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क्या आपकी तुलसी माला असली है? इसे कैसे बनाया जाता है और कौन बनाता है?

तुलसी माला हिंदू धर्म में एक पवित्र और आध्यात्मिक प्रतीक है। इसे जप माला के रूप में उपयोग किया जाता है और इसे भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की पूजा में अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी तुलसी माला असली है या नहीं? इसे कैसे बनाया जाता है और कौन इसे बनाता है? आइए इन सवालों के जवाब विस्तार से जानते हैं।

 

तुलसी माला: पहचान और असली होने के संकेत

 

असली तुलसी माला की पहचान करना बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि आजकल बाजार में नकली मालाओं की भरमार है। असली तुलसी माला को पहचानने के लिए आप निम्नलिखित बिंदुओं का ध्यान रख सकते हैं:

 

1.सुगंध:

असली तुलसी माला से हल्की और प्राकृतिक तुलसी की खुशबू आती है।

 

2.रंग और बनावट:

असली तुलसी के मोती हल्के भूरे या सफेद रंग के होते हैं, और उनकी सतह पर प्राकृतिक रेखाएं या निशान होते हैं।

 

3.पानी में तैरना:

असली तुलसी माला को पानी में डालने पर यह पानी के ऊपर तैरती है।

 

4.पवित्रता का एहसास:

इसे पहनने से एक आध्यात्मिक शांति और ऊर्जा का अनुभव होता है।

तुलसी माला कैसे बनाई जाती है?

 

तुलसी माला को बनाने की प्रक्रिया एक जटिल और मेहनत भरी होती है। इसके हर चरण में पवित्रता और शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाता है।

 

  1. तुलसी की लकड़ी का चयन: तुलसी माला बनाने के लिए तुलसी के पौधे की सूखी शाखाओं और लकड़ी का उपयोग किया जाता है।

 

  1. लकड़ी की सफाई: लकड़ी को अच्छी तरह से साफ किया जाता है और इसमें से छोटे-छोटे टुकड़े काटे जाते हैं।

 

  1. मोती तैयार करना: तुलसी की लकड़ी के इन टुकड़ों को गोल आकार में तराशा जाता है।

 

  1. छेद करना: हर मोती में छोटे-छोटे छेद किए जाते हैं ताकि इन्हें धागे में पिरोया जा सके।

 

  1. धागे में पिरोना: मोतियों को पवित्र धागे में पिरोकर माला का रूप दिया जाता है। माला में आमतौर पर 108 मोती होते हैं।

 

  1. पूजन: माला तैयार होने के बाद इसे पवित्र स्थान पर रखा जाता है और भगवान के चरणों में अर्पित किया जाता है।

 

 

तुलसी माला कौन बनाता है?

 

तुलसी माला को बनाने का कार्य सामान्यतः ऐसे परिवारों या समुदायों द्वारा किया जाता है जो परंपरागत रूप से इस कार्य में निपुण होते हैं। ये लोग उत्तर प्रदेश, राजस्थान, और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में रहते हैं।

 

  • कुशल कारीगर: माला बनाने वाले कारीगर इस काम में विशेषज्ञ होते हैं। वे तुलसी की लकड़ी को ध्यान और भक्ति के साथ तराशते हैं।

 

  • आध्यात्मिक दृष्टिकोण: ये कारीगर माला बनाने के दौरान मंत्रों का जाप करते हैं और इसे एक पवित्र कर्म मानते हैं।

 

 

हम हिंदुओं को कैसे मुस्लिम कारीगरों द्वारा बेवकूफ बनाया जाता है?

 

 

आजकल बाजार में नकली तुलसी मालाओं की संख्या बढ़ती जा रही है, और इसके पीछे मुख्य कारण है अनजान और गैर-प्रामाणिक विक्रेताओं से मालाएं खरीदना। इसमें कई बार ऐसा देखा गया है कि कुछ मुस्लिम कारीगर, जो तुलसी माला के निर्माण और बिक्री में भी शामिल होते हैं, हिंदू उपभोक्ताओं की धार्मिक भावनाओं का फायदा उठाते हैं।

 

 

  • नकली सामग्री का उपयोग: असली तुलसी की जगह सस्ती लकड़ी या प्लास्टिक का उपयोग करके नकली मालाएं बनाई जाती हैं, जो देखने में असली तुलसी माला जैसी लगती हैं।

 

  • प्रामाणिकता का दावा: ऐसे विक्रेता और कारीगर माला को “पवित्र” और “असली” बताकर उच्च कीमतों पर बेचते हैं, जबकि माला असली तुलसी से बनी हुई नहीं होती।

 

  • धार्मिक भावनाओं का लाभ: हिंदू धर्म के अनुयायी तुलसी माला को अपनी पूजा और भक्ति में अत्यंत महत्वपूर्ण मानते हैं, और इसी आस्था का कुछ लोग गलत तरीके से लाभ उठाते हैं।
कैसे बचें ऐसे धोखाधड़ी से?

 

  1. प्रमाणित विक्रेता से ही खरीदें: ऐसे विक्रेता को चुनें जो हिंदू धर्म की वस्तुओं के प्रामाणिक और पवित्र निर्माण के लिए जाने जाते हैं।
  2. असली और नकली की पहचान करें: असली तुलसी माला के संकेतों (जैसे रंग, बनावट, और सुगंध) को समझें।
  3. स्थानीय निर्माताओं का समर्थन करें: उन विक्रेताओं और कारीगरों को प्रोत्साहित करें जो परंपरागत हिंदू तरीकों से मालाएं बनाते हैं।
  4. रिसर्च करें: किसी भी विक्रेता से खरीदने से पहले उनके बारे में पूरी जानकारी जुटाएं और उनकी प्रतिष्ठा जांचें।

 

यह सुनिश्चित करना हमारा कर्तव्य है कि हमारी धार्मिक वस्तुएं न केवल प्रामाणिक हों, बल्कि उन्हें ऐसे लोगों द्वारा बनाया गया हो जो हमारी संस्कृति और परंपराओं का आदर करते हों। जागरूक रहकर और सही विक्रेता चुनकर हम अपनी आस्था और पूजा की शुद्धता को बनाए रख सकते हैं।

तो, अगली बार जब आप तुलसी माला खरीदें, तो ध्यान रखें कि यह असली हो और इसे खरीदते समय ऊपर बताए गए संकेतों का पालन करें।

आप सभी लोगों से निवेदन है कि हमारी पोस्ट अधिक से अधिक शेयर करें जिससे अधिक से अधिक लोगों को पोस्ट पढ़कर फायदा मिले |
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