👉 जुए का सबसे पुराना उल्लेख ऋग्वेद (मण्डल 10, सूक्त 34) में मिलता है।
यह सूक्त 14 मन्त्रों का है और इसमें जुए के दुष्परिणाम स्पष्ट रूप से बताए गए हैं।
🕉 ऋग्वेद का 4था मन्त्र (10.34.4):
“अन्ये जायायां परिमृषन्त्यस्य…..
👉 यही सत्य महाभारत में भी देखने को मिला।
धर्मराज युधिष्ठिर ने जुए में अपना राज्य, भाई और यहाँ तक कि द्रौपदी तक को दांव पर लगा दिया।
इस एक मोह ने महाभारत जैसे विनाशकारी युद्ध को जन्म दिया।
📖 महाभारत (सभापर्व 67.13):
“जुए के मोह में पड़ा हुआ मनुष्य अपनी सम्पत्ति, मित्र, स्त्री और आत्मसम्मान सब कुछ खो देता है।”
आज भी जुआ और तरह-तरह के ऑनलाइन गेमिंग स्कैम लोगों को बर्बादी की ओर ले जा रहे हैं।
इसलिए –
आइए हम इतिहास से सीखें और इस विनाशकारी आदत से दूर रहें।
🕉 “धर्मो रक्षति रक्षितः” – धर्म की रक्षा करने वाला सदैव सुरक्षित रहता है।
संदेश साफ है – जुए से बचें, परिवार और समाज की रक्षा करें।