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आज के समय में समय से विवाह न होना एक बड़ी समस्या है

आज के समय में समय से विवाह न होना एक बड़ी समस्या है

और उससे बड़ी समस्या तो यह है कि उम्र बहुत ज्यादा हो जाना इतनी उम्र हो जाना जहाँ की विवाह होने की  गुंजाइश ही खत्म हो जाये, लेकिन ऐसी स्थिति भी है और विवाह होने के योग है तब शादी तो होगी लेकिन विवाह होने के योग न होंगे तब लाख कोशिशों के बाद भी विवाह नही होगी और कुँवारा ही रहना पड़ेगा।

कुंडली का 7वा भाव अगर बलवान है विवाह सम्बन्धी ग्रहो गुरु शुक्र या शुभ ग्रहों बुध चन्द्र से सम्बंध किया हुआ है तब विवाह होगी।बाकी अगर अब 7वे भाव स्वामी ग्रह नीच राशि मे बैठकर पाप ग्रहों शनि राहु केतु मंगल या इनमे से किन्ही दो ग्रहो से भी पीड़ित है और 7वे भाव पर शुभ ग्रहों की दृष्टि नही है शुक्र/गुरु भी कमजोर है तब विवाह नही हो पायेगा आजीवन कुँआरा रहना पड़ेगा, अगर हाँ विवाह कारक ग्रहो शुक्र गुरु या फिर शुक्र या गुरु सहित शुभ ग्रहों चन्द्र बुध जैसे लाभकारी ग्रहो का सम्बंध 7वे भाव या 7वे भाव स्वामी से है तब शादी होगी भले ही 7वे भाव/7वे भाव स्वामी शनि राहु केतु मंगल जैसे ग्रहो से पीड़ित या सम्बन्ध में क्यों न हो।बाकी अगर जन्मकुंडली का 7वा भाव और 7वे भाव स्वामी बहुत ज्यादा पाप ग्रहों के प्रभाव में है लेकिन विवाह कारक ग्रहो शुक्र गुरु का प्रभाव या सम्बन्ध भी 7वे भाव/7वे भाव स्वामी से है विवाह होगा लेकिन देर से होगा जब विवाह न होने की उम्र आ जाये जैसे 35 से 36-37 साल बाद विवाह होगा।

बाकी जन्मकुंडली में विवाह न होने मतलब कुँवारा रहने योग है तब नवमांश कुंडली के 7वे भाव से विवाह कारक ग्रहो गुरु या शुक्र चन्द्र का सबन्ध है तब विवाह जरूर होगी।

अब अगर विवाह नही हो पा रही है या बहुत उम्र हो चुकी है तब अब कुछ उदाहरणो से समझते है शादि होगी तो कब तक होगी और नही होगी तो कौन लोग रहेंगे कुँवारे।

 

 

उदाहरण_अनुसार_वृष_लग्न 1:
 

 

वृषलग्न 7वे भाव स्वामी मंगल बलवान है और विवाह के कारक शुक्र/गुरु भी बलवान होकर कुंडली मे शुभ स्थिति में बैठे है तब विवाह होगी और 7वे भाव या सातवे भाव स्वामी मंगल के साथ विवाह कारक ग्रहो गुरु शुक्र संबध बना रहे है या चन्द्र बुध सम्बन्ध बना रहे है तब विवाह जल्दी होगी।बाकी शनि राहु केतु मंगल का सम्बंध भी हुआ तब विवाह तो होगी लेकिन बहुत देर से और जब विवाह न होने की उम्मीद दिखने लगेंगी तब विवाह हो पाएगी।

उदाहरण_अनुसार_सिंह_लग्न2:-
 

 

सिंह लग्न 7वे भाव स्वामी शनि है  अब शनि बलवान होकर बैठे है शुभ ग्रहों गुरु शुक्र बुध इनसे संबध में है शुक्र/गुरु बलवान है तब विवाह होगी और जल्दी होगी।बाकी शनि यहाँ 6/8/12भाव मे बैठकर मंगल राहु केतु से पीड़ित है तब विवाह हो नही पाएगी लेकिन विवाह न होने के ऐसे योग है लेकिन विवाह कारक ग्रह गुरु शुक्र 7वे घर या 7वे घर स्वामी शनि को दृष्टि से देख रहे है तब विवाह जरूर होगी लेकिन देर से उम्र लगभग 40 तक भी जाएगी विवाह होने की, इस कारण विवाह होने की आस आप रख सकते है ऐसी स्थिति में।।

 

 

उदाहरण_अनुसार_मकर_लग्न3:-
 

 

मकर लग्न में 7वे भाव स्वामी चन्द्रमा पर और 7वे भाव पर केवल पाप ग्रहों(विवाह सुख से वंचित रखने वाले पाप ग्रहों) शनि राहु केतु मंगल का प्रभाव या सम्बन्ध है तब विवाह नही होगी, लेकिन अगर शुभ ग्रह गुरु शुक्र 7वे भाव या चन्द्र से यहाँ सम्बन्ध युति या दृष्टि से बना रहे है तब विवाह होगी लेकिन बहुत देर से 38-40उम्र तक विवाह होगी।।                                                              

बाकी नवमांश कुंडली मे विवाह अच्छी और जल्दी होने के और विवाह  होने के योग है तब विवाह होंगी भले ही जन्मकुंडली विवाह न करा पा रही हो तो विवाह होगी या कुँवारे रहेंगे इसका निर्णय कुण्डली से करके जीवन को एक दिशा दे सकते है।।

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