Sshree Astro Vastu

Generic selectors
Exact matches only
Search in title
Search in content
Post Type Selectors

14 जनवरी 1761 को पानीपत में 1 लाख चूड़ियाँ टूट गईं, दो मोती गिरे, 27 मोहरे खो गए और छिल्लरखुर्द की गिनती नहीं हुई।

यही कारण है कि आज तिलागुल हमें मीठा नहीं लगता।यही कारण है कि हमारी माताएं संक्रांति जैसे बड़े त्योहारों पर काले कपड़े पहनती हैं…भारतीय इतिहास की सबसे यादगार में से एक पानीपत की लड़ाई को आज 261 साल पूरे हो गए हैं।मावले ने अहमद शाह अब्दाली की विशाल सेना का डटकर मुकाबला किया।स्वराज्य और स्वधर्म की रक्षा के लिए हजारों मराठा वीर योद्धा इस भीषण युद्ध में लड़े।14 जनवरी 1761 एक ऐसा दिन है जिसे हम कभी नहीं भूल सकते।

पानीपतडेढ़ लाख, मराठी लोगों की तीन पीढ़ियाँ एक ही दिन में एक ही स्थान पर गिर गईं।एक खड़े मराठा को काट डाला गया। यह दिन एक लौकिक काले दिन के रूप में दर्ज किया गया।पानीपत का मुहावरा भी जड़ जमा चुका है |युद्ध !कहा जाता है कि युद्ध का परिणाम जीत या हार होता है। क्या पानीपत मराठों की सबसे बड़ी हार थी?मराठा सेना कम कर दी गई, तो गार्डस जीत गए और मराठा हार गए? इस युद्ध के बाद क्या हुआ? यह खैबरखिंडी से अंतिम आक्रमण था। मराठों की तीन पीढ़ियाँ गुजर गईं, लेकिन गुरिल्लाओं की रीढ़ टूट गई! सदियों की परंपरा एक धमाके के साथ ख़त्म हो गई.अब्दाली की कमर टूट गई और उसका भाग्य भी टूट गया।घर जाकर उनकी मृत्यु हो गई।फिर दर्रे के उस पार से अल्लाह हू अकबर की आवाजें नहीं आईं.आर्यावर्त को दोबारा उस सल्तनत आक्रमण का सामना नहीं करना पड़ा।इस युद्ध से यही हासिल होना था!

हासिल!हार कहाँ हुई!पानीपत मराठों द्वारा देश के लिए दिया गया सर्वोत्तम बलिदान था। बलिदान ही देशभक्ति है.फिर कोई मराठों से देशभक्ति का सबूत न मांगे!मराठा अकेले लड़े!बचेंगे से लेकर और भी लाखेंगे कहने वाले दत्ताजी के मराठा भूखे पेट और प्यासे होठों से अकेले लड़े। कोई राजपूत, जाट बनकर नहीं आया! अब्दाली एक बार काम करेगा लेकिन मरघट नहीं चाहिए!सब एक होकर नहीं लड़े | #मराठा_अकेला_था,#लेकिन_अटक गया,#नडला_और_ठिट_भिडला !!!! पानीपत का मतलब है गौरव! उच्चतम प्रदर्शन!जिस पंजाब सिंध की मिट्टी के बारे में कहा जाता है कि वहां की मिट्टी देशभक्ति को जन्म देती है, महाराष्ट्र ने जिस मिट्टी में परम देशभक्ति की अमिट छाप छोड़ी है,

 

उसका नाम है-पानीपत!मराठा अकेले क्यों पड़ गए??
 
आप अपने बारे में विश्वास पैदा करने में असफल क्यों रहे??
 
उसे हम पराये से भी अधिक पराये क्यों लगे??
 
 

इस सवाल का जवाब आज ही मिल जाना चाहिए!अगर महाराष्ट्र को इस देश का नेतृत्व करना है तो हमें देश का विश्वास अर्जित करना होगा। सभी देशों में सम्मान का स्थान अर्जित करना चाहिए !!पानीपत का अर्थ है दूसरों पर विजय और अपनी पराजय!!अपनों के बीच गुमनामी, अपनों के बीच अविश्वास और उसका बड़ा असर!!इस अर्थ में, पानीपत में एक शिक्षा !!और एक बात आपने नोटिस की होगी…हम इसे लड़ाई नहीं कहते,यह युद्ध!!महाभारत के समानमहत्वपूर्ण!!मराठों के पराक्रम की कहानी,हमारा गौरव, हमारी देशभक्ति, हमारा बलिदान,जिस पर हर मराठा को गर्व होना चाहिए,हमें अथक प्रयास करके, देश को, दुनिया को बताना चाहिए!क्योंकि पानीपत मेरे देश का गौरव है!एक सीज़न ख़त्म हो गया!हमले, नृत्य, बलात्कार…इतिहासकारों की भाषा में कहें तोमध्य युग समाप्त हो गया औरआधुनिक इतिहास शुरू हुआ,उस दिन…

 

आप सभी लोगों से निवेदन है कि हमारी पोस्ट अधिक से अधिक शेयर करें जिससे अधिक से अधिक लोगों को पोस्ट पढ़कर फायदा मिले |

Share This Article
error: Content is protected !!
×