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जरूरी नहीं कि आप अपना DNA Test ही कराएं

 हिन्दू घर मे जन्में हो और हिन्दुत्व से नफरत है तो समझ जाओ कि लोचा हो चुका है

 

मैं अक्सर ये देख कर बहुत हैरान होता था कि ढेरों घटनाओं के बावजूद कुछ हिंदू लोग मुसलमानों की पैरवी क्यों करते हैं ?

 

और उनकी भाषा क्यों बोलते हैं?

 

एक जानकर ने ये एक घटना बताई

 

घटना महाराजा रणजीत सिंह के समय की है। एक गाय ने अपने सींग एक दीवार की बागड़ में कुछ ऐसे फंसाए कि बहुत कोशिश के बाद भी वह उसे  निकाल नही पा रही थी.. भीड़ इकट्ठी हो गई,लोग गाय को निकालने के लिए तरह तरह के सुझाव देने लगे । सबका ध्यान एक ही और था कि गाय को कोई कष्ट ना हो।

तभी एक व्यक्ति आया और आते ही बोला कि गाय के सींग काट दो। यह सुनकर भीड़ में सन्नाटा छा गया।

 

खैर घर के मालिक ने दीवाल को गिराकर गाय को सुरक्षित निकल लिया। गौ माता के सुरक्षित निकल आने पर सभी प्रसन्न हुए, किन्तु गौ के सींग काटने की बात महाराजा तक पहुंची। महाराजा ने उस व्यक्ति को तलब किया। उससे पूछा गया क्या नाम है तेरा ?

 

 उस व्यक्ति ने अपना परिचय देते हुए नाम बताया दुलीचन्द।  पिता का नाम – सोमचंद  जो एक लड़ाई में मारा जा चुका था। महाराजा ने उसकी अधेड़ माँ को बुलवाकर पूछा तो माँ ने भी यही सब दोहराया, किन्तु महाराजा असंतुष्ट थे।

 

 उन्होंने जब उस महिला से सख्ती से पूछताछ करवाई तो पता चला कि  उसके अवैध संबंध उसके पड़ोसी समसुद्दीन से हो गए थे। और ये लड़का  दुलीचंद उसी समसुद्दीन की औलाद है, सोमचन्द की नहीं। महाराजा का संदेह सही साबित हुआ।

 

उन्होंने अपने दरबारियों से कहा कि कोई भी शुद्ध सनातनी हिन्दू रक्त अपनी संस्कृति, अपनी मातृ भूमि, और अपनी गौ माता के अरिष्ट,अपमान और उसके  पराभाव को सहन नही कर सकता जैसे ही मैंने सुना कि दुली चंद ने गाय के सींग काटने की बात की, तभी मुझे यह अहसास हो गया था कि हो ना हो इसके रक्त में अशुद्धता आ गई है। सोमचन्द की औलाद ऐसा नहीं सोच सकती तभी तो वह समसुद्दीन की औलाद निकला

 आज भी  हमारे समाज में सन ऑफ सोमचन्द की आड़ में बहुत से सन ऑफ समसुद्दीन घुस आए हैं।

 

इन्ही में ऐसे राजनेता, पत्रकार एक्टिविस्ट  भी शामिल हैं जिनका नाम हिन्दू है लेकिन वे अपने लालच में न सिर्फ सनातन संस्कृति का अपमान करते हैं बल्कि इसे मिटाने पर भी तुले हुए हैं। जो अपनी हिन्दू सभ्यता संस्कृति पर आघात करते हैं। और उसे देख कर खुश होते हैं।

 

हमें इन छुपे हुए नकली हिंदुओं समशुद्दीनों की औलादों को पहचानने की जरूरत है।

 

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