि की बनाबट, रोजगार आदि।इस कारण आज के समय मे असली राजयोग राहु के सहयोग से मिलता है जिनकी कुंडली मे राहु राजयोग में है और जिनकी कुंडली मे राहु राजयोग में नही है और राहु के बिना राजयोग है तब बिना राहु वाले राजयोगों की अपेक्षा राहु से बनने वाले राजयोग वाले जातक जातिक जीवन मे ज्यादा चमकते है।।

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