
1.मेष_लग्न :
जन्म के समय यदि मेष लग्न हो तो जातक का औसत कद, सुघड़ शरीर, तीव्र स्वभाव, लालिमापूर्ण आंखें, महत्वाकांक्षी, साहसी, कमजोर टांगे, स्त्रीप्रिय, अभिमानी तथा अस्थिर धनवाला होता है ! इस लग्न पर क्रूर ग्रहों का प्रभाव हो तो व्यक्ति आवेशात्मक व झगड़ालू हो जाता है ! यह लोग प्राय: स्थिर स्वभाव के नहीं होते, अत: जीवन में यह बार-बार अपना काम बदलते हैं ! फिर भी इनमें वला की कार्य कुशलता तथा कभी निराश न होने वाला गुण होता है !
इनका स्वभाव प्राय: गरम होता है तथा यह अपने ऊपर पड़ी जिम्मेदारी को जल्दी ही निपटाना पसन्द करते हैं ! अर्थात् काम में विलम्ब करना इनका स्वभाव नहीं होता ! यह भोजन के शौकीन होते हैं, लेकिन फिर भी कम भोजन कर पाते हैं तथा जल्दी भोजन करना इनका स्वभाव होता है ! कभी कभी इनके नाखूनों में विकार देखा जाता है ! यह लोग साहसिक कामों में अपनी प्रतिभा का विस्तार कर सकते हैं !
2.वृष_लग्न :
इस लग्न के जातक मध्यम शरीर, चर्बी रहित तथा शौकीन स्वभाव के होते हैं ! यह प्राय: सुदर्शन व्यक्तित्व के स्वामी होते हैं ! प्राय: रंग खुलता गेहुआं तथा बाल चमकदार होते हैं ! इनकी जांघें मजबूत तथा इनकी चाल मस्तानी होती है ! इनमें धैर्य खूब होता है, इसीलिए बहुत जल्दी यह लोग उत्तेजित नहीं होते ! यथासम्भव क्रोधित होने पर यह लोग खूंखार हो जाते हैं ! यह लोग प्राय: प्रबल इच्छा शक्ति रखते हैं तथा जीवन में बहुत सफलता प्राप्त करते हैं ! यह जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाते ! यह अपनी आवश्यकता पूर्ति हेतु धन कमाते हैं तथा संसार के सारे सुखों को भोगना चाहते हैं ! इनके जीवन का मध्य भाग काफी सुखपूर्वक व्यतीत होता है ! इनके यहां कन्या सन्तान की अधिकता होती है !
3.मिथुन_लग्न :
मिथुन लग्न में उत्पन्न बालक लम्बे कद व चमकीले नेत्रों वाला होता है ! इनकी भुजाएं प्राय: लम्बी होती हैं ! यह लोग प्राय: खुश मिजाज व चिन्तारहित होते हैं ! यह लोग प्राय: प्राचीन शास्त्रों में रुचि रखते हैं, तथा कुशल वक्ता होते हैं ! अपनी बात को प्रभावी ढंग से पेश करना इनकी विशेषता होती है ! इनकी नाक लम्बी व ऊँची होती है ! यह लोग स्त्रियों या अपने से कम उम्र के लोगों से दोस्ती रखते हैं ! इनकी एकतरफा निर्णय करने की शक्ति कुछ कम होती है ! यह लोग कई व्यवसाय कर सकते हैं ! स्वभावत: भावुक होते हैं तथा भावावेश में कभी अपना नुकसान सहकर भी परोपकार करते हैं ! यह लोग उच्च बौद्धिक स्तर के होते हैं ! शीघ्र धनी बनने के चक्कर में कभी कभी सट्टा या लॉटरी का शौक भी पाल लेते हैं ! इनकी मध्य अवस्था प्राय: संघर्षपूर्ण होती है ! यह लोग कवित्व शक्ति से भी पूर्ण होते हैं !
