(कुशाग्रसहश्री)
1 जो रात से पहले आता है, आँखों में शराब भरकर, ये जवानी का नया साल है- बेधड़क कहो!
2 न तो जंगल में नए फूल खिले हैं, न पेड़ पर नए पत्ते आए हैं, न ही मौसम बदला है। तो क्या नए वर्ष में नया क्या है?
3 बगीचे में न नयी घास उगी है, न नदियों में नया जल बहा है, न आकाश में नये पक्षी उड़ रहे हैं। तो क्या नए वर्ष में नया क्या है?
4 आज ग्रह नक्षत्रों के साथ किसी नये क्षेत्र में भ्रमण नहीं करते इसलिए मैं ज्योतिषियों से पूछता हूं कि आज का नया साल कैसा साबित होता है?
5 कितने राजा आए और चले गए. कितने नागरिक मारे गए और घायल हुए. – जब इस लोकतंत्र में कुछ नया ही नहीं है तो इस नए साल में क्या नया है?