ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बुध अन्य गुणों के साथ व्यक्ति की वाणी को नियंत्रित करता है। इसकी तासीर शांत और रचनात्मक प्रकृति वाली है। भगवान विष्णु बुध ग्रह पर शासन करते हैं। इसकी महादशा की अवधि 17 वर्ष है। चूंकि बुध को ग्रहों का राजकुमार कहा जाता है, नौजवान है। इसलिए इसकी ऊर्जा तो असीमित है। लेकिन खुद की क्षमता के उचित प्रयोग के मामले में यह अन्य ग्रहों पर निर्भर है। इस ग्रह की युति, संगति जिन ग्रहों के साथ होती है या जिस भाव में बैठा होता है। उसी तरह के गुणों को अपनाकर परिणाम देता है।
बुध वायु तत्व पर शासन करता है। एक मजबूत बुध व्यक्ति को एक अच्छा रणनीतिकार बनाता है। ऐसा व्यक्ति आमतौर पर अच्छा व्यवहार करता है। इसका जुड़ाव बुद्धि, शिक्षा, साहित्य, मित्र, बुआ, भतीजा, व्यवसाय, पेशा, गणित, तर्कशीलता, मध्यस्थ, विज्ञान, ज्ञान, आवाज, प्रकाशन, शिक्षक, प्राध्यापक, व्याख्याता, फूल, लिखित संचार, प्रबंधन, हास्य, सहजता आदि से है। इससे प्रभावित जातक वकील, पत्रकार, सलाहकार या अनुशासन से संबंधित किसी भी क्षेत्र से जुड़े हो सकते हैं। एकाउंटेंट, सॉफ्टवेयर इंजीनियर, राजनीतिज्ञ, शिक्षक, लेखक, ज्योतिषी आदि भी हो सकते हैं।
सूर्य और शुक्र बुध के अनुकूल हैं। सूर्य के साथ बुधादित्य और शुक्र के साथ लक्ष्मीनारायण राजयोग बनाता है। केंद्र में अपनी ही राशि में बैठकर पंच महापुरुष भद्र राजयोग बनाता है। चन्द्रमा बुध ग्रह का शत्रु है। बुध शनि, मंगल और बृहस्पति की ओर उदासीन है। बुध मिथुन और कन्या राशियों का स्वामी है। बुध कन्या यानी अपनी ही राशि में 15 से 20 डिग्री तक उच्च का होता है। मीन राशि में नीच होता है। बुध उत्तरी दिशा पर शासन करता है। इसके पसंदीदा रंग हरे और भूरे हैं। यह 5, 14 और 23 नंबर से भी जुड़ा हो सकता है।
मिथुन और कन्या बुध की राशि हैं। यदि ये चिन्ह लग्न में हैं या बुध इनमें बलवान है, तो व्यक्ति बुध से प्रभावित होता है। बुध से प्रभावित व्यक्ति का स्वभाव प्रेममय होता है। ऐसे व्यक्ति मधुर आवाज, मजाकिया, विनोदी स्वभाव के होते हैं। बुध मुख्य रूप से आवाज और बुद्धि से जुड़ा हुआ है। बुध से प्रभावित व्यक्ति में, दूसरों को प्रभावित करने के लिए की क्षमता होती है। ऐसा व्यक्ति जीवन में उच्चाई प्राप्त करने के लिए अपनी आवाज और बुद्धिमत्ता का उपयोग करता है। दूसरों की तुलना में, बुध से प्रभावित लोग जीवन में जल्दी से उत्थान करने में सक्षम हैं।
बुध के शुभ और अशुभ प्रभाव
यदि बुध अपनी ही राशि (कन्या, मिथुन) में या उत्तम स्थान में है। या इसके साथ कारक ग्रहों सूर्य या शुक्र की युति है, तो यह शुभ परिणाम देता है। शुभ बुध एक व्यक्ति को व्यवहारिकता के साथ अच्छी आवाज वाला बनाता है। ऐसा व्यक्ति बहुत बुद्धिमान होता है। अन्य शुभ परिणामों में परीक्षा में सफलता, हास्य की अच्छी भावना, व्यापार में लाभ आदि शामिल हैं। बुध को लेखकों, कलाकारों, ज्योतिषियों और मूर्तिकारों के लिए शुभ माना जाता है।
वहीं बुध यदि कमजोर, पीड़ित या शत्रु राशि में है तो खराब फल देता है। अशुभ परिणामों में बुद्धि की कमी, शिक्षा में बाधाएं, दुख आदि शामिल हो सकते हैं। वाणी, झगड़े, वाद-विवाद होते रहते हैं। बोलते समय मस्तिष्क और वाणी में समन्वयता नहीं रहती। ऐसा व्यक्ति मानसिक रोग से पीड़ित भी हो सकता है। यदि चन्द्रमा भी कमजोर हो तो अवसाद में आकर जातक घर से बिन बताए गुम हो जाता है या आत्महत्या तक कर लेता है। जातक को नाड़ी तंत्र, मस्तिष्क के ऊपरी भाग, त्वचा, नाक, रीढ़ की हड्डी, गर्दन, नाक, जीभ, गला, केश, चंचलता, मर्दानगी आदि की समस्या हो सकती है।
उपाय – बुध ग्रह को बलवान करने के लिए पेड़ लगाएं। ज्यादा से ज्यादा या कम से कम एक पेड़ तो कहीं भी लगाएं, उसे बड़ा करें। घर में गमलें के पौधों को पानी दें। उनकी समय-समय पर देख भाल करें। गाय को हरा चारा खिलाएं। सुबह नंगे पैर हरी घास पर टहलें। अपनी बुआ, मौसी, भतीजी ,भांजी बहन का सम्मान करें। उनसे अच्छे रिश्ते रखें। अगर उन्हें कोई मदद की जरूरत है तो अपनी तरफ से हरसंभव प्रयास करें। किन्नरों का आशीर्वाद लें। भगवान विष्णु व गणपति का ध्यान-दर्शन करे ।