4.कर्क_लग्न :
इन लग्न के लोग छोटे कद वाले होते हैं ! इनका शरीर प्राय: मोटापा लिए होता है तथा जलतत्व वाला राशि होने के कारण यह जल्दी सर्दी की पकड़ में आ जाते हैं ! इनके फेफड़े कमजोर होते हैं ! इन्हें प्रायः नशीले पदार्थों का शौक होता है ! इनका जीवन प्राय: परिवर्तनशील होता है ! पूर्वावस्था में इन्हें संघर्ष करना पड़ता है ! इनकी कल्पना शक्ति अच्छी होती है तथा लेखन का इन्हें शौक होता है ! आवेश इनकी कमजोरी होती है तथा जीवन में यह तेज रफ्तार से दौड़ना चाहते हैं ! यह लोग प्राय: मध्यावस्था में धन व सम्मान अर्जित करते हैं तथा स्वयं को कुछ श्रेष्ठ मानते हैं ! इनकी स्मरण-शक्ति भी अद्भुत देखी गई है ! यह लोग प्राय: बातूनी होते हैं ! यदि सप्तम स्थान पर शुभ ग्रहों का प्रभाव न हो तो इनका वैवाहिक जीवन सुखी नहीं रहता ! गृहस्थ जीवन से यह बहुत लगाव रखते हैं ! धन जमा करना इनका स्वप्न होता है ! इन्हें अच्छी चीजों का शौक होता है ! इनकी विचारधारा कभी बहुत शूरतापूर्ण तथा कभी बहुत भीरू होती है ! जीवन के तीसरे चरण में इन्हें विरासत में धन-सम्पत्ति भी प्राप्त होती है !
5.सिंह_लग्न :
इस लग्न के जातक तीक्ष्ण स्वभाव वाले तथा क्रोधी होते हैं ! इनका कद मध्यम व व्यक्तित्व रौबीला होता है, इन्हें पेट व दांत के रोग होने की सम्भावना बनी रहती है ! इनमें महत्वाकांक्षा बहुत होती है ! यह लोग अपनी बात से बहुत हठी होते हैं तथा उच्चाधिकार प्राप्त होने पर यह खूब रौब जमाते हैं ! इनका वैवाहिक जीवन प्राय: सुखी नहीं होता ! यह लोग राजनीति में भी जा सकते हैं ! यह लोग दूसरों पर अधिक विश्वास रखते हैं ! प्राय: कृपालु व उदार-हृदय वाले यह लोग बहुत न्यायप्रिय भी होते हैं ! अपनी माता के यह लोग अधिक दुलारे होते हैं ! इन्हें अभक्ष्य भक्षण का भी शौक हो सकता है ! इनके पुत्र कम होते हैं, तथा अक्सर सन्तान भी कम ही होती हैं !
6.कन्या_लग्न :
इस लग्न के व्यक्ति प्राय: मोटे नहीं होते तथा इनकी तोंद कम निकलती है ! यह लोग अक्सर चतुर तथा बुद्घिमान होते हैं ! औपचारिक शिक्षा में इनकी अभिरुचि कम होती है ! यह लोग दुनियादारी में काफी तेज होते हैं ! यह लोग शास्त्र के अर्थ को समझने वाले, गणित प्रेमी, चिकित्सा या ज्योतिष का शौक रखने वाले तथा गुणी होते हैं ! यह लोग प्रायः विवाह देर से करते हैं तथा विवाह के बाद गृहस्थी में रम जाते हैं ! इनकी भौंहे आपस में मिली होती हैं ! यह श्रृंगार प्रिय होते हैं ! इनका झुकाव धन इकट्ठा करने की तरफ अधिक होता है ! यह परिवर्तनशील स्वभाव के होते हैं ! अत: यह हरफनमौला बनने का प्रयास करते हैं ! यदि कमजोर लग्न हो तो भाग्यहीन होते हैं तथा बली लग्न में संघर्ष के बाद अच्छी सफलता पाते हैं ! इन्हें यात्राओं का बहुत शौक होता है ! इनकी अभिरुचियों में स्त्रीत्व का प्रभाव पाया जाता है !
