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15-16 जनवरी को मंगल का विपरीत स्थिति में होना!

क्या आपने सूर्यास्त के बाद पूर्वी आकाश में एक नारंगी-लाल तारे को चमकते हुए देखा है? वह मंगल ग्रह है।

‘विपरीत स्थिति’ (Opposition) एक खगोलीय घटना है जब कोई ग्रह पृथ्वी के ठीक विपरीत दिशा में सूर्य के सामने होता है। इस कारण, विपरीत स्थिति से पहले और बाद के कुछ दिनों तक वह ग्रह बहुत चमकीला दिखाई देता है और पूरी रात नजर आता है।
पृथ्वी और मंगल की कक्षाओं के कारण, मंगल का विपरीत स्थिति में आना हर 26 महीने में होता है – जब पृथ्वी अपनी कक्षा में मंगल को पकड़ लेती है। पिछली बार यह घटना दिसंबर 2022 में हुई थी, और अगली बार यह फरवरी 2027 तक नहीं होगी।

यह रही मंगल की एक तस्वीर, जो मैंने कल खींची थी। इस तस्वीर में मंगल के ध्रुवीय बर्फीले टोपी साफ दिखाई दे रहे हैं। केंद्र में जो धुंधला सफेद पैच दिख रहा है, वे पानी-बर्फ के बादल हैं। मुझे संदेह है (हालांकि 100% निश्चित नहीं हूं) कि ये बादल सौरमंडल के सबसे ऊंचे पर्वत, ओलंपस मॉन्स, के ऊपर बने हुए हो सकते हैं।

खगोल विज्ञान हमें ब्रह्मांड के साथ हमारे जुड़ाव और सितारों व ग्रहों के साथ हमारे गहरे संबंध की याद दिलाता है।
तो जाइए और इस लाल ग्रह को देखने की कोशिश कीजिए, अगर आप कर सकते हैं!

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