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जुड़वा बच्चे है तो जीवन कैसा रहेगा दोनो का।

व्यक्ति बहुत भाग्यशाली होते है जिन्हें दो बच्चों का सुख एक साथ मिलता है जैसे एक ही समय मे एक साथ दो बच्चों मतलब जुड़वा बच्चों का जन्म होना।यहाँ बात जुड़वा बच्चों की कुंडली पर ही करनी है, जुड़वा होने पर एक ही समय मे जन्मे जुड़वा बच्चों का व्यवहार, रूप रंग, कैरियर, सोच-विचार में अंतर होता है, तब यहाँ यह शंका रहती है फिर एक ही समय पर जन्म लेने पर जुड़वा बच्चों का व्यवहार, स्थिति, कैरियर, शिक्षा, सोच-विचार अलग कैसे अब इसी विषय पर बात करते है।।                                                                              

जब दो जुड़वा बच्चों का जन्म होता है तब एक साथ एक समय पर नही होता है क्योंकि जब तक बच्चा माँ के गर्भ में है और बाहर नही आ जाता तब तक जन्म नही माना जाता है ऐसी स्थिति में जब जुड़वा बच्चों का जन्म होता है तब पहले बच्चे को माँ के गर्भ से बाहर आने में 2 से 3मिनट या कुछ ज्यादा समय लग सकता है फिर इतना ही समय लगभग दूसरे बच्चे को गर्भ से बाहर आने में लगता है, जैसे माँ के गर्भ में जुड़वा बच्चे है अब माना पहला बच्चा गर्भ से बाहर आया 10बजे और दूसरा बच्चा बाहर 10बजेकर 4मिनट पर बाहर आया तो पहले बच्चे का जन्म 10बजे माना जायेगा और दूसरे का 10बजकर 4मिनट।अब यहाँ क्या हुआ दोनो के जन्म में 4मिनट का अंतर हो गया अब ऐसे स्थिति में लग्न जो कि कुंडली का बनेगा वह तो एक ही हो सकता है लेकिन नवमांश कुण्डली बदल जाएगी और ग्रहो की दशाओ में भी अंतर आएगा।क्योंकि एक नवमांश 3 मिनट40सेकंड में बदल जाता है, और 3 या साढ़े 3मिनट का अंतर भी जुड़वा बच्चों में है तब फलादेश पर बहुत अंतर आएगा और अन्य वर्ग कुण्डलिया जैसे सप्तमांश, दशमांश, द्रेष्काण आदि के लग्न अलग-अलग होंगे, पर हां लग्न कुंडली एक जैसी ही रहेगी।3 या 4 मिनट के अंतर में ग्रहो दशाओ में भी अंतर आएगा।इस कारण जुड़वा बच्चे सबसे पहले तो एक ही समय पर नही होते उनमें 2 या 3 या ज्यादा मिनट का अंतर हो सकता है और यही अंतर कुंडली और ग्रह दशाएं बदल देगा, बच्चे जुड़वा है, कुण्डलिया जुड़वा नही है क्योंकि कोई फलादेश पूरी तरह से केवल लग्न कुंडली से नही होता उसके साथ नवमांश कुंडली और अन्य वर्ग कुंडलियो की जांच भी जरूरी होती है।

अब इस बात को एक उदाहरण से समझे।                                                         

 

उदाहरण_अनुसार:-

माना दो जुड़वा बच्चों का जन्म हुआ है और दोनो के जन्म समय मे 3मिनट का अंतर है और उस समय 3मिनट के अंदर ग्रह दशाएं और नवांश बदलने वाले थे या कोई ग्रह राशि उसी समय बदलने वाला था तब फल में अंतर आएंगे जैसे दोनो जुड़वा बच्चों की कुंडली मेष लग्न की बनी लेकिन लग्न के अंश थे माना 29 और यह  ढाई मिनट में बदल रहे थे जिससे दूसरा लग्न शुरू हो गया और दूसरे बच्चे का जन्म हुआ 3मिनट बाद तब इस ढाई मिनट के अंदर लग्न बदलने से 3मिनट बाद जो लग्न बनेगा वो वृष बनेगा क्योंकि मेष लग्न के बाद वृष लग्न होता है तो दोनो जुड़वा बच्चों की कुण्डली बदल जाएगी।।                                                                                             

 

लेकिन माना लग्न एक ही अब 43मिनट का अंतर है तब क्या होगा यहाँ नवमांश और अन्य वर्ग कुंडलिया बदल जाएगी जिससे जीवन पर असर पड़ेगा और फलादेश पर अंतर आएगा।इस तरह 3 या 4मिनट में ग्रह दशाओ में भी अंतर हो जाता है, वर्ग कुंडलियो में अंतर आ जाता है और कभी कभी खुद लग्न कुंडली मे या लग्न कुंडली के ग्रहो में अंतर आ जाता है।।                                                                            

 

सबसे बड़ी 3 से 4मिनट में ग्रहो की भाव मे बैठने की स्थिति में चलित कुण्डली में अंतर आ जाता है।इस तरह से जुड़वा बच्चों की लग्न कुंडली के साथ अन्य सभी वर्ग कुंडली , चलित आदि का अध्ययन जरूर किया जाता है।

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