7.तुला_लग्न :
इन लग्न के लोगों का व्यक्तित्व शानदार तथा आकर्षक होता है ! इनकी नाक लम्बी व रंग गोरा होता है ! यह मूल रूप से बड़े धार्मिक, सत्यवादी, इन्द्रियों को वश में रखने वाले तथा तीव्र बुद्घि वाले होते हैं ! यह धीर गम्भीर स्वभाव रखते हैं ! यदि अष्टम स्थान तथा वृहस्पति पर शुभ प्रभाव हो तब यह सांसारिक होते हुए भी मानवीय मूल्यों की मिसाल होते हैं ! क्रूर प्रभाव पड़ने से प्राय: तेज, चालक व शारीरिक श्रम करने वाले हो जाते हैं ! इन लोगों में वैरागय की भावना भी जाग सकती है ! यह लोग प्राय: सांसारिक सम्बन्धों को अधिक विस्तार नहीं देते है तथा प्राय: अपने परिवार के विरोध का सामना करते हैं ! इनकी कल्पना शक्ति व विचारों का स्तर सामान्यत: उन्नत होता है ! यह लोकप्रियता प्राप्त करते हैं ! कई बड़े सत्पुरुषों का जन्म तुला लग्न में हुआ है ! महात्मा गांधी व विवेकानन्द तुला लग्न के ही व्यक्ति थे ! तुला लग्न के व्यक्ति बहुत प्रेममय होते हैं ! यह लोग प्राय: लेखक, उपदेशक, व्यापारी आदि भी हो सकते हैं !
8.वृश्चिक_लग्न :
इस लग्न के लोग संतुलित शरीर के होते हैं तथा इनके घुटने व पिंडलियां गोलाई लिए होती हैं ! यह लोग अपनी बात पर अड़ जाते हैं, प्राय: यह बिना सोचे समझे भी बात को पकड़ कर अड़ते हैं ! यद्यपि इनकी कल्पना शक्ति तीव्र होती है तथा यह बुद्धिमान भी होते हैं लेकिन अपने निकटवर्ती धोखेबाजों को भी नहीं पहचान पाते हैं ! अक्सर ठगे जाने पर अक्लमंदी दिखाते हैं ! इन्हें असानी से किसी तरफ भी मोड़ा जा सकता है ! यह कामुक स्वभाव के होते हैं तथा अपनी स्त्री के अतिरिक्त भी अन्य स्त्रियों से शारीरिक सम्बन्ध रखते हैं ! दिखने में सरल होते हैं लेकिन अनेक फलितवेत्ता इस बात से सहमत हैं, कि इनमें छिपे तौर पर पाप करने की प्रवृत्ति होती है ! स्वभावत: यह खर्चीले स्वभाव के होते हैं, लेकिन अधिकांश खर्च अपने आराम व शौक पर करते हैं ! इनका घरेलू जीवन अक्सर अस्त व्यस्त होता है, यदि शुभ प्रभाव से युक्त लग्न हो तब इनकी रुचि गुप्त विद्याओं की तरफ हो जाती है ! शुभ प्रभाव वाले लग्न में उत्पन्न होने पर यह कुशल प्रशासक भी होते हैं !
9 धनु_लग्न :
यह लोग अच्छे शारीरिक गठन वाले होते हैं ! शुभ प्रभाव होने पर यह लोग काफी सुन्दर होते हैं ! लग्न पर बुरा प्रभाव होने पर इनके दॉत व नाक मोटे हो जाते हैं ! यह परिश्रमी तथा धैर्यवान होते हैं ! यह लोग जल्दी निर्णय नहीं ले पाते तथा काफी सोच विचार के उपरान्त ही कोई काम करते हैं ! यह जोशीले व आलस्य रहित होते हैं अत: जीवन में यह काफी आगे बढ़ते हैं ! यह लोग अक्सर सत्यवादी तथा ईमानदार भी होते हैं ! लेकिन यदि शनि, राहु या मंगल का प्रभाव लग्न पर हो तब यह प्राय: स्वार्थी व धोखेबाज भी बन जाते हैं ! तब इनकी कथनी व करनी में बहुत अन्तर होता है ! प्राय: यह लोग धनी तथा भाग्यशाली होते हैं !
10.मकर_लग्न:
इस लग्न के लोग लम्बे कद के होते हैं ! इनका शारीरिक विकास धीरे-धीरे होता है ! यह दिखने में कठोर व्यक्तित्व वाले होते हैं ! यह लोग दूसरों की बात को बड़े ध्यान से सुनते हैं तथा सुन-सुनकर ही बहुत कुछ सीख लेते हैं ! इनकी सहन शक्ति बहुत अधिक होती है ! यह लोग हर एक बात को बड़े व्यावहारिक दृष्टिकोण से देखते हैं ! यह लोग धीरे-धीरे सन्तोष से अपना काम करते हैं ! यदि लग्न पर अशुभ प्रभाव हो तब यह लोग धोखेबाज, जेब कतरे, चोर तथा दादागिरी दिखाने वाले हो जाते हैं ! इसके विपरीत शुभ प्रभाव होने पर यह ईमानदार तथा कर्तव्यनिष्ठ होते हैं ! यह लोग अन्धभक्ति करने वाले, स्रेह से सब कुछ न्यौछावर करने वाले तथा शक्ति से वश में न होने वाले होते हैं ! यह लोग बहुत परिश्रमी होते हैं, तथा सबके प्रति बड़ा सेवा भाव रखते हैं ! यदि इनके स्वाभिमान की रक्षा होती रहे तो यह बड़े-बड़े दान-पुण्य के महान कार्य कर जाते हैं ! यह अड़ियल स्वभाव के होते हैं, तथा मुसीबत आने पर सीना तान कर सामना भी करते हैं ! प्राय: यह पुरानी विचार धाराओं को मानने वाले होते हैं !
11.कुम्भ_लग्न :
इस लग्न के व्यक्ति लम्बे कद तथा लम्बी गरदन वाले होते हैं ! यह लोग बहुत सन्तुलित स्वभाव वाले तथा एकान्त प्रिय देखे गए हैं ! संघर्ष करने की इनमें क्षमता होती है ! यह लोग अपने सिद्घान्त के लिए सब कुछ दांव पर लगा सकते हैं ! इनका कभी कभी थोड़े समय के लिए बहुत भाग्योदय हो जाता है ! यह लोग बीस वर्ष के उपरान्त ही सफलता पाना शुरू करते हैं ! इनके काम रातों रात सम्पन्न नहीं हो पाते, अपितु मेहनत से करने पड़ते हैं ! इन्हें अपनी बात समझाकर अपने ढंग से चलाना बड़ा मुश्किल कार्य होता है ! लेकिन बात समझ में आने पर यह पूरी ईमानदारी व तत्परता से उसे मान लेते हैं ! इन्हें जीवन में प्राय: हर सिरे से असन्तोष होता है ! यह लोग अपने असन्तोष को कभी कभी संघर्ष की शक्ल में या विद्रोह के रूप में प्रकट करते हैं ! शारीरिक कष्ट सहने की इनमें अद्भुत क्षमता पाई जाती है ! इनका विवाह थोड़ी देर से तथा अक्सर बेमेल होता है ! यह लोग सबको अपने ढंग से चलाने का प्रयास करते हैं ! प्राय: इनका भाग्योदय स्थायी नहीं रहता है ! फिर भी यह अपने क्षेत्र में बहुत प्रसिद्ध होते हैं !
12.मीन_लग्न :
इस लग्न के व्यक्ति प्राय: छोटे कद के देखे जाते हैं ! इनका माथा औसत शरीर के अनुपात में थोड़ा बड़ा दिखता है ! यह लोग जीवन में बेचैनी का अनुभव करते हैं तथा कभी कभी दार्शनिकता की तरफ झुक जाते हैं ! यह लोग अस्थिर स्वभाव के होते हैं ! इनमें अभिनेता, कवि, चिकित्सक, अध्यापक, या संगीतकार बनने योग्य गुण होते हैं ! इन्हें प्राय: पैतृक सम्पत्ति प्राप्त होती है तथा यह लोग उसे बढ़ाने की पूरी कोशिश करते हैं ! भीतरी तौर पर यह लोग दब्बू तथा डरपोक किस्म के होते हैं ! इन्हें सन्तान अधिक होती है ! तथा यह स्वभाव से उद्यमी नहीं होते हैं ! इन्हें जीवन में अचानक हानि उठानी पड़ सकती है ! यदि वृहस्पति अशुभ स्थानों में अशुभ प्रभाव में हो तब प्रारम्भिक अवस्था में इनके जीवन की सम्भावना क्षीण होती है !
इस तरह हमने जाना कि जन्म लग्न मानव स्वभाव व उसके व्यक्तित्व की संरचना में कितना बड़ा योगदान देता है ! लग्न पर अन्य ग्रहों का प्रभाव होने पर उपर्युक्त गुणों में ग्रह के प्रभाव के अनुसार न्यूनता या अधिकता भी देखी जा सकती है ! यदि लग्नेश बलवान होकर शुभ स्थानों में शुभ ग्रहों से दृष्ट या युत होता है तब बहुत से दोषों को भी दूर कर देता है !
नोट : कमोवेश यही गुण इन राशि के लोगों में भी पाया जाता है !